
Grand Egyptian Museum to Open in 2025
Grand Egyptian Museum to Open in 2025
Grand Egyptian Museum to Open in 2025: रेगिस्तान की सुनहरी रेत, विशालकाय नील नदी के प्राकृतिक नजारों के साथ पिरामिड्स की रहस्यमयी ऊंचाइयों के बीच बसा मिस्र हमेशा से दुनिया भर के यात्रियों के लिए जादू से भरी जगह रहा है। अब इसी धरती पर एक और चमत्कार जन्म लेने जा रहा है। वह है ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (Grand Egyptian Museum)। गीजा के पिरामिड्स के बिल्कुल पास बना यह विशाल संग्रहालय न केवल मिस्र की प्राचीन सभ्यता का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक आर्किटेक्चर और तकनीक का शानदार नमूना भी है। बीस साल से अधिक समय से निर्माणाधीन यह म्यूजियम आखिरकार नवंबर 2025 में अपने द्वार आम जनता के लिए खोलने जा रहा है। इसे देखने के बाद शायद ही कोई यहां मौजूद अद्भुत और प्राचीन स्थापत्य कला की कारीगरी से प्रभावित हुए बिना रह पाएगा। क्योंकि यहां हर पत्थर, हर मूर्ति और हर आर्ट इफेक्ट अपने भीतर एक ऐतिहासिक कहानी समेटे हुए है। आइए जानते हैं इजिप्शियन म्यूजियम से जुड़ी जानकारियों के बारे में –
इतिहास और आधुनिकता का संगम
मिस्र के गीजा के पिरामिड्स के पास बनने वाला ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (Grand Egyptian Museum) अब आखिरकार अपने भव्य उद्घाटन के लिए तैयार है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा पुरातात्विक म्यूजियम कहा जा रहा है। लगभग दो दशक तक चले इसके निर्माण कार्य के बाद यह म्यूजियम अब 4 नवंबर 2025 को आम जनता के लिए अपने दरवाज़े खोलने जा रहा है। मिस्र सरकार के लिए यह सिर्फ एक म्यूजियम नहीं, बल्कि अपनी हजारों साल पुरानी सभ्यता को आधुनिक रूप में पेश करने का एक ऐतिहासिक पल भी है।
यह म्यूजियम गीजा प्लेटो पर स्थित है, यानी पिरामिड्स के बिल्कुल पास। इसका मतलब है कि पर्यटक एक ही जगह पर इतिहास की गहराई और आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत मेल देख सकेंगे। संग्रहालय की विशाल इमारत 480,000 वर्ग मीटर में फैली है, जिसमें 50,000 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में प्राचीन मिस्र की वस्तुएं एक ही जगह देखने को मिलेंगी। इसका डिज़ाइन आयरिश आर्किटेक्ट्स ने तैयार किया है, जिसमें पारंपरिक मिस्री ज्यामिति और आधुनिक ग्लास स्ट्रक्चर का सुंदर मिश्रण है। जैसे ही कोई आगंतुक प्रवेश करता है, सामने 11 मीटर ऊंची रैमसेस द्वितीय की मूर्ति आगंतुकों का स्वागत करती हुई दिखाई देती है। यह मूर्ति स्वयं में एक ऐतिहासिक प्रतीक है।
म्यूजियम का सबसे चर्चित आकर्षण है टुटनखामुन गैलरी का जादू
म्यूजियम का सबसे चर्चित आकर्षण है किंग टुटनखामुन गैलरी। यह हिस्सा पूरी तरह उस प्रसिद्ध फिरौन को समर्पित है जिसकी कब्र 1922 में खोजी गई थी। यहां टुटनखामुन से जुड़ी 5,000 से ज्यादा वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें उनका सुनहरा मुखौटा, गहने, वस्त्र और निजी सामान शामिल हैं। खास बात यह है कि इनमें से लगभग 60 प्रतिशत वस्तुएं जनता के सामने पहली बार रखी जा रही हैं।
यह गैलरी सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि मिस्र की एक रोचक कहानी पेश करती है। एक ऐसे युवा राजा की कहानी, जिसकी रहस्यमयी मृत्यु ने आज तक इतिहासकारों को चकित कर रखा है। आधुनिक तकनीक और प्रकाश व्यवस्था की मदद से इस गैलरी को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि हर वस्तु खुद अपनी कहानी कहती प्रतीत होती है।
फिरौन की आत्मा की यात्रा का प्रतीक है सोलर बोट म्यूजियम
ग्रैंड म्यूजियम का एक और बड़ा आकर्षण है खुफू की सोलर बोट। यह वही नाव है जिसे गीजा पिरामिड के पास से निकाला गया था और माना जाता है कि इसे फिरौन की आत्मा की परलोक यात्रा के लिए बनाया गया था। इस नाव की लंबाई लगभग 42 मीटर है और यह पूरी तरह लकड़ी से बनी है।
