Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Lucknow news: …तो इस लिए बीजेपी नहीं चुन पा रही प्रदेश अध्यक्ष
    • Bajrang Manohar Sonawane Wikipedia: संघर्ष, सेवा और सफलता का प्रतीक, बीड से लोकतंत्र की आवाज़-बजरंग मनोहर सोनवाने
    • Bihar Elections 2025: PM मोदी के ‘हनुमान’ चिराग ने BJP की पीठ में घोंपा छुरा, सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान
    • Bhakt Pundalik Story: माँ-बाप की सेवा ने भगवान को रुकने पर मजबूर कर दिया, जानिए पुंडलिक की कहानी
    • बिहार चुनाव से पहले बवाल! महुआ मोइत्रा ने वोटर लिस्ट विवाद पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
    • ‘अगर मुझे कुछ हुआ तो अखिलेश यादव होंगे जिम्मेदार..’, BJP नेता ने सपाइयों के खिलाफ दर्ज कराई FIR, सियासत में मचा संग्राम
    • Spiti Valley Kaise Ghume: स्पीति घाटी- हिमालय के इस ठंडे रेगिस्तान में छुपे हैं, बेपनाह सुकून के ख़जाने
    • Lucknow News: अखिलेश यादव ने सीएम योगी के लिए पेश किया ‘सौदा’ बोले – बेचना ही है तो हमें बेच दें JPNIC, चंदा लगाकर ख़रीद लेंगे
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Chamba Ka Itihas in Hindi: विंटर डेस्टिनेशन में शानदार ट्रिप साबित होती है चंबा की यात्रा
    Tourism

    Chamba Ka Itihas in Hindi: विंटर डेस्टिनेशन में शानदार ट्रिप साबित होती है चंबा की यात्रा

    By December 14, 2024No Comments11 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Himachal Pradesh Chamba History

    Chamba Me Ghumne Ki Jagah:�सर्दी का मौसम शुरू होते ही देश विदेश में टूरिस्ट प्लेसेज पर खास रौनक नजर आना शुरू हो जाती है। ऐसे में यदि आप भी किसी ठंडी जगह पर जाने का प्लान बना रहें हैं तो हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत शहर चंबा आपके लिए बेहतर विकल्प साबित होगा। चंबा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह शहर रावी नदी के किनारे बसा हुआ है और चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है। चंबा की हरी-भरी वादियां, ऐतिहासिक मंदिर और पारंपरिक हस्तशिल्प इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। यहां की ठंडी जलवायु और शांत वातावरण सुकून का एहसास कराते हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं या इतिहास में रुचि रखते हैं तो चंबा आपके लिए एक शानदार अनुभव देने वाला पर्यटन स्थल है।

    यह है चंबा का इतिहास (History Of Chamba)

    हिमाचल प्रदेश का जिला बनने से पहले चंबा भारत के सबसे पुराने राज्यों में से एक था। इसकी स्थापना 6वीं शताब्दी के मध्य में हुई थी। शासक सौर वंश के राजपूत थे। पहले राजा मरुथ थे, जो राम के छोटे बेटे कुश के वंशज थे।मूल राजधानी ऊपरी रावी घाटी में ब्रह्मौर (प्राचीन ब्रह्मपुरा) में थी। लगभग 900 ई. में, राजा साहिल वर्मन ने राणा और ठाकुर नामक छोटे पहाड़ी सामंतों से निचली रावी घाटी पर विजय प्राप्त की, जो पहाड़ियों के मूल शासक थे। उन्होंने अपनी राजधानी ब्रह्मौर से बदलकर चंबा कर दी, जिसे मूल रूप से चंपा कहा जाता था, जिसका नाम उनकी बेटी चंपावती के नाम पर रखा गया था। इस प्रकार, राज्य ने अपना नाम मुख्य शहर यानी चंबा से लिया जो राजाओं के दिनों में दरबार की सीट थी और अब जिला प्रशासन का मुख्यालय है।

    साहिल वर्मा इस काल का सबसे प्रसिद्ध और गतिशील राजा था, जिसने न केवल राज्य की सीमाओं का विस्तार किया, बल्कि चम्बा में एक नई राजधानी भी बनाई और चम्पावती मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर और चम्बा महल का निर्माण भी कराया।

