
Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित ‘नव संकल्प महासभा’ के मंच से बिहार की राजनीति में हलचल मचा देने वाला ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चिराग ने कहा कि वह बिहार के हित में विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं और उनके विरोधी उनके रास्ते में रोड़े अटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि उनकी पार्टी एनडीए में शामिल है। इस बयान को बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के लिए सियासी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। चिराग पासवान की यह रणनीति ना केवल उनके सियासी इरादों को स्पष्ट करती है, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है।
कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
पटना के व्यापारी गोपाल खेमका हत्याकांड पर चिराग ने राज्य सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि यह घटना उस सरकार में हुई है, जिसकी पहचान ‘सुशासन’ के रूप में होती है। उन्होंने कहा, मैं भी उसी सरकार का हिस्सा हूं, लेकिन ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं। अगर राजधानी के पॉश इलाके में दिनदहाड़े हत्या हो सकती है तो यह बताता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब थाना पास में था और अधिकारी उसी इलाके में रहते हैं। तब भी अपराधी वारदात को अंजाम देकर निकल गए। यह स्थिति कानून-व्यवस्था की पोल खोलती है।
सरकार को दिखाया आईना
चिराग पासवान ने जोर देकर कहा कि सरकार को जवाबदेह होना पड़ेग सिर्फ प्रचार और नारों से सुशासन नहीं चलता। चाहे हत्या पटना में हो या किसी गांव में, हर नागरिक की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार को अब सिर्फ सहयोग नहीं, परिणाम भी देने होंगे।

साल के अंत में होंगे बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य की सियासी पिच लगभग तैयार हो चुकी है। सभी प्रमुख दलों ने तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐलान किया है कि उनकी पार्टी आप बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
वहीं, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी भी सभी सीटों पर किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने को तैयार है। दूसरी ओर, महागठबंधन के दो अहम घटक कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। जिससे गठबंधन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।