Beauty Of Chhattisgarh Balko Korba (Photos – Social Media)
Chhattisgarh Me Ghumane Ki Jagah: शहर के शोर गुल से दूर अक्सर लोग ऐसी जगह पर जाना पसंद करते हैं जहां पर उन्हें शांति का एहसास मिल सके। छत्तीसगढ़ एक ऐसी जगह है जो कुदरत के करिश्मा से भरपूर है और आपके यहां कुदरत के अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे। प्राकृतिक सौंदर्य से लेकर खनिज सब कुछ यहां खजाने कीतरह है। यहां पर एक से बढ़कर एक प्राकृतिक स्थल है जिनमें से एक स्थान कोरबा का काफी पॉइंट भी है। यह जगह कोरबा के बालकों से 15 किलोमीटर आगे जंगल में पड़ती है। पहाड़ की चढ़ाई करने पर आप एक ऐसे स्थान पर पहुंच जाएंगे जहां से आपको केवल हरियाली देखने को मिलेगी। जब आप चढ़कर ऊपर पहुंचेंगे तो शानदार नजारे देखकर अपनी थकान को भूल जाएंगे। बरसात में यहां का नजारा और भी मनमोहन हो जाता है और ऐसा लगता है कि बदले धरती पर उतर गए हैं।
बालको कोरबा इतिहास (Balko Korba History)
वर्ष 1965 में बालको की स्थापना हुई थी। बालको प्रबंधन के सहयोग से भारत एल्युमिनियम मजदूर संघ इंटक द्वारा 1983-84 में सार्वजनिक रामलीला व दशहरा उत्सव आयोजित किया जा रहा है। बालकों का पूरा नाम भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड ( बाल्को ) खानमंत्रालय , भारत सरकार के अधीन एक भारतीय सरकारी स्वामित्व वाली एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी थी।
बालको कोरबा�में बिताएं सुकून के पल�
शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर आप यहां की हसीन वादियों में अच्छा समय गुजार सकते हैं। अगर आपको हरी भरी वादियां पसंद है तो यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट होगा। यहां आप केवल आधे घंटे के अंदर बहुत सकते हैं।
धरती पर स्वर्ग का एहसास है बालको कोरबा�
कॉफी प्वाइंट प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह। यहां के पहाड़ और अलौकिक नजारे सैलानियों को मंत्र मुग्ध कर देते हैं। कोहरे से घिरे हुए पहाड़ों के बीच बताइए स्थान आपको पृथ्वी पर स्वर्ग का एहसास देनेवाला है। इतना ध्यान रखें कि जब आप यहां पर जाएं तो ऐसे समय पर निकले कि शाम होने से पहले वापस लौट आएं। घने जंगलों के बीच होने की वजह से यहां जानवरों का खतरा रहताहै।