
C. Robert Bruce Biography (Image Credit-Social Media)
C. Robert Bruce Biography (Image Credit-Social Media)
C. Robert Bruce Biography: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली संसदीय क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में 2024 के आम चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले सी. रॉबर्ट ब्रूस आज दक्षिण भारत की राजनीति में एक प्रेरणादायक चेहरा बनकर उभरे हैं। कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त कर आम जनमानस की सेवा में उतरे ब्रूस न केवल एक जनप्रिय नेता हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों पर स्पष्ट और प्रखर राय रखने वाले वक्ता भी हैं। 18वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद अब वे रसायन एवं उर्वरक संबंधी समिति के सदस्य के रूप में संसद में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
सी. रॉबर्ट ब्रूस का जन्म 27 मई 1962 को तमिलनाडु में हुआ। ब्रूस एक साधारण लेकिन शिक्षित ईसाई परिवार से आते हैं। उनके पिता का नाम चेल्लापन और माता का नाम स्टार क्वी है। उनका पालन-पोषण तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में हुआ। जहां प्रारंभ से ही उन्होंने समाज की समस्याओं को नजदीक से देखा और समझा। बचपन से ही उनमें नेतृत्व के गुण और समाज सेवा की भावना प्रबल रही। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाए और अपने क्षेत्र के युवाओं के लिए एक उदाहरण बने।
शैक्षणिक योग्यता और प्रारंभिक करियर
ब्रूस ने मद्रास विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर (मास्टर ऑफ लॉ – LLM) की डिग्री प्राप्त की। यह शिक्षा उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन की नींव बनी। कानून की गहरी समझ ने उन्हें संवैधानिक मूल्यों, मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के विषयों पर विशेष दृष्टिकोण विकसित करने में मदद की।
कानूनी पेशे से जुड़े रहते हुए उन्होंने समाज के वंचित तबकों के लिए नि:शुल्क परामर्श देना शुरू किया। यही उनके सामाजिक कार्यों की शुरुआत थी, जिसने बाद में उन्हें राजनीति की ओर प्रेरित किया।
राजनीतिक प्रवेश और कांग्रेस से जुड़ाव
सी. रॉबर्ट ब्रूस का राजनीतिक जीवन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ने के साथ शुरू हुआ। उन्होंने पार्टी की विचारधारा धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों से प्रेरित होकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। वे कांग्रेस की जिला इकाई में कई वर्षों तक कार्यरत रहे और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर संगठन को मजबूत किया। उनके नेतृत्व में कई सामाजिक अभियानों और जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन हुआ, जिससे जनता के बीच उनकी छवि एक जनसेवक के रूप में मजबूत हुई।
2024 का आम चुनाव और भारी जीत
2024 के आम चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें तमिलनाडु के तिरुनेलवेली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। यह सीट पहले द्रविड़ दलों के प्रभाव में मानी जाती थी, लेकिन ब्रूस ने अपने साफ-सुथरे छवि, स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ और जमीनी संगठन की बदौलत भाजपा और अन्य दलों को कड़ी टक्कर दी।
2024 के आम चुनाव में सी. रॉबर्ट ब्रूस ने तिरुनेलवेली लोकसभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। यह सीट तमिलनाडु के राजनीतिक मानचित्र पर विशेष महत्व रखती है, जहां अतीत में द्रविड़ दलों का दबदबा रहा है। बावजूद इसके, ब्रूस ने अपने साफ-सुथरे छवि, प्रभावशाली जनसंपर्क और मजबूत जमीनी संगठन के दम पर चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,87,346 मतों के बड़े अंतर से हराया। यह अंतर न केवल उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि उनकी चुनावी रणनीति में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थानीय उद्योगों के विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उनके प्रभावशाली चुनाव प्रचार और जनसंपर्क अभियानों का परिणाम यह रहा कि वे भारी मतों से चुनाव जीतकर 18वीं लोकसभा के सदस्य बने।
