Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • क्या अमेरिका ईरान पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है?
    • तमिलनाडु की कीलडी सभ्यता पर केंद्र से विवाद, ASI निदेशक को क्यों हटाया गया?
    • Satya Hindi News Bulletin। 18 जून, शाम तक की ख़बरें
    • Satya Hindi News Bulletin। 18 जून, सुबह तक की ख़बरें
    • कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर लगा ब्रेक-ओला, उबर, रैपिडो को झटका…क्या अन्य राज्य भी उठा सकते हैं यही कदम
    • ईरान के खामेनेई ने किसके लिए और क्यों कहा- ‘जंग शुरू…अली खैबर में आ गए हैं’
    • Beach in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में भी है बीच का मजा! पूरनपुर का ‘मिनी गोवा’ आपको कर देगा हैरान
    • Live: ईरान ने इसराइल पर और मिसाइलें दागीं, आईडीएफ ने तेहरान में हमले किए
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Devi Patan Mandir Mystery: इस मंदिर में हर साल अचानक प्रकट होते हैं देवी के वस्त्र, जानें इससे जुड़े रहस्य
    Tourism

    Devi Patan Mandir Mystery: इस मंदिर में हर साल अचानक प्रकट होते हैं देवी के वस्त्र, जानें इससे जुड़े रहस्य

    By February 25, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Devi Patan Mandir (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    Devi Patan Mandir (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    Devi Patan Temple Shaktipeeth In Tulsipur: देवी मां के पाटन वस्त्र की पूजा की परम्परा भारत देश में सदियों पुरानी है। मुख्य रूप से ये राजस्थान के नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर सहित कई शक्ति पीठों और वैष्णव मंदिरों में होती चली आ रही है। यह परंपरा वैष्णव संप्रदाय से जुड़ी हुई है, जिसमें देवी मां के वस्त्रों को पवित्र मानकर उनकी विशेष आराधना की जाती है।

    इसके अलावा, गुजरात के अंबाजी मंदिर और वृंदावन के राधा रमण मंदिर में भी देवी के वस्त्रों की पूजा करने की परंपरा देखी जाती है। लेकिन इनके अलावा एक और भी ऐसा मंदिर है, जहां देवी मां के वस्त्रों की पूजा करने की परंपरा आदि काल से विद्यमान है, साथ ही ये मंदिर कई रहस्यों से भरा हुआ है। इस मंदिन का नाम है देवी पाटन मंदिर। ये उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले (Balrampur) के तुलसीपुर (Tulsipur) में स्थित एक प्राचीन शक्तिपीठ है। यह मंदिर केवल धार्मिक महत्व के कारण ही नहीं, बल्कि अपने रहस्यों और चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की गुप्त सुरंग, अखंड ज्योति, स्वयंभू शक्ति, पाटन वस्त्र, और नेपाल राजाओं की पूजा परंपरा सदियों से भक्तों के लिए रहस्य और आस्था का विषय बनी हुई हैं।

    उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में स्थित देवी पाटन मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार, यहां माता सती के दाहिने कंधे (पाटन) का पतन हुआ था, जिसके कारण इस स्थान को “देवी पाटन” कहा जाता है।आइए जानते हैं इस लोकप्रिय देवी मंदिर से जुड़े महत्व के बारे में –

    मां सती के अंग का पतन और शक्तिपीठ का निर्माण

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के जलते हुए शरीर को लेकर ब्रह्मांड में घूम रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के टुकड़े कर दिए। माना जाता है कि देवी सती का दाहिना कंधा (पाटन) इस स्थान पर गिरा था, जिससे इसका नाम “देवी पाटन” पड़ा। इस स्थान पर माँ के कंधे के गिरने का प्रमाण आज भी कई संतों और भक्तों द्वारा अनुभूत किया जाता है।

    गुप्त सुरंग और नेपाल से संबंध

    यह मंदिर नेपाल के शाही परिवारों से गहराई से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि मंदिर में एक गुप्त सुरंग थी, जो सीधे नेपाल तक जाती थी। यह सुरंग नेपाल के राजाओं और पुजारियों द्वारा विशेष परिस्थितियों में प्रयोग की जाती थी, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। इस सुरंग का अस्तित्व आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है।

    अखंड ज्योति और उसकी चमत्कारी शक्ति

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    मंदिर में एक अखंड ज्योति (निरंतर जलने वाली ज्योति) प्रज्वलित है, जिसे हजारों वर्षों से जलता हुआ बताया जाता है। कहा जाता है कि इस ज्योति को कोई भी बुझा नहीं सकता, और जो कोई इसे बुझाने की कोशिश करता है, उसे गंभीर दुष्प्रभाव झेलने पड़ते हैं।

