
Akhilesh Yadav Mahakumbh Dubki Controversy BJP Leader Aparna Yadav Statement
Akhilesh Yadav Mahakumbh Dubki:�प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ में अखिलेश यादव ने संगम में पुण्य की लगाई। जिस पर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भाजपा नेता अपर्णा बिष्ट यादव का बयान आया है। साथ ही उन्होंने महाकुम्भ में समस्या वाले सवाल पर सपा मुखिया को जवाब भी दिया। अखिलेश यादव ने संगम में स्नान किया। इस पर अपर्णा यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि महाकुंभ में हर सनातन व्यक्ति को जरूर स्नान करना चाहिए। यह हमारी संस्कृति, सभ्यता और सनातन का प्रतीकात्मक चिह्न है।
अखिलेश यादव द्वारा महाकुम्भ 2025 के व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जाने पर अपर्णा ने जवाब दिया। कहा कि मैं कल खुद महाकुम्भ गई थी और मेरे साथ करीब 70 लोग थे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थी। हमें महाकुंभ में किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि उन्हें यानी अखिलेश को महाकुम्भ में किसी तरह की दिक्कत हुई होगी।
अपर्णा ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए आगे कहा कि बहुत आसान है किसी आयोजन में कमियां निकाल देना। बहुत बड़ी संख्या में लोग महाकुम्भ में आ रहे हैं। तकरीबन 60 हजार पुलिस वहां पर तैनात है। 60 लाख लोग कल के दिन वहां थे। आगामी अमृत स्नान पर 6 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इन सबमें जो सबसे बड़ी बात है वो ये है कि लोग सुरक्षित हैं। महाकुम्भ के आयोजन में ईश्वर का आर्शीवाद है। यही वजह है कि महाकुम्भ क्षेत्र में इतनी भयानक आग लगने के बाद भी लोगों को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। मेले में सेना का इतना विशाल कैंप लगा है। हर आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना तैयार है। ऐसे में तो वहां पर अवव्यस्था का कोई सवाल ही नहीं उठता।
कौन हैं अपर्णा यादव
बता दें कि अपर्णा यादव,पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की छोटी बहू हैं। उनके बेटे प्रतीक की पत्नी हैं। अपर्णा उत्तर प्रदेश में एक सक्रिय राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे लखनऊ कैंट निर्वाचन क्षेत्रसे 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ी, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी थीं। जनवरी 2022 को अपर्णा यादव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।
अखिलेश का बयान
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुम्भ में स्नान करने के बाद मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग अपनी निजी आस्था लेकर यहां आते हैं। मैंने 11 पवित्र डुबकी लगाईं। विभाजनकारी और नकारात्मक राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। जिस दिन मैंने हरिद्वार में डुबकी लगाई। वह दिन एक उत्सव था। आज मुझे यहां पवित्र डुबकी लगाने का अवसर मिला। सरकार में बैठे लोगों को इस आयोजन को खेल आयोजन नहीं बनाना चाहिए। मैंने देखा है कि बुजुर्ग लोग जो विभिन्न स्थानों से आ रहे हैं – ऐसा प्रबंधन होना चाहिए था कि किसी को कोई कठिनाई न हो।