    चंबा के शासक प्रायः गुर्जरों और प्रतिहारों से शत्रुता रखते थे।चंबा रियासत ने 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश का हिस्सा बनी।हिमाचल निर्माण में चंबा की अहम भूमिका रही है। वर्तमान समय में पर्यटन का केंद्र बन चुका चंबा और उसके आस-पास के बर्फ़ से ढके पहाड़ स्नो स्कीइंग के लिए बेहद लोकप्रिय हैं।

    चंबा में 4वीं शताब्दी के कई मंदिर हैं। चंबा लोग, जिन्हें सांबा, चम्बा, त्सम्बा, डाका और चंबा-नदगान के नाम से भी जाना जाता है, एक जातीय समूह है, जो उत्तर-पूर्व नाइजीरिया के अदामावा राज्य और उत्तरी कैमरून के पड़ोसी भागों में पाया जाता है।

    यहां के शासकों ने पहाड़ी चित्रकला शैली के कलाकारों को संरक्षण दिया था

    चंबा की प्राचीन राजधानी ब्रह्मपुर (वयराटपट्टन) थी।

    चम्बा में बहुत मशहूर है यह किस्सा (Chamba Ka Mashoor Kissa)

    असल में रावी नदी के किनारे समुद्र तल से 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंबा पहाड़ी राजाओं की प्राचीन राजधानी थी। इसे राजा साहिल वर्मन ने 920 ईसवी में अपनी बेटी चंपावती के नाम पर बसाया था। कहते हैं कि राजा ने नगर तो बसा लिया, पर चंबा में पीने के पानी की काफी समस्या थी। एक रात राजा को सपना आया कि यदि वह खुद या अपने किसी प्रिय की बलि दें तो नगर में पानी की कमी दूर हो जाएगी। रानी ने परेशानी की वजह पूछी तो राजा ने सपने की बात बताई। तब रानी ने खुशी से प्रजा की खातिर अपना बलिदान देने का हठ बांध लिया। वह जिंदा ही जमीन में दफन हो गई और फिर पास ही जलधारा फूट पड़ी थी। रानी के बलिदान का स्मारक सूही मंदिर के रूप में बन गया। राजा साहिल वर्मन के पुत्र और राज्य के उत्तराधिकारी के द्वारा ताम्रपत्र पर अपनी माता का नाम सुनयना देवी लिखा है।

    यहां रानी की याद में हर साल मेला लगता है। पहले यह मेला 15 चैत्र से पूरे एक महीने तक लगता था। लेकिन अब यह तीन दिन ही मनाया जाता है। मेले के अंतिम दिन शोभायात्रा के समापन के वक्त रानी सुनयना को समर्पित एक गीत,’गुड़क चमक भाऊआ मेघा हो, बरैं रानी चंबयाली रे देसा हो। किहां गुड़कां-किहां चमकां हो, अंबर भरोरा घणे तारे हो। कुथुए दी आई काली बादली हो, कुथुए दा बरसेया मेघा हो’, गाया जाता है। इसके अलावा इसे गाना अशुभ माना जाता है। साथ ही एक परंपरा यह भी चली आ रही है कि चाहे कितना भी साफ आसमान हो, इस गीत के गाने के बाद चंबा में बारिश जरूर होती है।

    यहां पर्यटन का मुख्य स्थल है टिहरी बांध (Chamba Tehri Dam History)

    260 मीटर की चौंका देने वाली ऊंचाई तक पहुंचने वाला, भव्य टिहरी बांध दुनिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है और भारत का सबसे ऊंचा बांध है। अपने आप में एक इंजीनियरिंग चमत्कार, टिहरी बांध न केवल 1,000 मेगावाट से अधिक बिजली प्रदान करता है। भागीरथी नदी पर स्थित टिहरी बांध दुनिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है, जिसकी ऊंचाई 260 मीटर है। टिहरी बांध, जिसे टिहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉम्प्लेक्स के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक बहुउद्देशीय बांध है। यह बांध भारत की सबसे बड़ी और सबसे जटिल जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है, जो आसपास के क्षेत्रों में लाखों लोगों को बिजली प्रदान करता है। ये बांध खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है और आसपास के प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर परिदृश्य के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है।

