
Pawan Singh Bihar Election: बिहार की राजनीति में इस समय बड़ा ही दिलचस्प मोड़ आता दिखाई दे रहा है। सिनेमा की चकाचौंध से लेकर सियासत की चौपाल तक, अब एक और चेहरा अपनी मौजूदगी दर्ज कराने को तैयार है। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और लाखों दिलों की धड़कन पवन सिंह मंगलवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात करने वाले हैं। यह मुलाकात दिल्ली स्थित उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर सुबह 10 बजे तय है और इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
चुनावी मंच पर पवन सिंह
सूत्रों की मानें तो पवन सिंह की इस मुलाकात के पीछे बड़ा राजनीतिक संदेश छिपा है। खबर है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरा विधानसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। लंबे समय से वह एनडीए के समर्थक माने जाते रहे हैं और कई बार भाजपा और उसके सहयोगियों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे में अब यह साफ होता दिख रहा है कि पवन सिंह केवल गाने और फिल्मों तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि जनता के बीच नेता के तौर पर भी अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
आरा सीट की अहमियत
आरा विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में खास जगह रखती है। पिछले 25 सालों में यहां 20 साल तक भाजपा का कब्जा रहा है। यह वही क्षेत्र है जहां साल 2000 में भाजपा ने अपनी पहली बड़ी जीत दर्ज की थी। अमरेंद्र प्रताप सिंह इस सीट से लगातार पांच बार जीतकर भाजपा का किला मजबूत करते रहे हैं। ऐसे में पवन सिंह का नाम सामने आना इस चुनाव को बेहद दिलचस्प बना सकता है।
भोजपुर में पवन सिंह का दबदबा
पवन सिंह का भोजपुर इलाके में बड़ा फैन बेस है। उनके गाने, उनकी फिल्में और उनकी आवाज़ का जादू यहां के आम लोगों को बेहद करीब से छूता है। भोजपुरी सिनेमा के जरिए उन्होंने न सिर्फ मनोरंजन की दुनिया में नाम कमाया बल्कि अपने क्षेत्रीय जुड़ाव को भी मजबूत किया। यही वजह है कि अगर एनडीए उन्हें आरा से उम्मीदवार बनाता है, तो मैदान का समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।
कलाकार से नेता बनने की परंपरा
भोजपुरी सिनेमा से राजनीति का रिश्ता कोई नया नहीं है। मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव “निरहुआ” पहले ही इस राह पर चल चुके हैं और अब संसद की चौखट तक पहुंच चुके हैं। पवन सिंह की एंट्री इस कड़ी का नया अध्याय हो सकती है। अगर वह आरा से मैदान में उतरते हैं, तो जनता का उत्साह और सियासत का रंग दोनों और गहरा हो जाएगा।
फिलहाल तो यह मुलाकात बिहार की राजनीति में एक नई हलचल की तरह है। मंगलवार को कुशवाहा और पवन सिंह की बातचीत क्या रूप लेती है, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा। लेकिन इतना तय है कि पवन सिंह का सियासी सफर शुरू हुआ तो आरा से लेकर पूरे बिहार तक चुनावी माहौल और भी रोमांचक हो जाएगा।