वर्तमान पद और संसदीय कार्य
जून 2024 में लोकसभा सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद उन्हें 26 सितंबर 2024 से रसायन एवं उर्वरक संबंधी संसदीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। इस समिति के माध्यम से वे देश में रसायन उद्योग, खाद सुरक्षा, उर्वरक वितरण और पर्यावरणीय मुद्दों पर सांसदों के साथ संवाद कर रहे हैं। उनकी समिति में सक्रिय भागीदारी और स्थानीय मुद्दों पर संसद में उठाए गए सवाल उन्हें एक सक्रिय और जिम्मेदार सांसद के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
सामाजिक सरोकार और जनसेवा
राजनीति में आने से पहले और बाद में भी सी. रॉबर्ट ब्रूस सामाजिक कार्यों से गहराई से जुड़े रहे हैं। उनका विशेष ध्यान गरीब और पिछड़े समुदायों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और कानूनी सहायता पर रहा है। उन्होंने कई बार अपने संसदीय क्षेत्र में मेडिकल कैंप, रोजगार मेले और नि:शुल्क कानूनी सलाह शिविरों का आयोजन करवाया। इसके अतिरिक्त वे महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, वृद्धजनों के लिए पोषण सहायता योजनाएं और युवाओं के लिए करियर गाइडेंस जैसे कार्यक्रमों में भी अग्रणी रहे हैं। उनके इन कार्यों ने उन्हें अपने क्षेत्र में ‘जननेता’ की पहचान दिलाई है।
विचारधारा और नेतृत्व शैली
ब्रूस की नेतृत्व शैली संवादपरक और समावेशी है। वे मानते हैं कि राजनीति का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि जनहित के लिए स्थायी नीतियां बनाना है। वे गांधीवादी मूल्यों, समता और सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं। वे अक्सर कहते हैं, ‘राजनीति वह औजार है जिससे हम समाज को नये रूप में गढ़ सकते हैं बशर्ते उसका उपयोग निस्वार्थ भाव से किया जाए।’ संसद में उनकी उपस्थिति और वक्तव्य यही सिद्ध करते हैं कि वे गंभीर विचारक और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं।
परिवार और निजी जीवन
सी. रॉबर्ट ब्रूस का पारिवारिक जीवन भी उतना ही अनुशासित और प्रेरणादायक है। उनकी पत्नी एक शिक्षिका हैं और वे दो बच्चों के पिता हैं। उनके परिवार का सार्वजनिक जीवन में गहरा योगदान है। जो उन्हें नैतिक समर्थन और स्थिरता प्रदान करता है। वे पारिवारिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं और जीवन की निजी सादगी को अपनी सार्वजनिक छवि से जोड़ते हैं।
भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं
रॉबर्ट ब्रूस का राजनैतिक सफर उस संघर्ष और सफलता की कहानी है। जो दर्शाती है कि यदि व्यक्ति में समाज सेवा का जुनून हो, तो वह किसी भी मुकाम को पा सकता है। सी. रॉबर्ट ब्रूस भविष्य में अपने क्षेत्र के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, कृषि आधारित स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और युवाओं के लिए डिजिटल प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना को प्राथमिकता देना चाहते हैं। वे यह मानते हैं कि यदि ग्रामीण युवाओं को तकनीकी और डिजिटल रूप से दक्ष किया जाए, तो उन्हें शहरी पलायन से रोका जा सकता है। उनकी प्राथमिकता में पर्यावरणीय संतुलन और जल प्रबंधन जैसे विषय भी शामिल हैं। एक सामान्य परिवार से निकलकर देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था में पहुंचना और वहां से जनहित के कार्यों में संलग्न रहना एक सच्चे जनप्रतिनिधि की पहचान है।
उनकी ईमानदारी, शिक्षा और समर्पण आज के राजनीतिक परिदृश्य में उम्मीद की किरण हैं। वे न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि तमिलनाडु और देश के लिए एक उभरते हुए संवेदनशील, दूरदर्शी और सक्रिय नेता हैं।