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    Home » BJP New President: लाख टके का सवाल, कौन होगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, जानें क्यों फँसा है पेंच
    राजनीति

    BJP New President: लाख टके का सवाल, कौन होगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, जानें क्यों फँसा है पेंच

    Janta YojanaBy Janta YojanaApril 23, 2025No Comments10 Mins Read
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    BJP New President Name Announcement 

    BJP New President Name Announcement 

    BJP New President Name: इन दिनों भारतीय जनता पार्टी में बेहद तनाव नज़र आ रहा है। यह कहने की वजह यह है कि कई राज्यों में मुख्यमंत्रियों के बदलने, नये पार्टी अध्यक्ष का चुनाव समेत कई फ़ैसले लगातार लटकते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को अपने कार्यक्रम रद करने पड़ रहे हैं। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक का सिलसिला भी दिख रहा है। प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति से मिलना और उसी दिन जेपी नड्डा के घर राजनाथ सिंह अमित शाह, पीयूष गोयल और अश्वनी बैष्णव के साथ मीटिंग करना यह सब भाजपा नेताओं के पेशानी पर बल की कहानी कहता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का तीन साल का कार्यकाल पांच साल तक खिसक जाना भी कुछ इसी तरह की कहानी कहता है।

    ग़ौरतलब है कि जेपी नड्डा ने 17जून, 2019 को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपनी यह पारी शुरु की थी। पर 20 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में उन्होंने कार्यकाल सँभाला। राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल केवल तीन साल का होता है। साफ़ है कि दो साल ज़्यादा गुज़र जाने के बाद भी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश नहीं की जा सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नागपुर स्थित मुख्यालय के दौरे ने भी राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया।

    इस यात्रा को नये अध्यक्ष के नाम पर आम सहमति बनाने की दिशा में निर्णायक कदम के रुप में देखा गया है। इस यात्रा को बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में तमाम नाम चर्चा के केंद्र में आये ।

    इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,

    संघ विचारक राम माधव,

    संजय जोशी,

    केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ,

    केंद्रीय मंत्री व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,

    केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव,

    केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम आम चर्चा में हैं।

    वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के फैसलों का ऊँट किस करवट बैठेगा यह अंदाज़ लगा पाना मुश्किल नहीं असंभव भी होता है। फिर भी अटकलों का बाज़ार गर्म है।

    कहा यह जा रहा है कि संघ चाहता है कि राम माधव को यह दायित्व मिले। उसकी इच्छा संजय जोशी को भी संगठन में कोई न कोई ज़िम्मेदारी दिये जाने के पक्ष में है। राम माधव का जन्म 22 अगस्त, 1964 को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के अमलापुरम में हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। बाद में मैसूर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।

    संघ विचारक राम माधव के बारे में जानकारी 

    राम माधव ने 1981 में RSS के पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में कार्य करना शुरू किया। वह 2003 से 2014 तक संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। 2014 में उन्हें भाजपा में शामिल कर राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर भारत में पार्टी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राम माधव ने 2014 में जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच गठबंधन स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की रणनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें हाल के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया था।

    संजय विनायक जोशी के बारे में जानकारी

    संजय विनायक जोशी का जन्म 6 अप्रैल, 1962 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की और नागपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर के रूप में कार्य किया। बाद में, उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित करते हुए RSS के पूर्णकालिक प्रचारक बनने का निर्णय लिया। 1988 में, RSS ने उन्हें गुजरात भाजपा में संगठन मंत्री के रूप में भेजा, जहाँ उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर 1988 से 1995 तक पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया। उनकी संगठनात्मक क्षमता के कारण, भाजपा ने 1995 में गुजरात में पहली बार सत्ता प्राप्त की। 2001 से 2005 तक, संजय जोशी भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रहे। इस दौरान, उन्होंने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और मध्य प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2005 में, एक विवादास्पद सीडी कांड के चलते उन्हें पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा, हालांकि जांच में यह सीडी फर्जी पाई गई। इसके बाद, 2012 में नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी इस्तीफा देना पड़ा।

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बारे में जानकारी

    राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के बभौरा गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रामबदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी है। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर (M.Sc.) की डिग्री प्राप्त की और मिर्जापुर के के.बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में कार्य किया। राजनाथ सिंह ने 13 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 1974 में वे भारतीय जनसंघ से जुड़े और 1975 में आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी झेली । 1977 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिर्जापुर से जीत हासिल कर विधायक बने।वह सरकार व संगठन के सभी पदों पर रहे। उन्होंने 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की।अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सड़क परिवहन और कृषि मंत्री रहे। उन्होंने दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया — पहली बार 2005 से 2009 तक और दूसरी बार 2013 से 2014 तक। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।30 मई, 2019 से भारत के रक्षा मंत्री के रूप में वह कार्यरत हैं।

    मनोहर लाल खट्टर के बारे में जानकारी

    मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले गैर-जाट मुख्यमंत्री बने। उनका जन्म 5 मई, 1954, को हरियाणा के निंदाना गांव में हुआ। उनके पिता हरबंस लाल खट्टर 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान के झंग जिले से भारत आ कर रोहतक जिले के बनियानी गांव में बस गए। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पंडित नेकी राम शर्मा सरकारी कॉलेज, रोहतक से और स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की।