    इस पर्यटक बांध के अंदर और आसपास कई तरह की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। बांध में पर्यटकों के रोमांच के लिए बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा है, जिसमें जेट स्कीइंग और बनाना बोट राइड शामिल हैं। जो बांध और उसके आस-पास के इलाकों को एक्सप्लोर करने का एक मजेदार तरीका है। यहां उनके लिए आस-पास की पहाड़ियों में हाइकिंग, कैंपिंग और ट्रेकिंग के लिए बहुत सारे अवसर हैं। बांध में एक सुंदर बगीचा भी है, जहाँ आगंतुक आराम कर सकते हैं और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

    इसके अलावा इस बांध के प्रमुख आकर्षणों में से एक टिहरी झील महोत्सव है, जो हर साल अक्टूबर में आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है। सांस्कृतिक प्रदर्शन, साहसिक खेल और खाद्य स्टालों सहित कई तरह की गतिविधियाँ प्रदान करता है। बांध में एक संग्रहालय भी है जो बांध के इतिहास और निर्माण के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र पर इसके प्रभाव को प्रदर्शित करता है। यदि आप एक अनोखी और रोमांचक जगह की तलाश में हैं, तो टिहरी बांध घूमने के लिए एकदम सही जगह है। अपनी शानदार प्राकृतिक सुंदरता और सभी रुचियों के अनुरूप गतिविधियों की एक श्रृंखला के साथ, यह निश्चित रूप से एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।

    टिहरी झील के पास घूमने की जगहें (Tehri Jheel Ke Pas Ghumne Ki Jagah)

    टिहरी झील के पास कई प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण हैं जो देखने लायक हैं। यहाँ उनमें से कुछ हैंः

    धनौल्टी :

    टिहरी बांध से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धनौल्टी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है जो हिमालय पर्वतमाला के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।

    यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, लंबी पैदल यात्रा के रास्तों और साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है।

    मसूरी :

    टिहरी बांध से लगभग 81 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है, जो अपनी औपनिवेशिक वास्तुकला, प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है।

    यह हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है और ट्रैकिंग, हाइकिंग और स्कीइंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है।

    ऋषिकेश :

    टिहरी बांध से लगभग 84 किलोमीटर दूर स्थित ऋषिकेश एक पवित्र शहर है, जो अपने आश्रमों, मंदिरों और योग केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है।

    इसे “विश्व की योग राजधानी“ के रूप में भी जाना जाता है। यह आध्यात्मिक साधकों और साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है।

    हरिद्वार :

    टिहरी बांध से लगभग 109 किलोमीटर दूर स्थित हरिद्वार एक पवित्र शहर है, जो अपने मंदिरों, घाटों और गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है।

    यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

    सुरकंडा देवी मंदिर:

    सुरकंडा देवी मंदिर टिहरी बांध से लगभग 43 किलोमीटर दूर स्थित है और देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।

    यहाँ से आसपास की घाटियों और पहाड़ों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।

    चन्द्रबदनी मंदिर :

    चन्द्रबदनी मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो चंद्रकूट पर्वत पर टिहरी बांध से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है।

    यह समुद्र तल से 2,277 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और देवी सती को समर्पित है।

    टिहरी बांध के पास करने के लिए गतिविधियाँ (Tehri Dam Ke Pas Adventure Places)

    टिहरी झील के पास करने के लिए कई रोमांचक गतिविधियाँ हैं। यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय गतिविधियाँ दी गई हैंः

    वाटर स्पोर्ट्स :

    टिहरी झील जल क्रीड़ा जैसे जेट स्कीइंग, कयाकिंग, केला नाव की सवारी और बहुत कुछ के लिए एक शानदार जगह है।

    यहां वाटर स्पोर्ट्स के लिए सेवाएँ प्रदान करने वाली कई संस्थाएं काम करती है ।

    बोटिंग :

    टिहरी झील को देखने का सबसे अच्छा तरीका नाव से जाना है।

    आप झील के चारों ओर आराम से सैर कर सकते हैं और खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले सकते हैं।

    कैम्पिंग :

    टिहरी झील के पास कैम्पिंग करना उन लोगों के लिए एक लोकप्रिय गतिविधि है, जो बाहर घूमना पसंद करते हैं।

    यहाँ कई कैम्पिंग स्थल उपलब्ध हैं जहाँ टेंट, अलाव और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

    ट्रैकिंग और हाइकिंग :

    आस-पास की पहाड़ियाँ ट्रैकिंग और हाइकिंग के लिए कई रास्ते प्रदान करती हैं।

    आप इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और ताज़ी हवा का आनंद ले सकते हैं।

