
Dil Dehla dene vale ye 7 Trek
7 heart-pounding treks: अगर आप एडवेंचर प्रेमी हैं और आपको लगता है कि पहाड़ों पर ट्रेकिंग सिर्फ खूबसूरत नजारों का सफर है, तो शायद आपने अभी तक दुनिया के सबसे खतरनाक ट्रेक्स के बारे में नहीं सुना है। जहां हर मोड़ पर मौत से सामना हो सकता है, हर चढ़ाई आपकी हिम्मत और दिलेरी की परीक्षा बन जाती है। रोमांच के दीवाने लोग इन रास्तों पर सिर्फ प्रकृति की सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि अपने साहस को आज़माने के लिए लोग सफर करते हैं। हालांकि बर्फीली हवाओं, ऊंची चोटियों और गहराई में जाती खाईयों के बीच ये ट्रेक किसी भी एडवेंचर लवर का दिल दहला सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं दुनिया के 7 सबसे खतरनाक ट्रेक, जहां एक गलती बन सकती है आपकी मौत की वजह –
अन्नपूर्णा सर्किट, नेपाल
नेपाल का अन्नपूर्णा सर्किट 160 से 230 किलोमीटर लंबा है और यह दुनिया के दसवें सबसे ऊंचे पर्वत के चारों ओर घूमता है। यह ट्रेक इतना खतरनाक है कि यहां अक्सर भूस्खलन और बर्फीले तूफानों की खबरें आती रहती हैं। अचानक मौसम बदलने से रास्ता गायब हो सकता है और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से शरीर जवाब दे सकता है। फिर भी ट्रेकर्स इसे करने की हिम्मत जुटाते हैं, क्योंकि रास्ते में मिलने वाले गांव, झरने और हिमालय की चोटियां इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना देती हैं।
माउंट हुआशान ट्रेक, चीन
चीन के शांक्सी प्रांत में स्थित माउंट हुआशान को दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रेक कहा जाता है। यहां लकड़ी के तख्तों पर बने संकरे रास्ते पहाड़ की सीधी दीवारों से चिपके हुए हैं। ये रास्ते 2,000 फीट की ऊंचाई पर हैं और नीचे गहरी खाई झांकती रहती है। लोगों को खुद को आयरन चैन से बांधकर आगे बढ़ना पड़ता है। सबसे डरावनी बात यह है कि रास्ते में ट्रेल मात्र एक फुट चौड़ी है। एक छोटी सी गलती का मतलब है सीधे खाई में गिरना। फिर भी, हजारों लोग हर साल इस ‘डेथ पाथ’ को पार करने आते हैं क्योंकि इस शिखर से दिखने वाला दृश्य आपकी जिंदगी के मायने बदल देता है।
माउंट एवरेस्ट बेस कैंप, नेपाल
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट तक पहुंचने का सफर सिर्फ चढ़ाई नहीं, बल्कि शरीर और मन की धैर्य और साहस की भी परीक्षा है। एवरेस्ट बेस कैंप तक का ट्रेक 5,364 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां ऑक्सीजन का स्तर समुद्र तल से करीब 50 प्रतिशत कम होता है। जहां सांस लेना मुश्किल हो जाता है, सिरदर्द और हाइपोक्सिया का खतरा बना रहता है। ठंड और बर्फीले तूफान अचानक आ सकते हैं। इसके बावजूद, जब ट्रेकर एवरेस्ट, ल्होत्से और नुप्त्से की चोटियों को सूरज की पहली किरणों में चमकते हुए देखते हैं, तो सारी तकलीफें और खौफ भूल जाते हैं।
काला पत्थर ट्रेक, नेपाल
5545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काला पत्थर ट्रेक एवरेस्ट का सबसे शानदार व्यू पॉइंट माना जाता है। यहां तक पहुंचना आसान नहीं। रास्ता खड़ी चढ़ाई वाला है, हवा पतली हो जाती है, और तापमान कई बार माइनस 20 डिग्री तक गिर जाता है। फिर भी ज्यादातर ट्रेकर्स सूर्योदय के वक्त यहां पहुंचने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उस समय एवरेस्ट की चोटी सुनहरी रोशनी में नहाई हुई लगती है मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो।
ड्रेकन्सबर्ग ट्रैवर्स, साउथ अफ्रीका
साउथ अफ्रीका में स्थित ड्रेकन्सबर्ग ट्रैवर्स करीब 200 किलोमीटर लंबा ट्रेक है, जो रग्ड पहाड़ी इलाकों, खड़ी चट्टानों और बदलते मौसम के लिए जाना जाता है। यहां कोई फिक्स ट्रेल नहीं है, यानी ट्रेकर को खुद रास्ता बनाना पड़ता है। जीपीएस और पर्वतीय अनुभव यहां की पहली जरूरत है। ट्रेक के दौरान आपको 3000 साल पुराने रॉक पेंटिंग्स और दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे झरने टुगेला फॉल्स के दर्शन होते हैं। लेकिन गलत दिशा में एक कदम भी जानलेवा साबित हो सकता है।
हुआयूवाश सर्किट, पेरू दक्षिण अमेरिका का एवरेस्ट
पेरू में स्थित हुआयूवाश सर्किट ट्रेक 5,000 मीटर की ऊंचाई पर फैला हुआ है और इसे दक्षिण अमेरिका का एवरेस्ट कहा जाता है। लगभग 170 किलोमीटर का यह ट्रेक ग्लेशियरों, बर्फीली नदियों और ऊंची चढ़ाइयों से होकर गुजरता है। यहां मौसम मिनटों में बदलता है। कभी धूप, कभी बर्फीला तूफान। लैंडस्लाइड और हाइपोथर्मिया का खतरा हमेशा बना रहता है। पर जब आप नीले झीलों और बर्फ की चादर से ढके पहाड़ों को देखते हैं, तो यह खतरनाक सफर जिंदगी की सबसे खूबसूरत याद बन जाता है।
टोरेस डेल पाइन W ट्रेक, पैटागोनिया
दक्षिण अमेरिका के पैटागोनिया क्षेत्र में स्थित टोरेस डेल पाइन W ट्रेक अपनी अनोखी परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। 75 किलोमीटर लंबा यह ट्रेक कभी तेज़ हवाओं से घिरा रहता है, तो कभी अचानक उठती ग्लेशियल नदियों से रास्ता डूब जाता है। यहां एक ही दिन में चारों मौसम यानी सर्दी, गर्मी, बरसात और बर्फ का अनुभव होता है। यह ट्रेक सिर्फ अनुभवी ट्रेकर्स के लिए ही उपयुक्त है। परंतु यहां की झीलें, ग्लेशियर और ऊंचे पर्वत इसे धरती के सबसे खूबसूरत लेकिन खतरनाक ट्रेल्स में से एक हैं।
ट्रेकिंग से पहले ध्यान रखें ये बातें
हमेशा अपने फिटनेस लेवल के अनुसार ट्रेक चुनें।
मौसम और इलाके की जानकारी पहले से जुटाएं।
हाई एल्टीट्यूड सिकनेस से बचने के लिए धीरे-धीरे ऊंचाई बढ़ाएं।
जरूरी गियर जैसे बूट्स, ट्रेकिंग पोल, थर्मल कपड़े और ऑक्सीजन सपोर्ट साथ रखें।
अकेले ट्रेकिंग से बचें, खासकर इन खतरनाक रास्तों पर।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और मनोरंजन के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। इन ट्रेक्स पर जाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें और उचित तैयारी व सुरक्षा उपकरणों के साथ ही यात्रा करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की दुर्घटना या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।


