Bhopal Famous Ganesh Pandals (Photos – Social Media)
Bhopal Famous Ganesh Pandals : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल साल भर में आने वाले हर त्यौहार को धूमधाम से मनाती हुई नजर आती है। यहां गणेश उत्सव से लेकर होली दीपावली सब कुछ हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। गणेश उत्सव का त्यौहार भी यहां लोग जमकर मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों और पंडाल में बप्पा की स्थापना करते हैं। 10 दिनों तक जमकर सांस्कृतिक कार्यक्रम और पूजन पाठ का दौर चलता है। पंडाल बनाकर गणेश जी को स्थापित करने के लिए परंपरा भोपाल में अभी से नहीं बल्कि लम्बे समय से चली आ रही है। चलिए आज हम आपके शहर के कुछ पुराने गणेश पंडाल से रूबरू करवाते हैं।
पुराना कबाड़खाना गणेश पंडाल भोपाल (Old Junkyard Ganesh Pandal Bhopal)
40 से ज्यादा सालों से इस पंडाल में गणेश जी की स्थापना की जा रही है। श्री गणेश नव उत्सव समिति यहां पर सेलिब्रेशन करती है। छोटे से पंडाल से यहां पर गणेश उत्सव की शुरुआत हुई थी जो साल 10 साल बड़ा होता चला गया। यहां हर साल लगभग डेढ़ लाख रुपये गणेश जी को बैठने की तैयारी में खर्च किए जाते हैं।
सुभाष चौक गणेश पंडाल भोपाल (Subhash Chowk Ganesh Pandal Bhopal)
भोपाल के सुभाष चौक में गणेश प्रतिमा बिठाई जाती है और यह सबसे व्यस्ततम और पूर्ण मार्केट है। गणेश उत्सव के अलावा नवरात्रि सेलिब्रेशन के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यहां पर चौक बाजार के बिल्कुल मध्य में गणेश पंडाल बनाया जाता है। यह लगभग 50 सालों से यहां पर लग रहा है और यहां गणेश जी की बड़ी-बड़ी मूर्ति बिठाई जाती है।
सिंधी कॉलोनी चौराहा गणेश पंडाल भोपाल (Sindhi Colony Square Ganesh Pandal Bhopal)
पिछले 35 सालों से इस गणेश पंडाल में श्री गणेश की स्थापना की जा रही है। पहले नॉर्मल तरीके से मूर्ति बिठाई जाती थी लेकिन सालो साल देखते ही देखते सेलिब्रेशन बड़ा होता चला गया। गणेश उत्सव के सेलिब्रेशन में यहां लगभग 6 लाख रुपए हर साल खर्च किए जाते हैं। यहां कई सारे कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें 1000 से ज्यादा लोग शामिल होते हैं।
इतवारा चौराहा गणेश पंडाल भोपाल (Itwara Square Ganesh Pandal Bhopal)
इतवारा चौराहा पर नव हिंदू उत्सव समिति गणपति स्थापना करती है और यह शहर का दूसरा सबसे पुराना पंडाल है। यहां 1950 से गणेश जी की स्थापना की जा रही है। यहां हर साल गणपति सेलिब्रेशन में काम से कम ₹100000 खर्च किए जाते हैं।