
Mundeshwari Devi Temple In Bihar
Mundeshwari Devi Temple In Bihar
Mundeshwari Devi Temple In Bihar: बिहार इन दिनों चर्चाओं में है और इसकी वजह वहां चल रहा विधानसभा चुनाव है। बता दें कि बिहार राज्य भारत के उत्तर पूर्व में स्थित है, जो कई वजहों से प्रसिद्ध है। बिहार में घूमने-फिरने के साथ ही खाने पीने की भी बहुत सी चीजें मशहूर हैं, जिसका लुफ्त उठाने लोग देश के कोने कोने से आते हैं। वहीं आज हम आपको बिहार में मौजूद एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिसका चमत्कार आपके होश उड़ा देगा, जी हां! आइए फिर जानते हैं।
बिहार में मौजूद है चमत्कारी मंदिर
बिहार में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जी हां! कई ऐसी ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक जगहें हैं, जहां दूर दूर से लोग आते हैं। वहीं बिहार में एक बेहद ही प्राचीन मंदिर है, कहा जाता है कि ये मंदिर दुनिया का सबसे पुराना मंदिर है, जिसका नाम मुंडेश्वरी मंदिर है।माता मुंडेश्वरी का मंदिर बिहार के जिले कैमूर में मुंडेश्वरी पहाड़ी (पवरा पहाड़ी) पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, मुंडेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है।
रहस्यों से भरपूर है माता मुंडेश्वरी का मंदिर
बिहार में मौजूद माता मुंडेश्वरी का मंदिर कई रहस्यों से भरपूर है, मंदिर कैसे और कब बना इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि शुंभ और निशुंभ दानव के सेनापति चंड और मुंड का वध माता ने यहीं पर किया था, माता से युद्ध के दौरान मुंड इसी पहाड़ियों में छिप गया था, लेकिन माता ने उसे ढूंढ कर इसी पहाड़ी पर उसका वध कर दिया था, तभी से उन्हें माता मुंडेश्वरी के नाम से जाना जाने लगा। मंदिर में माता मुंडेश्वरी प्राचीन प्रत्थरों की आकृति में वाराही के रूप में मौजूद हैं। इस मंदिर को शिव-शक्ति मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें माता शक्ति के अलावा भगवान शिव का अनोखा शिवलिंग है। जी हां! मंदिर के गर्भगृह में एक पंचमुखी शिवलिंग है, इसके बारे में भी बेहद रहस्यमयी कहानी है। जानकारी के मुताबिक यह शिवलिंग सूर्य की स्थिति के अनुसार अपना रंग बदलता रहता है, मतलब कि शिवलिंग दिन में कम से कम तीन बार अपना रंग बदलता है, हालांकि ऐसा कई होता है आज तक इसका पता नहीं चल पाया है। मंदिर के गर्भ में अभी भी कई रहस्य छिपे हुए हैं, जिसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मंदिर की पहाड़ी पर एक गुफा भी है,आ जिसे सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है। बता दें कि माघ पंचमी से पूर्णिमा तक इस पहाड़ी पर एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं।
किसी चमत्कार से कम नहीं यहां की बलि की प्रथा
बिहार की मुंडेश्वरी मंदिर में अहिंसक बलि की एक अनूठी परंपरा है, जिसके बारे में जान आप यकीनन चौंक जाएंगे। बलि की प्रथा के लिए पुजारी देवी के सामने बकरे को लिटाते हैं और अक्षत, फूल और पानी डालकर मंत्रों का जाप करते हैं। इसके बाद बकरा अचेत होकर गिर जाता है, जिसे ही बलि माना जाता है। कुछ देर बाद पुजारी फिर से अक्षत, फूल और पानी बकरे पर डालते हैं और बकरा खुद होश में आ जाता है और खड़ा हो जाता है। मुंडेश्वरी मंदिर में बलि की इस प्रथा में रक्त नहीं बहता है, अहिंसक तरह से बलि दी जाती है, भक्तों का मानना है कि बलि से उनकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इस तरह की बलि प्रथा को चमत्कार माना जाता है, जिससे मंदिर के प्रति लोगों की आस्था काफी बढ़ गई है।
मंदिर तक कैसे पहुंचें
मुंडेश्वरी मंदिर भभुआ मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर भगवानपुर ब्लॉक के रामपुर पंचायत में पवरा पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के दो रास्ते हैं, पहला एक 450 सीढ़ियों वाला सीधा मार्ग है और दूसरा घुमावदार मार्ग, जिस पर टू-व्हीलर और छोटे वाहन भी जा सकते हैं। मंदिर तक जाने के लिए एक सड़क का निर्माण कराया कुछ साल पहले ही किया गया है, जिस पर छोटे वाहन सीधे मंदिर द्वार तक जा सकते हैं, हालांकि वहां से भी करीब 51 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी।


