केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा हमला किया। संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर राज्यसभा में चर्चा का समापन करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नेहरू-गांधी परिवार की प्रशंसा करने के अलावा कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेताओं ने संसद भवन से निकलकर मीडिया को दिए अपनी प्रतिक्रिया में गृहमंत्री के भाषण को ‘झूठ का पुलिंदा क़रार दिया है।’ उन्होंने प्रतिक्रिया में क्या-क्या कहा है, यह जानने से पहले अमित शाह के भाषण को जान लीजिए।
बहरहाल, अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मैं पूछना चाहता हूं कि जो संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन जब आपने 35ए लागू किया तो यह पार्लियामेंट में कब डिबेट में आया, कब मतदान हुआ, किसने पारित किया। आप पार्टी को तो निजी परिवार की जागीर समझते हो, संविधान को भी आपलोग निजी परिवार की जागीर समझते हो।’
LIVE: HM Shri @AmitShah in Rajya Sabha on 75th anniversary of the adoption of Constitution of India. #AmitShahInRajyaSabha https://t.co/l3FDBduHe0
— BJP (@BJP4India) December 17, 2024
संविधान में संशोधन के मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने संविधान में केवल 22 बार संशोधन किया, जबकि कांग्रेस ने 77 बार ऐसा किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में पारित इसके पहले संशोधन ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि सत्ता में रहने के दौरान बीजेपी ने अपने 16 साल के शासन में 22 बार संविधान में संशोधन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता में रहने के दौरान 55 साल में संविधान में 77 संशोधन किए। उन्होंने कहा, ‘दोनों पार्टियों ने संविधान में संशोधन किए हैं। संशोधनों को लागू करने के अलग-अलग तरीके हैं- कुछ संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल औपचारिकता के तौर पर किए गए।’
‘कांग्रेस ने अभियक्ति की आजादी कम कर दी’
गृहमंत्री ने आगे कहा, ‘भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बदलाव किए, लेकिन इसका उद्देश्य क्या था इससे पार्टी का संविधान में विश्वास का पता चलता है। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और 19A जोड़ा। ये संशोधन अभियक्ति की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए किया गया।’
अमित शाह ने आरोप लगाया कि इसी तरह 24वां संशोधन किया गया और इसके माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम कर दिए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ अपने उद्देश्य के लिए संविधान में कई संशोधन किए।
कांग्रेस आरक्षण विरोधी पार्टी: शाह
गृहमंत्री ने आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस को कोसा। उन्होंने कहा, ‘मैं देश की जनता को कहना चाहता हूं कि देश के दो राज्यों में धर्म के आधार पर आरक्षण अस्तित्व में है… जो गैर-संवैधानिक है। संविधान में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होगा। मगर दोनों राज्यों में जब कांग्रेस की सरकार थी तब धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया। वो (कांग्रेस) ओबीसी का कोई कल्याण नहीं चाहते हैं, वो 50 प्रतिशत का सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं। लेकिन आज मैं फिर से एक बार इस सदन में जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि जब तक भाजपा का एक भी सांसद है हम धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देंगे।’
In 1955, the Kaka Kalelkar Commission was formed to provide reservations to the OBCs. The report is nowhere to be found.
Had the recommendations of the Kaka Kalelkar Commission been accepted, the Mandal Commission would not have been formed in 1980.
The recommendations of the… pic.twitter.com/e1gIwFaxiA
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उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आरक्षण विरोधी पार्टी है… 1955 में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए काका कालेलकर आयोग का गठन किया गया था। रिपोर्ट कहीं नहीं मिली। अगर काका कालेलकर आयोग की सिफ़ारिशें मान ली गई होतीं तो मंडल आयोग का गठन नहीं होता। 1980 में मंडल आयोग की सिफ़ारिशें सामने आईं, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। 1990 में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने पर इसे लागू किया गया।’
अनुच्छेद 370 पर भी घेरा
अमित शाह ने कहा, ’70 वर्षों तक कांग्रेस ने संविधान के अनुच्छेद-370 को नाजायज संतान की तरह अपनी गोदी में पाले रखा। जब मोदी जी 2019 में फिर से पीएम बने, तो एक झटके में ही इसी सदन में अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया। ये लोग कहते थे कि अनुच्छेद-370 हटा तो खून की नदियाँ बह जाएंगी, लेकिन आज किसी की कंकड़ चलाने की भी हिम्मत नहीं है।’
अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला : कांग्रेस
कांग्रेस ने राज्यसभा में दिए गए गृहमंत्री के भाषण को झूठ क़रार दिया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एएनआई से कहा, “केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 90 मिनट तक भाषण दिया और भाजपा के अन्य नेताओं ने भी भाषण दिया। लोकसभा में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का नारा लगाया गया और राज्यसभा में ‘एक भाषण अनेक वक्ता’ का नारा लगाया गया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला… यह सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी पर हमला था, यह कोई भाषण नहीं था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता का अपमान किया।”
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने एएनआई से कहा, “आज गृहमंत्री ने जो कुछ भी कहा वह सच्चाई से कोसों दूर है, यह झूठ है। उदाहरण के लिए आंबेडकर की मूर्ति, क्या यह उनके (भाजपा) कार्यकाल के दौरान बनाई गई थी…सब झूठ है…वे झूठ के ज़रिए लोगों को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और यह लंबे समय तक नहीं चलेगा…वह सिर्फ पीएम मोदी की प्रशंसा करने के लिए संसद आए थे।’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘पंडित नेहरू और आरक्षण के बारे में उन्होंने जो कुछ कहा, वह प्रामाणिक नहीं था और उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें संदर्भ कहां से मिला और सभापति आमतौर पर प्रमाणीकरण मांगते हैं, लेकिन आज उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह झूठ बोलते रहे…डबल इंजन सरकार में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें खुलेआम परेशान किया जा रहा है…। अमित शाह ने कई बार घोषणा की कि वे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देंगे, लेकिन वे बाहर से लोगों को लाना चाहते हैं और जम्मू-कश्मीर के लोग ऐसा नहीं होने देंगे।’
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भाषण सिर्फ झूठ का पुलिंदा था।’