
Bhandardara Tourist Places (Image Credit-Social Media)
Bhandardara Tourist Places
Bhandardara Travel Guide: महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में अहमदनगर जिले में प्रवरा नदी के किनारे स्थित भंडारदारा अपने प्राकृतिक ख़ज़ाने के लिए मशहूर है। पौराणिक कथा के अनुसार इस जगह पर एक साल तक अगस्त्य मुनि ने पानी और हवा के बल पर तपस्या की थी । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गंगा नदी की एक धारा अर्पित की जो आज प्रवरा नदी के नाम से विख्यात है। सह्याद्री की पर्वत श्रृंखलाओं में बसा भंडारदारा अपनी शांत झील, बांध और हरियाली से सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
इसके आसपास घूमने के लिए कई जगह है। जिनमें प्रमुख हैं:
आर्थर झील :

इस खूबसूरत झील का निर्माण भंडारदारा बांध के कारण हुआ इसलिए इसे भंडारदारा झील के नाम से भी जानते हैं। आर्थर पर्वत पर प्रवरा नदी से बना यह झील यहां का एक खास पर्यटन स्थल है। यह झील घने जंगलों और घुमावदार पहाड़ियों से घिरी हुई है जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। करीब 34 किमी लंबी इस झील में पर्यटक नौका विहार और कैंपिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार इस जगह अगस्त्य ऋषि ने कुछ दिन प्रवास किया था। परिवार और दोस्तों के साथ इस शांत जगह पर एक अलग अनुभूति होती है।
अंब्रेला फॉल्स :

मानसून के दौरान भंडारदारा बांध का पानी ओवरफ्लो होने के कारण चट्टान पर गिरते हुए एक मनमोहक झरने का रूप ले लेता है। यह गिरता हुआ पानी एक छाते की तरह दिखता है जिससे इसका नाम अंब्रेला फॉल्स पड़ गया। बांध के पास बने पुल से झरने का नज़ारा बड़ा खूबसूरत दिखाता है।
माउंट कलसुबाई :

महाराष्ट्र राज्य के सह्याद्री पहाड़ी श्रृंखलाओं में स्थित माउंट कलसुबाई करीब 1646 मीटर सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह पसंदीदा जगह है। इस चोटी से सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं का दृश्य बड़ा मनोरम दिखाई देता है खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान।
ऐसा कहा जाता है कि इस जगह से मराठा साम्राज्य अपने दुश्मनों पर नजर रखता था। इस पर्वत पर मशहूर कलसुबाई मंदिर हैं जहां हर साल मेले का आयोजन होता है और इसे दूर दूर से पर्यटक देखने आते हैं।
अमृतेश्वर मंदिर :

करीब एक हजार साल पुराना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि हेमाडपंती स्थापत्य शैली में इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया है । काले रंग के पत्थरों से निर्मित इस प्राचीन मंदिर का अपना आध्यात्मिक महत्व है। इस मंदिर परिसर में स्थित एक तालाब में गर्म पानी का झरना है जिसमें पूरे साल पानी का बहाव रहता है।
रतनवाड़ी :

रतनवाड़ी महाराष्ट्र के भंडारदारा में बहने वाली प्रवरा नदी के किनारे स्थित एक गांव है जहां अक्सर ट्रेकिंग प्रेमी आते हैं। वैसे सैलानी इस गांव के किनारे बहती नदी में नौका विहार कर प्राकृतिक वादियों का आनंद ले सकते हैं।
रतनगढ़ किला :

करीब 400 साल पुराना यह किला सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहता है। इस किले से कलसुबाई पर्वत श्रृंखला के मनोहर दृश्यों को देखने का एक अलग आनंद आता है। इस किले में कोंकण, गणेश, त्र्यंबक और हनुमान नाम के चार द्वार हैं।
ऐसा माना जाता है कि प्रवरा नदी की उत्पत्ति भी इसी किले से हुई है। इस किले के अंदर कई छोटे बड़े पीने के पानी के कुंड हैं जिसे मॉनसून के दौरान पीने के लिए जमा किया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि इस किले में रहने वाले राजपरिवार और सैनिक इस पानी का इस्तेमाल करते थे।
हरिश्चंद्रगढ़ का किला :
सह्याद्री पहाड़ी पर बने इस किले का निर्माण मराठा राजाओं के शासन काल में किया गया था। यह किला उनकी बहादुरी की पहचान है। इस किले से पर्यटकों को आस-पास के खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों को देखने का मौका मिलता है।
विल्सन बांध :
समुद्र तल से करीब 750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह बांध
आर्थर झील के पास बनाया गया है। इस बांध के करीब ही अंब्रेला फॉल्स है। इसकी गणना एशिया के सबसे पुराने बांधों में होती है। इस जगह परिवार या दोस्तों के साथ ज्यादातर पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं। यहां आप सुकून के कुछ पल बीता सकते हैं।
रंधा जलप्रपात :
विल्सन बांध से करीब 10 किमी दूर यह जलप्रपात महाराष्ट्र के इगतपुरी इलाके में स्थित है। यह झरना भारत के तीसरे सबसे बड़ा झरना के रूप में जाना जाता है। करीब 45 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झरने के सहारे प्रवरा नदी 170 फीट की ऊंचाई से गिरती है जिससे आसपास दूधिया माहौल बन जाता है। इस जगह आप अपने परिवार या दोस्तों संग अच्छा समय बिता सकते हैं। यह दृश्य प्रकृति प्रेमियों और फोटो खींचने वालों के लिए एक अद्भुत एहसास देता है।
घूमने कब जाएं :
वैसे तो किसी भी मौसम में आप भंडारदारा घूमने जा सकते हैं। लेकिन मानसून के मौसम (जून से अक्टूबर) के दौरान यहां हरियाली देखते बनती है साथ ही सभी झरनों और झीलों में पानी भरपूर होता है।
मानसून के बाद सर्दियों में ट्रेकिंग और कैंपिंग का सैलानी भरपूर मज़ा ले सकते हैं। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।
कैसे पहुंचें :
हवाई मार्ग से यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा नासिक हवाई अड्डा है, यहां से भंडारदारा की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। इसके अलावा मुंबई का छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो करीब 185 किमी की दूरी पर है। पुणे हवाई अड्डा से यह करीब 191 किलोमीटर दूर है । ये दोनों एयरपोर्ट देश के सभी बड़े एयरपोर्ट से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं । इन हवाई अड्डों से टैक्सी या बस के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग से यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन इगतपुरी है जहां से इसकी दूरी करीब 45 किमी है। दूसरा बड़ा स्टेशन नासिक है जहां से यह लगभग 75 किमी की दूरी पर है। यहां से बस या टैक्सी के द्वारा भंडारदारा पहुंचा जा सकता है। देश के करीब हर शहर से यहां ट्रेनें आती हैं।
सड़क मार्ग से भंडारदारा मुंबई, पुणे, नासिक, इगतपुरी और शिर्डी से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। देश के सभी बड़े शहरों से महाराष्ट्र पहुंचकर अपनी बजट और सुविधानुसार निजी कैब, टैक्सी या बस द्वारा यहां यहां पहुंचा जा सकता है। सड़क यात्रा के दौरान पश्चिम घाट के हरे भरे वादियों का आनंद ले सकते हैं।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)