
Foreign Trip Railway Stations of India (Image Credit-Social Media)
Foreign Trip Railway Stations of India (Image Credit-Social Media)
Bharat Ke Famous Railway Station: क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन से भी विदेश की यात्रा की जा सकती है? जी हां, भारत में कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो न केवल देश के कोने-कोने को जोड़ते हैं, बल्कि आपको पड़ोसी देशों तक भी पहुंचा सकते हैं। ये स्टेशन भारत की सीमाओं पर बने हैं और इनके जरिए आप बांग्लादेश, नेपाल और पहले पाकिस्तान तक की यात्रा कर सकते थे। ये यात्राएं न केवल किफायती हैं, बल्कि रोमांच और अनुभव से भरी भी हैं। आइए, भारत के उन खास रेलवे स्टेशनों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जो आपको विदेश की सैर करा सकते हैं।
1. जयनगर रेलवे स्टेशन (मधुबनी, बिहार): नेपाल का प्रवेश द्वार
बिहार के मधुबनी जिले में स्थित जयनगर रेलवे स्टेशन भारत और नेपाल को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह स्टेशन नेपाल के जनकपुर में कुर्था रेलवे स्टेशन से सीधा जुड़ा है। जयनगर से नेपाल की यात्रा करना बेहद आसान और किफायती है। इस रूट पर चलने वाली भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन यात्रियों को एक अनोखा अनुभव देती है।

जयनगर स्टेशन से ट्रेन नेपाल के खूबसूरत शहर जनकपुर तक जाती है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता की जन्मस्थली माना जाता है। इस रूट पर यात्रा करने के लिए भारतीय नागरिकों को वीजा या पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती, जिसके कारण यह यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाती है।
यहां से चलने वाली ट्रेनें रोजाना 39 से ज्यादा हैं, जो स्थानीय और पर्यटकों दोनों के लिए सुविधाजनक हैं। जयनगर स्टेशन का इतिहास भी रोचक है। यह ब्रिटिश काल में बनाया गया था और आज भी यह बिहार का एक प्रमुख टर्मिनल है। अगर आप कम खर्च में नेपाल की संस्कृति, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो जयनगर आपके लिए सही जगह है।
2. जोगबनी रेलवे स्टेशन (अररिया, बिहार): पैदल पहुंचें नेपाल
बिहार के अररिया जिले में जोगबनी रेलवे स्टेशन भारत का एक और ऐसा स्टेशन है, जो नेपाल की सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है। इस स्टेशन से नेपाल की सीमा इतनी करीब है कि आप ट्रेन से उतरकर पैदल ही विदेश की सैर कर सकते हैं। जोगबनी से नेपाल के बीराटनगर की दूरी नाममात्र की है।

यहां का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भारतीय नागरिकों को नेपाल जाने के लिए किसी खास दस्तावेज की जरूरत नहीं होती। आप केवल अपनी पहचान के लिए आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी दस्तावेज साथ रखकर नेपाल की यात्रा कर सकते हैं। जोगबनी स्टेशन से नेपाल के बाजारों, मंदिरों और स्थानीय संस्कृति को देखने का मौका मिलता है।
इस स्टेशन से माल ढुलाई के लिए भी ट्रेनें चलती हैं, जिससे भारत और नेपाल के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलता है। अगर आप कम बजट में विदेश की सैर करना चाहते हैं, तो जोगबनी स्टेशन आपके लिए एकदम सही है। यह स्टेशन उन लोगों के लिए भी खास है, जो हवाई यात्रा का खर्च बचाना चाहते हैं।
3. हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन (कूच बिहार, पश्चिम बंगाल): बांग्लादेश का रास्ता
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में स्थित हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन भारत और बांग्लादेश को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह स्टेशन बांग्लादेश के चिलहाटी रेलवे स्टेशन से केवल 4.5 किलोमीटर दूर है। इस रूट पर चलने वाली मिताली एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका तक जाती है और हल्दीबाड़ी में रुकती है।

हल्दीबाड़ी स्टेशन भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक ट्रांजिट पॉइंट के रूप में काम करता है। यहां से न केवल यात्री बांग्लादेश जा सकते हैं, बल्कि माल ढुलाई के जरिए व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है। इस स्टेशन से बांग्लादेश की राजधानी ढाका की यात्रा बेहद सुविधाजनक है। मिताली एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए आपको वैध पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है, इसलिए यात्रा से पहले इन दस्तावेजों को तैयार रखें।
हल्दीबाड़ी का रेलवे स्टेशन उन लोगों के लिए खास है, जो बांग्लादेश की संस्कृति, खानपान और ऐतिहासिक स्थलों को देखना चाहते हैं। ढाका के अलावा, आप यहां से बांग्लादेश के अन्य शहरों जैसे चटगांव और सिलहट की यात्रा भी कर सकते हैं।
4. पेट्रापोल रेलवे स्टेशन (उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल): बंधन एक्सप्रेस का ठिकाना
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित पेट्रापोल रेलवे स्टेशन भारत और बांग्लादेश के बीच एक और महत्वपूर्ण कड़ी है। इस स्टेशन से बंधन एक्सप्रेस चलती है, जो कोलकाता से बांग्लादेश के खुलना तक जाती है। पेट्रापोल स्टेशन भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक जीरो पॉइंट के रूप में जाना जाता है।

