
PM Modi Bihar Rally (Photo: Social Media)
PM Modi Bihar Rally (Photo: Social Media)
Bihar Election 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बिहार के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा राजनीतिक लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस बार अपनी जनसभा शाहाबाद क्षेत्र में करने वाले हैं जिसे बिहार की राजनीति में एक संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाका माना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, प्रधानमंत्री 30 मई को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में एक बड़ी रैली को संबोधित कर सकते हैं। हालांकि अभी तक कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस जनसभा को आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
पिछले चुनाव में शाहाबाद में था NDA का कमजोर प्रदर्शन
बीते लोकसभा चुनाव में NDA को शाहाबाद और उससे सटे क्षेत्रों में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। बक्सर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), सासाराम में कांग्रेस, और आरा व काराकाट में वामपंथी दलों ने जीत दर्ज की थी। यहां तक कि परंपरागत रूप से बीजेपी की सीट मानी जाने वाली औरंगाबाद भी एनडीए के हाथ से निकल गई थी।
इन्हीं कारणों से माना जा रहा है कि पीएम मोदी का यह दौरा ना केवल उपेक्षित इलाकों को साधने की कोशिश है बल्कि वहां खोई हुई जमीन वापस पाने का प्रयास भी है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार किसी जनसभा को संबोधित करेंगे PM मोदी
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद मधुबनी में रैली कर पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी थी। इसी घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। अब इस सफल सैन्य कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री का बिहार दौरा एक संयोग से अधिक रणनीतिक संदेश माना जा रहा है।
NDA ने किया रणनीति में बदलाव
2020 के विधानसभा चुनाव में शाहाबाद की 22 सीटों में से सिर्फ दो ही एनडीए की झोली में गईं थीं जबकि जेडीयू एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। महागठबंधन ने 19 सीटें जीती थीं और एक सीट बहुजन समाज पार्टी को मिली थी जिसके विधायक जमा खान बाद में जेडीयू में शामिल हो गए। इतना ही नहीं 2024 लोकसभा चुनाव में भी शाहाबाद और मगध की 68 विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ 26 पर एनडीए को बढ़त मिली जबकि 42 पर विपक्षी महागठबंधन ने बाजी मारी।
विकास के वादों के साथ चुनावी जमीन तैयार करने की कोशिश
प्रधानमंत्री के इस दौरे को विकास परियोजनाओं की घोषणाओं से भी जोड़ा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी पटना-सासाराम फोरलेन, बिहटा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल, पटना के नए टर्मिनल और नबीनगर में 600 मेगावाट के बिजली संयंत्र का शिलान्यास कर सकते हैं। इन परियोजनाओं के जरिए एक तरफ जनता तक विकास का संदेश पहुंचाया जाएगा तो दूसरी तरफ भाजपा और एनडीए की राजनीतिक पकड़ को भी फिर से मजबूत करने का प्रयास होगा।
मोदी की लोकप्रियता पर लगा दांव
एनडीए के सभी घटक दल इस दौरे को लेकर बेहद उत्साहित हैं। भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि पीएम मोदी की उपस्थिति से जनता में भरोसा बढ़ेगा और इससे एनडीए को आने वाले विधानसभा चुनावों में मजबूती मिलेगी। 2020 और 2024 में मिले झटकों के बाद अब एनडीए पूरे जोर के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। आरा, सासाराम और काराकाट जैसी सीटों पर मिली हार ने गठबंधन को चेताया है और पीएम मोदी का यह दौरा इसी चेतावनी के जवाब में एक बड़ी राजनीतिक चाल के तौर पर देखा जा रहा है।