    नेपाल नरेश की परंपरा

    नेपाल के शाही परिवारों की यह परंपरा थी कि वे हर साल इस मंदिर में आकर विशेष पूजा और बलिदान करते थे। नेपाल के पूर्व राजाओं का मानना था कि जब तक वे इस मंदिर में पूजा करते रहेंगे, तब तक उनकी सत्ता बनी रहेगी। जब नेपाल में राजशाही खत्म हुई, तो कहा जाता है कि यह देवी पाटन मंदिर से जुड़ी चमत्कारी शक्ति का प्रभाव था।

    देवी के वस्त्रों (पाटन वस्त्र) का रहस्य (Devi Ke Vastra Ka Rahasya)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    मां पाटेश्वरी के वस्त्र (पाटन वस्त्र) को अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्त इसे अपने घर में सुख-समृद्धि के लिए रखते हैं। कहा जाता है कि यह वस्त्र हर साल अचानक प्रकट होते हैं, और कोई नहीं जानता कि ये वस्त्र कहां से आते हैं।

    स्वयंभू शक्ति का प्रकट होना

    इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि यहां शिला रूप में देवी विराजमान हैं। यह स्वयंभू शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। कई भक्तों का मानना है कि मां पाटेश्वरी स्वयं इस स्थान पर प्रकट हुई थीं और उनकी शक्ति आज भी यहां विद्यमान है।

    चमत्कारी घंटा और मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर

    मंदिर में एक विशेष घंटा है, जिसे भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर बजाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पूजा करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। देवी पाटन मंदिर न केवल एक पवित्र शक्ति पीठ है, बल्कि अद्भुत रहस्यों और चमत्कारों का केंद्र भी है। यहां कि गुप्त सुरंग, अखंड ज्योति, स्वयंभू शक्ति, पाटन वस्त्र, और नेपाल राजाओं की पूजा परंपरा आज भी भक्तों के लिए रहस्य और आस्था का विषय बनी हुई हैं।

    मंदिर को लेकर प्रचलित है ये पौराणिक कथा (Devi Patan Mandir Ki Katha)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा का जिक्र करें तो यह मंदिर महर्षि वशिष्ठ से भी जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि महर्षि वशिष्ठ ने यहां मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी, जिसके परिणामस्वरूप यह स्थान शक्ति का एक प्रमुख केंद्र बन गया। मंदिर के निर्माण का श्रेय अयोध्या के राजा सुग्रीव को दिया जाता है, जो त्रेतायुग में भगवान राम के समय के बताए जाते हैं। कालांतर में, इस मंदिर का जीर्णोद्धार कई राजाओं और स्थानीय शासकों द्वारा किया गया, जिसमें नेपाल नरेशों का भी योगदान माना जाता है।

    महत्वपूर्ण उत्सव और आयोजन नवरात्रि

    वैसे तो उस मंदिर में वर्ष पर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन खासकर नवरात्रि के मौके पर इस दौरान मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। माघ पूर्णिमा और चैत्र मास में यहां विशेष अनुष्ठान होते हैं। कुछ समय पहले तक नेपाल नरेश यहां विशेष पूजा करवाते थे, लेकिन अब भी नेपाल से श्रद्धालु आते हैं।

    कैसे पहुँचे (How To Reach Devi Patan Mandir In Tulsipur)?

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    निकटतम रेलवे स्टेशन: गोंडा जंक्शन (करीब 37 किमी)

    निकटतम हवाई अड्डा: लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (करीब 190 किमी)

    सड़क मार्ग: देवी पाटन मंदिर तुलसीपुर, बलरामपुर से जुड़ा है और बस या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है। देवी पाटन मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक शक्तिपीठ के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इसके रहस्य, ऐतिहासिक महत्व, और देवी मां की चमत्कारी शक्तियों के कारण यह लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleजर्मनी के नए नेता ने डोनाल्ड ट्रंप को खूब सुनाया, सरकार बदलते ही अलग तेवर, अब हमें कुछ सोचना होगा
    Next Article यूक्रेन युद्धः क्या नये वर्ल्ड ऑर्डर की शुरुआत हो गई, जानिये यूएन में क्या हुआ

    Related Posts

    कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर लगा ब्रेक-ओला, उबर, रैपिडो को झटका…क्या अन्य राज्य भी उठा सकते हैं यही कदम

    June 18, 2025

    Beach in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में भी है बीच का मजा! पूरनपुर का ‘मिनी गोवा’ आपको कर देगा हैरान

    June 18, 2025

    भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.