इस स्टेशन का उपयोग न केवल यात्रियों की आवाजाही के लिए, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच आयात-निर्यात के लिए भी किया जाता है। बंधन एक्सप्रेस में सफर करने के लिए वैध पासपोर्ट और वीजा जरूरी हैं। यह ट्रेन आपको बांग्लादेश के खुलना शहर तक ले जाती है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदरबन के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है।
पेट्रापोल स्टेशन की खासियत यह है कि यह भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती का प्रतीक माना जाता है। इस रूट पर यात्रा करने वाले लोग बांग्लादेश के खानपान, संस्कृति और गंगा डेल्टा की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
5. राधिकापुर रेलवे स्टेशन (उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल): जीरो पॉइंट की पहचान
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में राधिकापुर रेलवे स्टेशन भी भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। इसे जीरो पॉइंट रेलवे स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। यह स्टेशन बांग्लादेश के दीनाजपुर जिले से जुड़ा है और दोनों देशों के बीच रेल ट्रांजिट के लिए इस्तेमाल होता है।

राधिकापुर से बांग्लादेश की यात्रा करने वाली ट्रेनें व्यापार और यात्रियों की आवाजाही दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस स्टेशन से बांग्लादेश के कई शहरों तक पहुंचा जा सकता है। राधिकापुर का रेलवे स्टेशन उन लोगों के लिए खास है, जो कम खर्च में बांग्लादेश की संस्कृति और बाजारों का अनुभव लेना चाहते हैं।
6. सिंघाबाद रेलवे स्टेशन (मालदा, पश्चिम बंगाल): पैदल विदेश की सैर
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में स्थित सिंघाबाद रेलवे स्टेशन भारत का एक और ऐसा स्टेशन है, जिसे देश का आखिरी रेलवे स्टेशन माना जाता है। यह बांग्लादेश की सीमा के बेहद करीब है। इस स्टेशन से उतरकर आप पैदल ही बांग्लादेश की सीमा पार कर सकते हैं।

सिंघाबाद स्टेशन का इतिहास भी रोचक है। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय यह स्टेशन बंद हो गया था, लेकिन 1978 में इसे फिर से शुरू किया गया। आज यह स्टेशन माल ढुलाई और यात्रियों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप बांग्लादेश के स्थानीय बाजारों, गंगा नदी के किनारों और वहां की संस्कृति को देखना चाहते हैं, तो सिंघाबाद स्टेशन आपके लिए एक शानदार विकल्प है।
7. अटारी रेलवे स्टेशन (पंजाब): पाकिस्तान का पुराना रास्ता
पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित अटारी रेलवे स्टेशन भारत का एक ऐतिहासिक स्टेशन है। पहले यहां से समझौता एक्सप्रेस चलती थी, जो भारत को पाकिस्तान के लाहौर से जोड़ती थी। यह ट्रेन अमृतसर से अटारी तक आती थी और फिर वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश करती थी।

हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यह सेवा कई बार रुकी और शुरू हुई। वर्तमान में समझौता एक्सप्रेस का संचालन बंद है, लेकिन अटारी स्टेशन का महत्व आज भी बरकरार है। यह स्टेशन भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक महत्वपूर्ण चेकपॉइंट के रूप में काम करता है। अगर भविष्य में यह सेवा फिर शुरू होती है, तो अटारी स्टेशन फिर से यात्रियों को पाकिस्तान की सैर कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
क्यों खास हैं ये स्टेशन?
इन रेलवे स्टेशनों की खासियत यह है कि ये न केवल यात्रियों को विदेश पहुंचाते हैं, बल्कि भारत और पड़ोसी देशों के बीच व्यापार, संस्कृति और दोस्ती को भी बढ़ावा देते हैं। इन स्टेशनों से यात्रा करना हवाई यात्रा की तुलना में कहीं ज्यादा किफायती है। साथ ही, ट्रेन का सफर आपको स्थानीय संस्कृति, खानपान और प्राकृतिक सुंदरता को करीब से देखने का मौका देता है।
इन स्टेशनों से यात्रा करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें:
बांग्लादेश की यात्रा के लिए वैध पासपोर्ट और वीजा जरूरी है।
नेपाल के लिए भारतीय नागरिकों को वीजा की जरूरत नहीं होती, लेकिन पहचान पत्र साथ रखें।
यात्रा से पहले ट्रेनों की उपलब्धता और समय-सारणी की जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट से ले लें।
एक अनोखा अनुभव
इन रेलवे स्टेशनों से विदेश की यात्रा करना एक अनोखा अनुभव है। आप ट्रेन की खिड़की से बदलते नजारे देख सकते हैं, स्थानीय लोगों से मिल सकते हैं और पड़ोसी देशों की संस्कृति को करीब से जान सकते हैं। ये स्टेशन भारत की उस खूबी को दर्शाते हैं, जो इसे अपने पड़ोसियों से जोड़ती है।
अगर आप कम बजट में विदेश की सैर करना चाहते हैं या फिर ट्रेन के सफर का रोमांच लेना चाहते हैं, तो इन स्टेशनों को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। जयनगर से नेपाल की धार्मिक नगरी जनकपुर हो या हल्दीबाड़ी से बांग्लादेश की राजधानी ढाका, ये स्टेशन आपको एक ऐसी यात्रा पर ले जाएंगे, जो जिंदगी भर याद रहेगी। तो अगली बार जब आप विदेश यात्रा का प्लान बनाएं, तो हवाई जहाज की टिकट बुक करने से पहले इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जरूर सोचें।