ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है। बुध सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रहों में से एक हैं। अब बुध 26 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 39 मिनट पर वृश्चिक राशि में वक्री होने जा रहे हैं। बुध के वक्री होने के दौरान प्रीति योग बन रहा है। यह योग 25 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगा और 26 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर खत्म होगा।
आज इस खास ब्लॉग के ज़रिए हम जानेंगे कि वृश्चिक राशि में वक्री होने पर बुध किन राशियों को सकारात्मक परिणाम देंगे और किन राशियों के जातकों को अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही बुध के ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे।
बुध वृश्चिक राशि में 26 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 39 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं।
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प्रीति योग क्या है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रीति योग एक शुभ संयोग है जो व्यक्ति के जीवन में प्रेम, स्नेह और सद्भाव को बढ़ाता है। कुल योगों में प्रीति योग दूसरे स्थान पर आता है। इस योग के प्रभाव से संपत्ति और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। जातक को समाज में सम्मान मिलता है और उसका संचार कौशल भी बेहतर होता है।
प्रीति योग के स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस योग को अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है। बुध इस योग के स्वामी ग्रह हैं।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है
बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। इस ग्रह का प्रभाव मनुष्य के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर पड़ता है। बुध सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित ग्रह है। इसका मिथुन एवं कन्या राशि पर आधिपत्य है। बुध को बुद्धि एवं वाणी का कारक माना गया है। कुंडली में अशुभ स्थान में बैठने पर बुध के कारण व्यक्ति को कान, तंत्रिका तंत्र और फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है।
वहीं दूसरी ओर, जब बुध अपनी राशि मिथुन या कन्या में विराजमान होते हैं, तो व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम एवं सफलता मिलती है।
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बुध के वक्री होने का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके लग्न भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आपको अपने कार्यों को पूर्ण करने में कभी-कभी समस्याओं एवं अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अंत में आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलने की संभावना अधिक है। करियर के क्षेत्र में आप अपनी नौकरी को लेकर असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। आपके मन में नौकरी बदलने का विचार आ सकता है।
व्यापारियों को बुध के वक्री होने पर मनचाहा मुनाफा कमाने का मौका नहीं मिल पाएगा। बहुत सोच-समझकर चलने के बावजूद भी आपको अपने व्यवसाय में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यह समय व्यापारियों के लिए अनुकूल नहीं है।
आपकी आय के मार्ग में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसकी वजह से आपकी आमदनी में गिरावट आने की आशंका है। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। वैवाहिक जीवन में आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ थोड़ी कम रहने वाली है। इसकी वजह से आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव आने के संकेत हैं। आपको मैच्योर होकर व्यवहार करने की आवश्यकता है, तभी आपके रिश्ते में सुख-शांति बनी रह पाएगी।
बुध के वक्री होने पर आपको अचानक से सिरदर्द और कपकपी की शिकायत हो सकती है। इस वजह से आपको परेशानी होने के आसार हैं। आप रोज़ “ॐ हनुमते नमः” का 11 बार जाप करें।
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बुध ग्रह कौन है
ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। यह ग्रह हमारी संचार क्षमता को प्रभावित करता है और संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है। बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति अपने विचारों को किस तरह से व्यक्त करता है। यह एक द्वैतवादी ग्रह है और सूर्य के काफी नज़दीक स्थित है।
इसकी कक्षा सूर्य और पृथ्वी के बीच में स्थित है। सूर्य का एक चक्कर लगाने में बुध को 88 दिन लगते हैं जबकि पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिनों में पूरा करती है।
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बुध की पौराणिक कथा
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार बुध की चंद्रमा के साथ शत्रुता है जबकि यह सत्य नहीं है। चंद्रमा बुध के साथ शत्रु संबंध नहीं रखता है लेकिन बुध चंद्रमा को अपना शत्रु मानता है। बुध अन्य सभी ग्रहों में श्रेष्ठ है क्योंकि यह जातक को बुद्धि प्रदान करता है। ज्योतिष में इसे भगवान विष्णु का अवतार भी माना गया है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे संतान की प्राप्ति होती है। बुध एक राशि में लगभग एक माह तक रहते हैं और इसके बाद राशि परिवर्तन कर लेते हैं।
पश्चिमी ज्योतषि में बुध को थॉथ या हर्मीस के नाम से जाना जाता था। मान्यता है कि बुध बृहस्पति और एटलस की पुत्री मैया के पुत्र हैं। सूर्य के सबसे निकट होने के कारण इनकी अपोलो के साथ मित्रता है।
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शरीर के किन अंगों पर बुध का प्रभाव होता है
बुध का प्रभाव छाती, तंत्रिका तंत्र, त्वचा, नाक, पित्ताशय, नाक, नाभि, जीभ, फेफड़ों, चेहरे, हाथ और बालों पर होता है। बुध के अशुभ स्थान में होने पर या किसी पाप ग्रह से पीड़ित होने पर व्यक्ति को छाती और मांसपेशियों से जुड़ी कोई बीमारी होने की आशंका रहती है। इन्हें टाइफाइड, पागलपन, लकवा, अल्सर, हैजा या चक्कर आने की शिकायत भी हो सकती है।
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कैसे होते हैं बुध के प्रबल प्रभाव में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म बुध के प्रबल प्रभाव में होता है, वे लंबे और सुगठित शरीर वाले होते हैं। ये ज्यादातर मोटापे से ग्रस्त रहते हैं और इनकी लंबाई औसत होती है। इनके हाथ लंबे और पतले होते हैं। इनकी आंखे भावपूर्ण और बाल काले एवं भौहों पर अधिक बाल होते हैं। इनकी आवाज़ पतली और तीक्ष्ण होती है। ये तेजी से चलते हैं और अपनी उम्र से कम यानी युवा दिखाई पड़ते हैं।
वस्त्रों से कैसे करें बुध को शांत
सौरमंडल का प्रत्येक ग्रह एक खास रंग से जुड़ा है और किसी ग्रह को प्रसन्न करने के लिए उससे संबंधित रंग का अधिक उपयोग किए जाने का बहुत महत्व है। बुध को प्रसन्न करने के लिए आप हरे रंग के कपड़े अधिक पहनें। आप अपने जीवन में हरे रंग के सभी शेड्स का अधिक से अधिक उपयोग करें।
इसके अलावा बुध को खुश करने के लिए अपनी मौसी, बुआ और बहन का सम्मान करें एवं बेटी और छोटी कन्याओं की देखभाल करें। अपनी बहन को उपहार देने से भी बुध मज़बूत होता है।
बुध शांति के लिए किससे प्रार्थना करनी चाहिए
हर ग्रह के एक विशिष्ट देवता हैं जिनकी उपासना करने से उस ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत किया जा सकता है। बुध ग्रह को खुश करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आप श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करके विष्णु जी की पूजा करें। आप बुद्ध अवतार की पूजा भी कर सकते हैं।
बुध के लिए किस दिन उपवास रखें
वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह के लिए सप्ताह का एक दिन निर्धारित किया गया है। इसी दिन इनकी पूजा एवं व्रत का विधान है। ग्रहों को खुश करने के लिए आप उन्हें समर्पित दिन पर उपवास एवं पूजन कर सकते हैं।
बुध ग्रह को सप्ताह में बुधवार का दिन समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं। बुधवार को बुध ग्रह की पूजा करने का विशेष महत्व है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री – राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले/लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों की कुंडली में बुध महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध देव आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. बुध 26 नवंबर को वक्री अवस्था में आएंगे।
उत्तर. बुध वृश्चिक राशि में वक्री होंगे।
उत्तर. बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं।
उत्तर. बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
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