
मोकामा का बाहुबली अनंत सिंह और पत्नी नीलम देवी
मोकामा का बाहुबली अनंत सिंह और पत्नी नीलम देवी
Bihar News: बिहार की राजनीति में मोकामा विधानसभा क्षेत्र हमेशा से सुर्खियों में रहा है, जिसका केंद्र बिंदु बाहुबली नेता अनंत सिंह है, जिन्हें उनके समर्थक ‘छोटे सरकार’ के नाम से जानते हैं। आपराधिक मामलों में सजा होने के कारण जब अनंत सिंह जेल गए और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हुई, तब उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजनीतिक विरासत को न सिर्फ टूटने से बचाया, बल्कि उसे और मजबूत किया। उसके बाद से वह सुर्खियों में बनी रहती है।
नीलम देवी की राजनीतिक सफर
नीलम देवी का राजनीतिक सफर निर्णायक मोड़ पर तब आया जब 2022 के मोकामा विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस मुकाबले में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी सोनम देवी को 16,488 वोटों के बड़े अंतर से हराया। उनकी शानदार जीत मोकामा क्षेत्र पर अनंत सिंह परिवार के अटूट प्रभाव को दर्शाती है। नीलम देवी अपनी जीत का श्रेय अनंत सिंह द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को देती रही हैं।
बिहार की सबसे अमीर विधायक
नीलम देवी की पहचान केवल बाहुबली की पत्नी या विधायक तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह बिहार की सबसे अमीर विधायकों में से एक हैं। चुनावी हलफनामों के अनुसार उनकी कुल घोषित संपत्ति लगभग 62.72 करोड़ रुपये है, जो राज्य के सबसे धनी जनप्रतिनिधियों की श्रेणी में खड़ा करती है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुंगेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
ऐसा बाहुबली का व्यक्तिगत जीवन
अनंत सिंह के राजनीतिक जीवन पर आपराधिक मामलों का साया रहा है, लेकिन उनके संघर्ष के दौर में पत्नी नीलम देवी एक ढाल बनकर खड़ी रही है। उन्होंने प्रशासनिक और राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए पति को फंसाने का आरोप लगाया और न्याय के लिए राज्यपाल तक से गुहार लगाई। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो 11 फरवरी 1971 को बाढ़ में जन्मी नीलम देवी की शिक्षा कक्षा 8 तक हुई है, वह चार बच्चों की मां हैं।
मजबूत राजनीतिक घराने की नींव
अनंत सिंह के साथ उनकी शादी ने मोकामा की राजनीति में मजबूत राजनीतिक घराने की नींव रखी है। नीलम देवी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार फिर पति अनंत सिंह चुनावी मैदान में हैं। नीलम देवी ने राजनीतिक समझ और मजबूत वित्तीय स्थिति के चलते बिहार की राजनीति में अपनी एक खास जगह बनाई है, जो साबित करता है कि वह केवल एक बाहुबली नेता की पत्नी नहीं, बल्कि स्वयं में शक्तिशाली राजनीतिक शख्सियत हैं। अंनन सिंह की अनुपस्थित में उनकी विरासत को संभाल चुकी है।


