
Raja Bhaiya
Raja Bhaiya
Raja Bhaiya News: यूपी में इन दिनों प्रतापगढ़ जिले के बाहुबली राजा भैया की चर्चा खूब है। इनका पूरा नाम रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया है। इनका नाम सुनते ही उत्तर प्रदेश की सियासत और गांव-कस्बों की चौपालों में एक अलग किस्म की दहशत और दबदबा महसूस किया जाता था। कहा जाता है कि उनके इलाके में उनकी इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था। विरोधी भी उनकी ताकत को मानते थे और समर्थक उन्हें रॉबिनहुड की तरह देखते थे। सत्ता में हों या जेल की सलाखों के पीछे, राजा भैया का रसूख कम नहीं हुआ। यही वजह थी कि उनके खिलाफ केस दर्ज हुए, जेल यात्राएं हुईं, लेकिन जनता के बीच उनकी पकड़ और खौफ दोनों कायम रहे।
राजा भैया पर कैसे लगा आतंकवादी का ठप्पा
साल था 2002… यूपी की राजनीति में भूचाल आने वाले दिन थे। बीजेपी और बसपा का गठबंधन सत्ता में था, और उस वक्त मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मायावती बैठी थीं।
कहानी की शुरुआत लखनऊ के एक चौराहे से होती है। कहते हैं कि भाजपा विधायक पूरन सिंह का दावा था कि राजा भैया अपनी काली चमचमाती गाड़ी से उतरे, हाथ में बंदूक थी, माथे पर सटाई और फरमान सुनाया कि “मुलायम सिंह जिंदाबाद बोलो।” लेकिन पूरन सिंह ने बोलने से इनकार कर दिया।
यहीं से पूरा खेल शुरू हो गया। पूरन ने थाने जाकर राजा भैया के खिलाफ किडनैपिंग का मुकदमा लिखवाया। मामला सीधा मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंचा। और फिर क्या था, बिना देर किए राजा भैया पर पोटा का शिकंजा कस दिया गया। अचानक वो एक नेता से “आतंकी” घोषित कर दिए गए और जेल की सलाखों के पीछे डाल दिए गए।
जेल की अंधेरी रातें और सियासत की रौशनी
कहते हैं, राजा भैया ने मायावती के खिलाफ कुछ तीखे और आपत्तिजनक शब्द कह दिए थे। उस एक चिंगारी ने पूरे जंगल को आग की तरह जला दिया। मायावती का पूरा कार्यकाल बीता, लेकिन राजा जेल की सलाखों से बाहर नहीं निकल पाए।
इसी दौरान किस्मत ने उनके जीवन में एक नया मोड़ दिया। राजा भैया पिता बने। उनकी पत्नी ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया। मगर किस्मत की विडंबना देखिए, जेल की सलाखों के पीछे कैद राजा अपने बेटों को मुंह तक नहीं देख पाये।

गांव-कस्बों में आज भी लोग कहते हैं कि 2002 में राजनीति सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि व्यक्तिगत भी हो गई थी। मायावती और राजा भैया की जंग सत्ता और सम्मान दोनों की थी। राजा पर आतंकी का ठप्पा लगाया गया, लेकिन यह दाग भी उनकी सियासत का हिस्सा बन गया। कहते हैं, दुश्मनों ने उन्हें तोड़ना चाहा, लेकिन यही घटनाएं आगे चलकर उन्हें और भी मजबूत बनाती गईं।
परिवारिक विवाद के चलते हैं सुर्खियों में
इस वक्त राजा भैया परिवार में चल रहे विवाद के कारण चर्चा में हैं। दरअसल, राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच तलाक की प्रक्रिया चल रही, और अब दोनों के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों उनकी बड़ी बेटी राघवी सिंह ने पहली बार सामने आकर इस विवाद पर टिप्पणी की। उन्होंने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि यूपी में न्याय मांगने की कोशिश कीजिए, तो आप पर ही 10 मुकदमे और हो जाते हैं।
दरअसल, यह मामला तब ज्यादा सुर्खियों में आया, जब भानवी सिंह के बेटे शिवराज ने दावा किया कि भानवी सिंह अपनी बीमार मां को जूतों से पीट रही। इसी के साथ कुंडा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अरुणा सिंह ने राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि भानवी सिंह ने हमारे नेता अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की।