म्यूजियम के अंदर इसे विशेष नियंत्रित वातावरण में प्रदर्शित किया गया है ताकि इसकी संरचना सुरक्षित बनी रहे। नई तकनीक के जरिए इसे इस तरह पेश किया गया है कि देखने वालों को ऐसा लगे मानो यह नाव अभी-अभी पिरामिड से निकली हो। यह अनुभूति मिस्र की प्राचीन धार्मिक मान्यताओं और इंजीनियरिंग कौशल दोनों को एक साथ जीवंत कर देती है।
खुलने से पहले चल रहीं भव्य तैयारियां
इस म्यूजियम को भव्य तरीके से लॉन्च करने की तैयारी कई महीनों से चल रही थी। इसे 25 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक अस्थायी रूप से बंद रखा गया है ताकि अंतिम कार्य पूरे किए जा सकें। इससे पहले इसके कुछ हिस्से जैसे मेन गैलरी, ग्रेट हॉल, ग्रैंड स्टेयरकेस और रिटेल स्पेस जिसमें कैफे और दुकानों की श्रृंखला है जनता के लिए पहले ही खोल दिए गए थे। अब टुटनखामुन गैलरी और सोलर बोट हॉल की आधिकारिक ओपनिंग के साथ यह पूरा म्यूजियम आगंतुकों के लिए पूरी तरह तैयार होगा। मिस्र के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, उद्घाटन कार्यक्रम में दुनिया भर से इतिहासकार, आर्कियोलॉजिस्ट और वीआईपी अतिथि शामिल होंगे।
क्यों बन रहा है काहिरा टूरिस्टों का नया हॉटस्पॉट
जैसे ही ग्रैंड म्यूजियम की ओपनिंग की तारीख तय हुई, काहिरा में होटल बुकिंग्स और फ्लाइट सर्च में बूम आ गया। कई अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल एजेंसियों ने अपने ‘Egypt Tour Packages’ में इस म्यूजियम को प्रमुख आकर्षण के रूप में शामिल कर लिया है। सोशल मीडिया पर#GrandEgyptianMuseum और #VisitCairo जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
काहिरा पहले से ही पिरामिड्स, नील नदी और प्राचीन सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है। अब इस म्यूजियम के जुड़ने से यह शहर आधुनिक पर्यटन मानचित्र पर और भी चमक उठा है। सरकार ने पर्यटन ढांचे को मजबूत करने के लिए एयरपोर्ट, सड़कों और होटल सुविधाओं को अपग्रेड किया है ताकि आने वाले महीनों में बढ़ने वाली भीड़ को संभाला जा सके।
भारतीय यात्रियों के लिए ट्रैवल प्लान टिप्स
अगर आप भारत से मिस्र की यात्रा की सोच रहे हैं, तो नवंबर इस यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। मौसम भी अनुकूल रहता है और रेगिस्तानी गर्मी से राहत मिलती है। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से काहिरा के लिए सीधी और कनेक्टिंग फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।
काहिरा पहुंचने के बाद गीजा क्षेत्र में होटल बुक करना बेहतर रहेगा क्योंकि म्यूजियम और पिरामिड्स दोनों वहीं स्थित हैं। एक दिन म्यूजियम को और दूसरा दिन पिरामिड्स व स्फिंक्स को देखने में लगाएं। मिस्र में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा भी कई भारतीय नागरिकों को मिलती है, जिससे यात्रा आसान हो जाती है।
ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम घूमते हुए आपको महसूस होगा कि आप हजारों साल पीछे चले गए हैं। जहां हर मूर्ति, हर वस्तु और हर पत्थर एक कहानी कह रहा है।
मिस्र ने इस म्यूजियम में अपनी सभ्यता का गौरव और भविष्य की तकनीक, दोनों को खूबसूरती से जोड़ा है। यही कारण है कि ट्रैवल लवर्स इसे 2025 की सबसे खास डेस्टिनेशन मान रहे हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और आधिकारिक पर्यटन वेबसाइटों पर आधारित है। यात्रा की योजना बनाने से पहले संबंधित देश के दूतावास, एयरलाइंस और आधिकारिक ट्रैवल एजेंसियों से नवीनतम अपडेट और वीज़ा नियमों की पुष्टि अवश्य करें। लेख में उल्लेखित तारीखें, आयोजन और सुविधाएं परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती हैं।


