
Uttar Pradesh politics
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CM Yogi Hindutva Card: उत्तर प्रदेश की राजनीति इस वक्त गरमा गई है। यूपी के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से आई लव मोहम्मद को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। कानपुर से शुरू हुआ यह विवाद बरेली में तेज हो गया। यहां बीते दिन जुमे की नमाज के बाद आई लव मोहम्मद के समर्थन में कुछ लोग जुलूस निकाले, जिसके बाद बवाल मच गया। इन सबके बीच आज, शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली विवाद पर एक ऐसा बयान दिया, जिसने इस विवाद को और हवा दे दिया।
सीएम योगी ने कहा कि ये मौलाना भूल गए कि यूपी में सरकार किसकी है। कहा था कि धमकी देंगे कि शहर जाम कर देंगे। हमने कहा ना तो जाम होगा और ना ही कर्फ्यू लगेगा, बल्कि ऐसा सबक सिखायेंगे की आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी और दंगे करने से पहले दो बार सोचेंगी।
सीएम योगी ने यह बयान लखनऊ में ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान दिया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब सीएम योगी ने इस तरह के बयान दिये। योगी के इन बयानों से कहीं न कहीं राइट विंग के एजेंडे बुलंद हुये हैं, और इससे पार्टी को काफी राजनीतिक लाभ मिले हैं। आइये इसी से जुड़े कुछ उदाहरण जानते हैं।
सीएम योगी के हिंदू-मुसलमान को लेकर दिये गये बयान
1. सीएम योगी ने इसी साल जुलाई महीने में कांवड़ यात्रा और मुहर्रम को लेकर हुये विवाद पर एक बयान दिया था, जो खूब सुर्खियों में रही। यह बयान सीएम योगी ने वाराणसी में भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्धाटन समारोह में दिया था। उस दौरान उन्होंने कहा था, मुहर्रम के लिए सरकार ने कुछ नियम तय किये थे, उदाहरण के रूप में, ताजिये की लंबाई सीमित करने का आदेश था, लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर इस नियम का उल्लंघन किया।वहीं उपद्रव की नीयत से रास्ते जाम करने की कोशिश की गई, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करने का आदेश दिया गया, क्योंकि ‘लातों के भूत बातों से नहीं मान सकते।’
2. सीएम योगी का एक बयान और खूब सुर्खियों में था, जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर वे एक मारेंगे, तो हम दस मारेंगे।” इससे उनके समर्थकों में जोश और उत्साह बढ़ा था। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बयान बताया था।
3. सीएम योगी ने एक बार बयान दिया था कि “राम का नाम लेने वालों को डरने की जरूरत नहीं,” जो सीधे तौर पर हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में माना गया।
4. एक अन्य बयान में सीएम योगी ने कहा था, “80 बनाम 20 की लड़ाई।” यह बयान काफी ज्यादा चर्चा में रहा और इन बयानों ने समाज में मतभेद और ध्रुवीकरण को उजागर किया था।
यूपी की राजनीति में क्या असर डालते हैं ऐसे बयान
वोट बैंक मजबूत करना: सीएम योगी के इस तरह के बयान सीधे उनके मुख्य समर्थक वर्ग को सक्रिय और संगठित करता है।
ध्रुवीकरण बढ़ाना: समाज में धार्मिक और राजनीतिक पहचान के आधार पर मतभेद और प्रतिस्पर्धा गहरी होती है।
चुनावी लाभ: ऐसे बयान अक्सर चुनावों के दौरान सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाते हैं, क्योंकि वे अपने समर्थकों में उत्साह और राजनीतिक एकजुटता पैदा करते हैं।
कुल मिलाकर सीएम योगी के इस तरह के बयान उत्तर प्रदेश की राजनीति के माहौल और चुनावी रणनीति को काफी हद तक प्रभावित करते हैं।