Delhi Politics :�महाराष्ट्र में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव की पिच पर धुआंधार बैटिंग करने के लिए तैयार है। दिल्ली में भाजपा को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ सियासी जंग लड़नी है। आप ने 31 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस बीच एआईएमआईएम के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के कदम ने भाजपा को दिल्ली में भी खेला करने का बड़ा मौका दे दिया है।
दरअसल ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। ओवैसी के इस कदम को भाजपा ने हिंदुओं के लिए बड़ी चुनौती बताया है। ओवैसी के इस कदम के बाद माना जा रहा है कि भाजपा दिल्ली में भी महाराष्ट्र वाले नारे उछाल सकती है। सियासी जानकारों का मानना है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी ‘एक हैं तो सेफ हैं और ‘बंटोगे तो कटोगे’ जैसे नारों की एंट्री हो सकती है जिसका बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली दंगे के आरोपी को ओवैसी ने दिया टिकट
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने आज दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने आप के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाने का ऐलान किया। ओवैसी ने खुद अपने एक्स हैंडल से ट्वीट करके यह जानकारी दी।
ओवैसी ने लिखा कि पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हुए और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में वे मुस्तफाबाद से हमारे प्रत्याशी होंगे। दिल्ली दंगे के मामले में फिलहाल ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं। ताहिर हुसैन के परिजनों और समर्थकों से मुलाकात के बाद ओवैसी ने यह ऐलान किया है।
मुस्लिम मतों के बंटवारे से भाजपा को होगा फायदा
दिल्ली में 2020 में हुए दंगे में ताहिर हुसैन पर साजिश रचने का आरोप लगा था और उसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। बाद में आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुस्तफाबाद से आप ने आदिल अहमद खान को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में मुस्लिम मतों का बंटवारा होने से भाजपा को फायदा मिल सकता है। कांग्रेस की ओर से भी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को ही उतारे जाने की संभावना है।
2015 में भी ऐसा ही समीकरण बना था जिसका फायदा भाजपा को मिला था। मुस्तफाबाद मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र है मगर 2015 में मुस्लिम मतों में बंटवारा होने के कारण भाजपा के जगदीश प्रधान को जीत हासिल हुई थी। इस तरह ओवैसी के इस कदम से मुस्लिम मतों के बंटवारे की बिसात बिछ गई है जिससे आप की टेंशन बढ़ गई है।
भाजपा ने बताया हिंदुओं के लिए बड़ी चुनौती
ताहिर हुसैन को चुनावी अखाड़े में उतारने के ओवैसी के ऐलान के बाद दिल्ली प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने ओवैसी के इस कदम को दिल्ली के हिंदुओं के लिए चुनौती तक बता डाला। मिश्रा ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ओवैसी का हाथ आईबी अफसर अंकित शर्मा के हत्यारे के साथ। ओवैसी ने असली सेक्युलरिज्म का रंग दिखाया है।
उन्होंने सीएए के विरोध में प्रदर्शन के बाद दिल्ली में भड़के दंगे की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि यदि फिर इस तरह की फिर कोशिश की गई तो ऐसा करने वालों की सात पीढ़ियां याद रखेंगी।
कपिल मिश्रा ने कहा कि ताहिर हुसैन ने दिल्ली में सैकड़ों हिंदुओं की हत्या की साजिश रची। हुसैन के घर से पत्थर और हथियार मिले। करीब 400 बार चाकुओं से गोदने के बाद अंकित शर्मा के शव को नाले में फेंक दिया गया।
ऐसे हत्यारे जिहादी ताहिर हुसैन को दिल्ली के चुनावी अखाड़े में उतार कर हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही है। अपने इस बयान के जरिए मिश्रा ने हिंदुओं को गोल बंद करने का प्रयास किया है।
ओवैसी ने दिया भाजपा को बड़ा हथियार
ओवैसी की ओर से किए गए इस ऐलान के बाद भाजपा को विपक्षी दलों को अपनी पिच पर खेलने के लिए मजबूर करने का बड़ा मौका मिल गया है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप को मुस्लिम मतदाताओं का भारी समर्थन मिलता रहा है मगर आप इस संवेदनशील मुद्दे पर काफी सतर्क रही है।
इसी कारण दिल्ली दंगे में नाम आने के बाद पार्टी ने ताहिर हुसैन को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। सियासी जानकारों का मानना है कि आप के सतर्क होने के बाद अब ओवैसी ने भाजपा को बड़ा हथियार दे दिया है।
अब मोदी और योगी का नारा दिखा सकता है असर
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिए गए नारे ‘बंटोगे तो कटोगे’ ने बड़ा असर दिखाया था। अब ताहिर हुसैन को चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी इन नारों की एंट्री तय मानी जा रही है।
भाजपा का मानना है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में इन नारों ने बड़ा असर दिखाया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी मानना है कि इन नारों की वजह से लोगों ने गोलबंद होकर महायुति के पक्ष में मतदान किया। अब दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी इन नारों की एंट्री आप और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।