
Rajgir Budget Trip Under ₹1000
बिहार टूरिज्म की यह जगह आधा भारत नहीं जानता: अक्सर हम परिवार या मित्रों संग लंबी ट्रिप प्लान करते तो हैं लेकिन ट्रैवलिंग पर खर्च होने वाले मोटे बजट को देखकर उसे अंजाम नहीं दे पाते और ट्रिप का प्लान पूरा होने से पहले ही खत्म हो जाता है। क्योंकि घर से घूमने के लिए निकलने से पहले जेब में मोटा बजट होना जरूरी है। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर थोड़ी समझदारी से प्लानिंग की जाए, तो बहुत कम पैसे में भी शानदार सफर किया जा सकता है। बिहार का राजगीर ऐसी ही एक जगह है जहां इतिहास, संस्कृति, अध्यात्म और प्रकृति, सब एक साथ मिलकर एक अद्भुत अनुभव बनाते हैं। यकीन मानिए, यहां सिर्फ ₹1000 से ₹2000 में आपकी पूरी ट्रिप हो सकती है। जिसमें ट्रेन सफर, रहना, खाना, घूमना सब कुछ शामिल होगा। राजगीर की सबसे दिलचस्प बात ये है कि यहां रहने और खाने की व्यवस्था फ्री मिलती है। आइए जानते हैं, आखिर क्या है इस जगह की खासियत जो इसे भारत के सबसे सस्ते और खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में शामिल करती है वो भी बेहद कम बजट में –
क्या है राजगीर का इतिहास
राजगीर, नालंदा जिले में बसा वो शहर है जो कभी महान मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह वही धरती है, जहां भगवान बुद्ध ने उपदेश दिए, महावीर ने तपस्या की और सम्राट अशोक ने अपने शांति संदेश की शुरुआत की थी। यहां का हर कोना बीते युग की कहानियों को अपने भीतर सहेजे हुए है। पहाड़ों की हरियाली, प्राचीन गुफाओं की रहस्य गाथा और बौद्ध स्तूपों की शांति ये सब मिलकर इसे एक स्पिरिचुअल रिट्रीट जैसा माहौल प्रदान करते हैं।
यहां पहुंचते ही आपको लगेगा कि आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं। जहां शहर का शोर नहीं, बस गहरी शांति के बीच पक्षियों की मधुर चहचहाहट और हवा की गुनगुनाहट से आपका सीधा वास्ता होता है।
सिर्फ 30 रुपए में ट्रेन से आसान और सस्ता सफर
अगर आप सच में कम बजट में यात्रा करना चाहते हैं, तो ट्रेन सबसे बढ़िया विकल्प है। देश के किसी भी हिस्से से आप पटना तक ट्रेन से आसानी से पहुंच सकते हैं, और वहां से राजगीर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। पटना से राजगीर तक की यात्रा लगभग ढाई घंटे में पूरी हो जाती है।
लोकल ट्रेन का किराया सिर्फ 30 रुपए प्रति व्यक्ति है, जबकि एक्सप्रेस ट्रेन में यह 50 से 60 रुपए तक रहता है। भीड़ भी ज्यादा नहीं होती, इसलिए सीट मिलना मुश्किल नहीं है। रास्ते में गंगा के मैदान, छोटे गांव और हरे-भरे खेत सफर को यादगार बना देते हैं।
रहना-खाना फ्री – बिहार सरकार की शानदार पहल
अब बात करते हैं ठहरने की तो यह इस ट्रिप का सबसे अच्छा हिस्सा है। राजगीर में बिहार सरकार की ओर से यात्रियों के लिए फ्री अस्थायी विश्राम गृह की सुविधा दी गई है। यह वैतरणी घाट के पास सम्राट अशोक भवन में स्थित है। यहां कुछ घंटे ठहरने की अनुमति होती है, लेकिन जगह साफ-सुथरी और सुरक्षित है। यहां यात्रियों के लिए पानी, बिजली और बेसिक सुविधाएं हैं। सबसे अच्छी बात है कि यहां मुफ्त में सादा, स्वादिष्ट भोजन मिलता है। जिसमें दाल, चावल, खिचड़ी या सब्जी जैसी डिशेज़ शामिल होती है। यह सुविधा खासतौर से उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो यात्रा तो करना चाहते हैं, लेकिन खर्चा ज्यादा नहीं उठा सकते।