    1977 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े।1980 में पूर्णकालिक प्रचारक बने। 1994 में भाजपा में शामिल हुए। हरियाणा में संगठनात्मक महासचिव नियुक्त हुए। 2014 में करनाल विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा। जीत हासिल की। 26 अक्टूबर, 2014 को हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार 2019 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2024 मैं करनाल लोकसभा सीट से सांसद चुने गए और केंद्र सरकार में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एवं आवास और शहरी मामलों के मंत्री नियुक्त हुए।

    शिवराज सिंह चौहान के बारे में जानकारी

    शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार सेवा की है। वर्तमान में केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।उनका जन्म: 5 मार्च 1959, जैत गांव, सीहोर जिला, मध्य प्रदेश में हुआ।बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से दर्शनशास्त्र में एम.ए.की उपाधि स्वर्ण पदक के साथ हासिल की। 13 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े। आपातकाल के दौरान भूमिगत आंदोलन में भाग लिया और जेल गए।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में विभिन्न पदों पर कार्य किया। 1990 में बुधनी विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित।विदिशा लोकसभा सीट से पांच बार सांसद निर्वाचित हुए। 2024 मे केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नियुक्त हुए।

    भूपेंद्र यादव के बारे में जानकारी

    भूपेंद्र यादव एक वरिष्ठ भारतीय राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख रणनीतिकार हैं। वर्तमान में वे भारत सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म: 30 जून 1969, अजमेर, राजस्थान में हुआ। बी.ए. और एलएल.बी. की डिग्री सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर से प्राप्त की। राजनीति में प्रवेश से पहले, भूपेंद्र यादव सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता थे। उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच के लिए गठित लिब्रहान आयोग और ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स की हत्या की जांच के लिए गठित वाधवा आयोग में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया।

    2000 में वह अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के महासचिव नियुक्त हुए।2010 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बने।2012में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त हुए।2021 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा श्रम और रोजगार मंत्री बने।2024 में अलवर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित और पुनः पर्यावरण मंत्री नियुक्त हुए। उन्होंने राजस्थान (2013), झारखंड (2014), गुजरात (2017), उत्तर प्रदेश (2017), बिहार (2020) और मध्य प्रदेश (2023) जैसे राज्यों में भाजपा की चुनावी रणनीति का नेतृत्व किया।

    धर्मेंद्र प्रधान के बारे में जानकारी

    धर्मेंद्र प्रधान एक वरिष्ठ भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में भारत सरकार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और ओडिशा के संबलपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका जन्म 26 जून 1969, तालचेर, ओडिशा में हुआ। इनके पिता देवेंद्र प्रधान भी केंद्रीय मंत्री रहे। देबेन्द्र प्रधान ने उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से मानवशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री की तालिम हासिल की।1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े और 1995 में इसके राष्ट्रीय सचिव बने।2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में पललहारा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2004 में देवगढ़ से सांसद निर्वाचित हुए। बिहार (2012–2018) और मध्य प्रदेश (2018–2024) से राज्यसभा सदस्य रहे। 2024 में संबलपुर, ओडिशा से लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का श्रेय भी इनके खाते में जाता है। इन्होंने ‘इस्पाती इरादा’ और ‘मिशन पूर्वोदय’ जैसी पहलें शुरू कीं, जिनका उद्देश्य पूर्वी भारत को इस्पात उत्पादन का केंद्र बनाना था।स्किल इंडिया” अभियान के तहत 2.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया।राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) की स्थापना की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन की दिशा में कार्य कर रहे हैं। NEET 2024 परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बाद, उन्होंने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की।

    उनमें कहा जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने साफ़ मना कर दिया है। खट्टर ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए किसी तरह की कोशिश करने, मिलने जुलने से हाथ खड़े कर दिये हैं। शिवराज सिंह का नाम चर्चा में तो है। पर उनके नाम को चर्चा में बनाये रखना केवल एक रणनीति का हिस्सा है। इसके पीछे मंशा नहीं है। राम माधव को पार्टी के दो बड़े नेताओं में से एक का सीधा समर्थन प्राप्त है। जबकि संजय जोशी लंबे समय से जिस तरह का निर्वासन झेल रहे हैं,उसे देखते हुए उनके पुनर्वास की गुंजाइश के बारे में सोचना एक बड़ी गलती हैं। धर्मेंद्र प्रधान प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह दोनों की गुड बुक में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। भूपेंद्र यादव भाजपा के दिग्गज नेता व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के सहयोगी रहे हैं। इसलिए नरेंद्र मोदी के मुकदमों में सहायक की भूमिका निभाने की ज़िम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

    भाजपा अध्यक्ष इनमें से कोई बनेगा या इनके बाहर से किसी को लेकर कुर्सी पर ला कर बैठाया जाता है, यह कहना दूर की कौड़ी है। पर इतना तय है कि इस बार के अध्यक्ष बनने में यह तय हो जायेगा कि आने वाले दिनों में भाजपा में किसकी चलने वाली है।केवल संघ की। केवल प्रधानमंत्री की। केवल अमित शाह की। या फिर संघ व नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह सब की।यही नहीं, सत्ता का कोई नया केंद्र भी खडा होगा। या जितने केंद्र हैं, उतने ही बने रहते हैं। 

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