
Bihar Politics: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को जमकर आड़े हाथों लिया है। पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, चिराग पासवान की कोई विचारधारा नहीं है। वे एक्टर हैं, एक्टिंग करते हैं। तीन बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कोई काम नहीं किया सिर्फ ऊल-जुलूल बयान ही दिए हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान तेजस्वी यादव ने राज्य में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को आगामी विधानसभा चुनाव तक स्थगित करने की मांग की। तेजस्वी के अनुसार यह प्रक्रिया मतदाताओं को भ्रमित कर रही है और ग्राउंड लेवल पर कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं।
आधार क्यों नहीं पहचान प्रमाण
तेजस्वी ने यह भी पूछा कि जब आधार कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड जैसे दस्तावेज देशभर में मान्य हैं। इन्हें पहचान प्रमाण के रूप में क्यों नकारा जा रहा है। उन्होंने कहा, आधार कार्ड बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद बनता है। चुनाव आयोग खुद वोटर आईडी से आधार लिंक करवा रहा है, फिर भी इसे मान्य दस्तावेज क्यों नहीं माना जा रहा?
वालंटियर्स की पारदर्शिता पर उठाये सवाल
तेजस्वी यादव ने आयोग से यह स्पष्ट करने की भी मांग की कि बूथ लेवल अधिकारियों की सहायता के लिए नियुक्त किए गए वालंटियर्स का चयन किन मापदंडों पर किया गया है। उन्होंने मांग की कि हर दिन यह जानकारी सार्वजनिक की जाए कि किस विधानसभा क्षेत्र में कितने मतदाताओं के नाम जोड़े या हटाए गए। तेजस्वी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कई बार चुनाव आयोग से शिकायत की जा चुकी है। लेकिन कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है ताकि समय रहते दखल देकर बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।