पांडु पोखर से करें घूमने की शुरुआत
इस शानदार बजट फ्रेंडली ट्रिप में सुबह के वक्त अगर आप राजगीर एक्सप्लोर करने निकलते हैं, तो सबसे पहले पांडु पोखर जा सकते हैं। सिर्फ ₹20 की एंट्री फीस में यह जगह पूरी थकान मिटा देती है। कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां स्नान किया था। अब यह जगह एक खूबसूरत झील और एडवेंचर पार्क में बदल चुकी है। आप यहां बोटिंग कर सकते हैं, फोटो खींच सकते हैं और कुछ समय शांति से बैठ सकते हैं।
शांति और सुंदरता का संगम बन चुका है विश्व शांति स्तूप
पांडु पोखर के बाद बारी आती है विश्व शांति स्तूप की। यह राजगीर की पहचान है। यहां आना हर यात्री के लिए जरूरी माना जाता है। 400 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना यह स्तूप पैदल या रोपवे दोनों रास्तों से पहुंचा जा सकता है। रास्ते में पत्थरों पर उकेरी प्राचीन लिपियां और शंखलिपि के निशान इतिहास का एहसास दिलाते हैं।
ऊपर पहुंचने के बाद जो दृश्य दिखता है, वह अविस्मरणीय होता है। चारों दिशाओं में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाएं, सफेद स्तूप और चारों ओर फैली हरियाली यह सब मिलकर मन को गहरा सुकून देते हैं।
जापानी मंदिर, गर्म कुंड और नालंदा विश्वविद्यालय
स्तूप के पास ही जापानी मंदिर स्थित है। मंदिर के अंदर गूंजती घंटियों की आवाज और बौद्ध मंत्रों का माहौल आपको भीतर तक शांत कर देता है। राजगीर अपने गर्म कुंडों के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां का पानी औषधीय गुणों से भरा है और त्वचा रोगों में लाभकारी है। राजगीर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर विश्व धरोहर स्थल हैं। ये खंडहर प्राचीन भारत की बौद्धिक समृद्धि और शिक्षा परंपरा की झलक दिखाते हैं।
सस्ता लेकिन स्वाद से भरपूर है राजगीर का खाना
राजगीर का खाना सस्ता होने के साथ-साथ बेहद स्वादिष्ट भी है। सुबह के नाश्ते में ₹30 से 40 में लिट्टी-चोखा, समोसा या जलेबी मिल जाती है। दोपहर या रात के खाने में ₹80 से 100 की थाली मिलती है। इसके अलावा स्थानीय स्वादों में सत्तू ड्रिंक, खाजा और ठेकुआ यहां की पारंपरिक खानपान की शैली को दर्शाते हैं। अगर आप सरकारी विश्राम गृह में ठहरे हैं, तो वहां का मुफ्त भोजन आपकी जेब को और राहत देगा।
1000-₹1500 बजट में भी ट्रेन से घूमने, खाने-पीने और ठहरने का मिलता है पूरा आनंद
अगर आपका बजट ₹1000-₹1500 है, तो भी आप यहां ट्रेन, घूमने, खाने-पीने और ठहरने का पूरा आनंद ले सकते हैं। न कोई रिज़र्वेशन की झंझट, न होटल का खर्च।
बिहार पर्यटन विभाग अब राजगीर, नालंदा, बोधगया और पावापुरी जैसे बौद्ध सर्किट स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट कर रहा है। सरकार का फोकस है कि लोग सिर्फ धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और नेचर टूरिज्म के लिहाज से भी बिहार आने पर विचार करें।