    टिहरी पिकनिक स्पॉट :

    इस ट्रिप के दौरान आप पिकनिक का लुत्फ उठा सकते हैं। टिहरी झील परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आप धूप में बैठकर खाने पीने का मजा ले सकते हैं।

    टिहरी झील और उसके आस-पास की पहाड़ियाँ मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं जो फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एकदम सही हैं।

    भूरी सिंह संग्रहालय

    भूरी सिंह संग्रहालय चम्बा शहर में स्थित एक महत्वपूर्ण संग्रहालय है, जहां आपको इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर देखने को मिलेगी। इस संग्रहालय का नाम राजा भूरी सिंह के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने इसका निर्माण करवाया था। यहां आपको प्राचीन पांडुलिपियां, सिक्के, चित्रकारी, मूर्तियां आदि देखने को मिलेंगी जो चम्बा राज्य की ऐतिहासिक धरोहर की कहानी बयां करती हैं। अगर आप इतिहास विषय के शौकीन हैं तो भूरी सिंह संग्रहालय आपके लिए अवश्य ही रोचक साबित होगा।

    खजियार:

    अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो खजियार आपके लिए आदर्श पर्यटक स्थान साबित हो सकता है। खजियार जिसे ’मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है,पर्यटकों द्वारा इस जगह को बहुत पसंद किया जाता है।खजियार अपने हरे-भरे मैदानों, घने जंगलों, और खूबसूरत झीलों के लिए लोकप्रिय है।

    यहां आकर आप घुड़सवारी, पैराग्लाइडिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का मजा ले सकते हैं। खजियार में स्थित नाग देवता मंदिर भी दर्शनीय स्थल में शामिल है।

    लक्ष्मीनारायण मंदिर:

    चंबा में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में राजा साहिल वर्मन ने करवाया था। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए मशहूर है। यहां पर भगवान विष्णु की सुंदर मूर्ति स्थापित है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

    इस मंदिर परिसर में अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी स्थित हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं। चंबा वासियों के लिए ये मंदिर खास श्रद्धा का केंद्र है।

    चमेरा झील:

    अगर आप चंबा पर विंटर वेकेशन ट्रिप पर निकले हैं तो यहां पर मौजूद चंबा झील का आनंद जरूर उठाएं। चंबा झील रावी नदी पर बने चमेरा बांध के कारण बनी है और इसके चारों ओर हरियाली फैली हुई है। यहां आप पैडल बोट या मोटर बोट किराए पर लेकर झील की सैर कर सकते हैं और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। टिहरी बांध से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित चमेरा झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां पर्यटक जमकर बोटिंग का लुत्फ उठाते हुए इन दिनों देखे जा सकते हैं।

    कनाताल:

    गढ़वाल हिमालय में स्थित, कनाताल हिल स्टेशन पर्यटकों के लिए आराम करने का एक शानदार स्थल है। यहां के हरे भरे प्राकृतिक माहौल में सूरज की रोशनी के बीच बैठकर धूप का आनंद उठाने का अपना ही मजा है। वहीं ऊंची ऊंची चोटियों और मखमली शंकुधारी पेड़ों से घिरा, कनाताल पर्यटकों को एक शानदार अनुभव प्रदान करने वाला प्राकृतिक संपदाओं का खजाना है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleराहुल ने संविधान की प्रति के साथ सावरकर के मनुवाद और अडानी पर भाजपा को घेरा 
    Next Article PM Modi Ka Bhashan: ‘संविधान पर चर्चा’ के दूसरे दिन पीएम मोदी ने दिया जवाब, जानिए भाषण की 10 मुख्य बातें

    Related Posts

    Bhakt Pundalik Story: माँ-बाप की सेवा ने भगवान को रुकने पर मजबूर कर दिया, जानिए पुंडलिक की कहानी

    July 6, 2025

    Spiti Valley Kaise Ghume: स्पीति घाटी- हिमालय के इस ठंडे रेगिस्तान में छुपे हैं, बेपनाह सुकून के ख़जाने

    July 5, 2025

    Famous Unique Park: ओस्लो का अनोखा पार्क, जहाँ हर मूर्ति बताती है इंसान के जन्म से लेकर मौत तक की कहानी

    July 5, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.