
BJP New President: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सबकी निगाहें इस पर टिकी है कि आखिर पार्टी किसको ये कमान सौंपेगी। इस बीच गुजरात में एक साल से लंबित चल रहे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव का बिगुल बज चुका है, और शनिवार को गांधीनगर स्थित मुख्यालय में इस पद के लिए मतदान और परिणाम की घोषणा होगी।
क्या मौजूदा मुख्यमंत्री पाटीदार समुदाय से होने के कारण अगला अध्यक्ष ओबीसी होगा? क्या पार्टी सीआर पाटिल से कमान वापस लेकर किसी नए चेहरे को सौराष्ट्र या उत्तरी गुजरात की जिम्मेदारी सौंपेगी? यह फैसला सिर्फ राज्य की इकाई के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष चुनने की राह भी आसान करेगा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्वाचन क्षेत्रों में संगठन चुनाव पूरे हुए बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर साइन नहीं हो सकते।
इंतजार हुआ खत्म, अब गांधीनगर पर निगाहें
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का लंबा खिंचना कहीं न कहीं गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसी महत्वपूर्ण इकाइयों के संगठन चुनाव न हो पाने से जुड़ा है। गुरुवार को बीजेपी ने ऐलान किया कि शुक्रवार को नामांकन दाखिल किए जाएंगे, और उसी दिन उनकी जांच भी होगी। सबसे बड़ा दिन शनिवार होगा, जब मतदान के बाद देर शाम तक नतीजों का ऐलान हो जाएगा। यह महज एक संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष को थामने और नई ऊर्जा भरने की कवायद है, जो 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होंगे।
कौन होगा अगला कप्तान? जातीय समीकरण अहम
गुजरात में इस वक्त सीएम पाटीदार समुदाय से हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठन की कमान किसी ओबीसी नेता के हाथ में दी जा सकती है। यह जातीय संतुलन बनाए रखने की बीजेपी की पुरानी और सफल रणनीति का हिस्सा हो सकता है। मौजूदा अध्यक्ष सीआर पाटिल का कार्यकाल जल्द ही पूरा होने वाला है। 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत का श्रेय पाटिल को दिया गया था, लेकिन अब वह केंद्र में मंत्री बनने के बाद राज्य ईकाई को पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं।
पाटिल दक्षिण गुजरात से आते हैं। अब चर्चा है कि पार्टी की कमान सौराष्ट्र या उत्तरी गुजरात से आने वाले किसी नेता को सौंपी जा सकती है ताकि क्षेत्रीय संतुलन साधा जा सके।
ये नाम हैं सबसे आगे: बड़े नेताओं पर दांव
बीजेपी अध्यक्ष की दौड़ में कई दिग्गज नेताओं के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। ये सभी नाम संगठनात्मक अनुभव और राजनीतिक पकड़ के हिसाब से काफी मजबूत हैं:
देवुसिंह चौहाण: पूर्व केंद्रीय मंत्री और खेडा सीट से लगातार तीसरी बार के सांसद। संगठन और प्रशासन का लंबा अनुभव।
जगदीश पंचाल: एक जाना-माना नाम, जिनका संगठनात्मक काम में अच्छा दखल है।
पूर्णेश मोदी: पूर्व मंत्री और सूरत सीट से विधायक। पाटीदार समुदाय से अलग एक मजबूत चेहरा।
प्रफुल्ल पटेल: लक्षद्वीप के प्रशासक। उनका नाम भी चर्चा में है, जो एक चौंकाने वाला दांव हो सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की राह हुई आसान
गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पूरा होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में तेज़ी आने की संभावना है। अमित शाह गुजरात से सांसद हैं, जबकि पीएम मोदी उत्तर प्रदेश से सांसद हैं। पार्टी के नियमों के अनुसार, जब तक इन दोनों बड़े राज्यों समेत अधिकांश राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पत्र पर साइन नहीं हो सकते। गुजरात में अध्यक्ष चुनने के बाद अब सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिक जाएंगी। जैसे ही यूपी में पार्टी चीफ का चुनाव होगा, बीजेपी को जे.पी. नड्डा के बाद अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। यह सिर्फ गुजरात का नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति का महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।