
Ayodhya Ramayan Theme Park: भगवान राम की नगरी अयोध्या राम मंदिर के भव्य निर्माण के साथ ही अब इसका चप्पा-चप्पा रामायण काल की कहानी कहता नजर आ रहा है। एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं वहीं अयोध्या के पवित्र गुप्तारघाट पर सरयू नदी के किनारे एक अनोखा थीम पार्क तैयार किया जा रहा है, जो भगवान राम के जीवन और रामायण की अमर कथा को मूर्त रूप में दिखाएगा। करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पार्क में सबसे आकर्षक प्रतिमा 25 फीट ऊंची और ढाई टन वजनी रावण की होगी। इसके साथ भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान, जटायु, सुग्रीव और गुरु वशिष्ठ जैसी कई प्रतिमाएं भी यहां स्थापित की जा रही हैं। पार्क का निर्माण उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) द्वारा किया जा रहा है और इसे अगले साल मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गुप्तारघाट का रामायण थीम पार्क आने वाले समय में अयोध्या का सबसे अनोखा आकर्षण बनने जा रहा है। यह केवल मूर्तियों का स्थान नहीं बल्कि एक धार्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक अनुभव का केंद्र होगा, जहां श्रद्धालु रामायण के हर अध्याय को प्रत्यक्ष रूप में देख सकेंगे।
रामायण की कथा को सजीव रूप देगा गुप्तारघाट पार्क
गुप्तारघाट का यह पार्क केवल मूर्तियों का स्थान नहीं बल्कि एक जीवंत कहानी की तरह तैयार किया जा रहा है। यहां भगवान राम के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों को प्रतिमाओं के रूप में सजाया जा रहा है। आगंतुक जब पार्क में प्रवेश करेंगे, तो वे रामायण के हर दृश्य को अपने सामने सजीव रूप में देख सकेंगे। चाहे वह गुरु वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा का दृश्य हो या फिर जटायु का बलिदान, संजीवनी लाते हनुमान का पर्वत उठाना हो या राम-रावण युद्ध का क्षण यानी रामायण काल से जुड़े यह सारे दृश्य इस घाट की महिमा का बखान करते नजर आएंगे। आपको बताते चलें कि गुप्तार घाट का सीधा सम्बद्ध राम से जुड़ा है। कहा जाता है कि जब भगवान राम ने अपने अवतार-कार्य को पूर्ण कर लिया, तब उन्होंने धरती लोक से अपने दिव्य लोक साकेत धाम लौटने का निर्णय लिया। उस समय वे अपने भाइयों और भक्तों के साथ सरयू तट पर आए और यहीं गुप्तारघाट पर जल में प्रवेश करते हुए जल-समाधि ली।
रावण की विशालकाय प्रतिमा बनेगी आकर्षण का केंद्र
पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण रावण की विशाल प्रतिमा होगी। यह प्रतिमा 25 फीट ऊंची और करीब ढाई टन वजनी है। इसे फाइबर रेन प्रूफ (FRP) सामग्री से बनाया गया है ताकि बारिश और नमी में भी यह सुरक्षित रहे। रावण के शरीर के हिस्से पैर, हाथ और सिर अलग-अलग बनाए गए हैं। ताकि उन्हें मशीन की मदद से ऊंचाई तक स्थापित किया जा सके। प्रतिमा को टिकाऊ और सुरक्षित रखने के लिए ग्राउंड में गड्ढा खोदकर उसमें लोहे की सरिया से मजबूत जाल बनाया गया है। इसी प्लेटफार्म पर प्रतिमा को स्थिर रूप से खड़ा किया जाएगा, ताकि आंधी-पानी में भी यह नहीं गिरे। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, रावण की यह प्रतिमा अपने नाम की तरह ही विशालकाय और प्रभावशाली है।
भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाएं भी दिखेंगी जीवंत
रावण के साथ भगवान राम की 12 फीट ऊंची प्रतिमा भी पार्क का प्रमुख आकर्षण होगी। शांत, दृढ़ और वीरता के भाव से पूर्ण प्रतिमा राम के व्यक्तित्व के अनुरूप बनाई गई है। वहीं लक्ष्मण की प्रतिमा उनके भाई राम के प्रति निष्ठा और समर्पण को दिखाएगी।
हनुमान जी की प्रतिमा में वह प्रसिद्ध दृश्य दिखाया गया है जब वे मेघनाद के बाण से मूर्छित लक्ष्मण के लिए संजीवनी पर्वत उठाकर लाते हैं। हनुमान जी के हाथ में संजीवनी पर्वत के साथ छोटे-छोटे हरे पौधे भी लगाए जा रहे हैं ताकि वह दृश्य प्राकृतिक और वास्तविक लगे। पार्क में स्थापित हर प्रतिमा रामायण की किसी न किसी महत्वपूर्ण घटना को दर्शाएगी। यहां गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के शिक्षा ग्रहण का दृश्य होगा। जटायु और रावण के बीच संघर्ष को दर्शाने वाली प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। सुग्रीव और सुषेण वैद्य जैसे पात्र भी रामायण की कथा का बखान करती नजर आएंगी।
यह थीम पार्क रामायण को केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गाथा के रूप में प्रस्तुत करेगा। यहां आने वाला हर व्यक्ति उस युग की भव्यता और आदर्शों से जुड़ाव महसूस करेगा।
आस्था और तकनीक का अनूठा संगम है ये थीम पार्क
पार्क में इस्तेमाल की गई सामग्री और तकनीक इसे आधुनिकता से जोड़ती है। FRP सामग्री का उपयोग इसलिए किया गया है ताकि बारिश या धूप के कारण मूर्तियों को कोई नुकसान न हो। रावण जैसी बड़ी प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए भारी मशीनों और जेसीबी का प्रयोग किया गया है। पार्क के भीतर सीसी रोड, सुंदर लाइटिंग, खुले थिएटर और आकर्षक प्रवेश द्वार का निर्माण भी चल रहा है। हर हिस्से में सुरक्षा और सौंदर्य का विशेष ध्यान रखा गया है ताकि यह स्थान धार्मिकता के साथ आधुनिकता का भी प्रतीक बन सके। यह पार्क न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। रामायण की कहानी को देखने और महसूस करने के लिए यह जगह हर आयु वर्ग के लोगों के लिए यादगार अनुभव साबित होगी।
अगले साल मार्च तक तैयार होगा पूरा प्रोजेक्ट
रामायण थीम पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार, मार्च 2026 तक इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रवेश द्वार का निर्माण जारी है और अंदर की सड़कें तथा लाइटिंग सिस्टम भी लगभग तैयार हैं। पूरा होने के बाद यह पार्क गुप्तारघाट की धार्मिक महत्ता के साथ-साथ अयोध्या के पर्यटन विकास में भी बड़ा योगदान देगा।


