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World TOP 12 Dangerous Places: कुछ स्थानों को अपनी सुरक्षा, पर्यावरणीय खतरों, ऐतिहासिक घटनाओं, या रहस्यमय विशेषताओं के कारण पूरी दुनिया में बंद किया गया है। ये स्थान अपने अद्वितीय और रहस्यमय दृश्य के कारण मनुष्यों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं, लेकिन इनकी खतरनाक स्थितियों और अप्रत्याशित घटनाओं के कारण इन्हें निषिद्ध कर दिया गया है। चाहे वह प्राकृतिक आपदाएँ, खतरनाक जीवों, रेडियोधर्मी खतरों, या युद्धों के बाद की तबाही के कारण हो, ये स्थान गहरे रहस्यों से भरे हुए हैं, जो किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकते हैं। इन रहस्यमय जगहों ने इतिहास और प्राकृतिक बदलावों के बारे में कई सवाल उठाए हैं, और आज भी यह हमारे ग्रह के अज्ञात पहलुओं को उजागर करते हैं।
पोवेग्लिया द्वीप: रहस्य और भय का द्वीप (Poveglia Island)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
पोवेग्लिया आइलैंड, इटली के वेनिस और लीडो के बीच स्थित एक रहस्यमयी और भूतिया द्वीप है, जिसे दुनिया के सबसे डरावने स्थानों में गिना जाता है। 18वीं शताब्दी में प्लेग महामारी के दौरान हजारों संक्रमित लोगों को यहां छोड़ दिया गया, जहाँ वे तड़प-तड़प कर मर गए। कहा जाता है कि इस द्वीप की मिट्टी में आज भी उनके अवशेष दबे हुए हैं। 1922 में यहाँ एक मानसिक अस्पताल बनाया गया, जहाँ मरीजों पर अमानवीय प्रयोग किए गए।
एक सनकी डॉक्टर द्वारा यातनाएँ देने की कहानियाँ प्रचलित हैं, जिसकी रहस्यमयी मौत आज भी एक पहेली बनी हुई है। कई लोगों का मानना है कि इस द्वीप पर मृतकों की आत्माएँ भटकती हैं, और अजीबोगरीब घटनाएँ महसूस की गई हैं। आज पोवेग्लिया द्वीप पर आम लोगों का जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसकी डरावनी कहानियाँ इसे दुनिया के सबसे रहस्यमयी और भूतिया स्थानों में शामिल करती हैं।
इजेन क्रेटर (Ijen Crater): नीली आग और अम्लीय झील का रहस्य

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
इजेन क्रेटर, इंडोनेशिया के जावा द्वीप में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जो अपनी रहस्यमयी नीली आग (Blue Fire) और दुनिया की सबसे अम्लीय झील के लिए प्रसिद्ध है। यह नीली ज्वाला सल्फर गैसों के जलने से बनती है, जो इसे एक अनोखा और रहस्यमयी रूप देती है। क्रेटर में स्थित अत्यधिक अम्लीय झील (pH लगभग 0.5) हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक एसिड से भरपूर है, जिससे यह दुनिया की सबसे जहरीली झीलों में से एक बन जाती है। इसके अद्भुत प्राकृतिक दृश्य और खतरनाक वातावरण इसे वैज्ञानिकों और साहसिक पर्यटकों के लिए रोमांचक गंतव्य बनाते हैं। हालाँकि, यहाँ जहरीली गैसों के कारण विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है, और यहाँ जाने के लिए कड़े सुरक्षा नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
चेरनोबिल (Chernobyl) निषेध क्षेत्र

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
चेरनोबिल निषेध क्षेत्र, यूक्रेन में स्थित एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, जो 26 अप्रैल 1986 की दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना के कारण अस्तित्व में आया। चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के रिएक्टर नंबर 4 में हुए विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को अत्यधिक रेडियोधर्मी बना दिया, जिससे लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े और आसपास के इलाकों को हमेशा के लिए निर्जन घोषित कर दिया गया। यह क्षेत्र लगभग 2,600 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसके भीतर प्रवेश सख्त प्रतिबंधित है। इस त्रासदी ने यूक्रेन, बेलारूस और रूस सहित कई देशों को प्रभावित किया और यह आज भी परमाणु ऊर्जा के विनाशकारी प्रभावों की चेतावनी बना हुआ है। हाल के वर्षों में चेरनोबिल निषेध क्षेत्र एडवेंचर और डार्क टूरिज्म के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। सरकार ने सीमित संख्या में पर्यटकों को गाइड के साथ इस क्षेत्र में घूमने की अनुमति दी है।
एरिया 51 (Area 51): रहस्यमयी सैन्य अड्डा

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
एरिया 51 अमेरिका के नेवादा राज्य में स्थित एक गुप्त सैन्य अड्डा है, जिसे दुनिया के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से एक माना जाता है। इस अड्डे का संचालन अमेरिकी वायुसेना और सीआईए द्वारा किया जाता है, और इसकी गतिविधियाँ अत्यधिक गोपनीय रखी जाती हैं। 1955 में स्थापित इस अड्डे का मुख्य उद्देश्य गुप्त सैन्य प्रयोग और हवाई जहाजों के परीक्षण करना था। यहां पर U-2 जासूसी विमान, SR-71 ब्लैकबर्ड और स्टील्थ तकनीक वाले विमान जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का परीक्षण किया गया।
एरिया 51 को लेकर कई षड्यंत्र सिद्धांत प्रचलित हैं, जिनमें यह दावा किया जाता है कि यहाँ एलियंस और यूएफओ से संबंधित गुप्त रिसर्च की जाती है। इस क्षेत्र के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है और यहां आम नागरिकों का प्रवेश सख्त रूप से वर्जित है। बिना अनुमति के यहां प्रवेश करने पर गोली मारने तक के आदेश दिए गए हैं, और इस क्षेत्र के आस-पास ड्रोन उड़ाना भी प्रतिबंधित है। इसके अलावा, इस क्षेत्र की उपग्रह तस्वीरें भी सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। आज भी एरिया 51 में क्या होता है, यह पूर्ण रूप से रहस्य बना हुआ है, और इस रहस्य ने इसे एक लोकप्रिय और विवादास्पद गंतव्य बना दिया है।
प्लूटो गेट (Pluto’s Gate): नरक का द्वार

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
प्लूटो गेट, जिसे ‘गेटवे टू हेल’ भी कहा जाता है, तुर्की के पुमुकले (Hierapolis) के पास स्थित एक प्राचीन गुफा है। यह गुफा प्राचीन रोमनों के लिए एक पवित्र स्थल थी, जिसे वे मृतकों और जीवितों के बीच कनेक्शन के रूप में मानते थे और इसे नरक का द्वार माना जाता था। इसका नाम ग्रीक देवता प्लूटो से लिया गया है, जो अंडरवर्ल्ड के देवता थे। यह गुफा गंधक गैस से भरी रहती थी, जो वहां की हवा को जहरीला और गर्म बना देती थी, जिससे किसी भी जीवित प्राणी की मौत हो जाती थी। इस कारण से इसे नरक के द्वार के रूप में प्रस्तुत किया गया। आज यह गुफा पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल है और अपने रहस्यमयी इतिहास और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करती है।
हर्ड आइलैंड (Heard Island): दुनिया का सबसे कठिन और रहस्यमयी द्वीप

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
हर्ड आइलैंड, जो ऑस्ट्रेलिया के नियंत्रण में एक निर्जन द्वीप है, दक्षिणी महासागर में स्थित है और अंटार्कटिका के पास पाया जाता है। यह द्वीप 368 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और एक सक्रिय ज्वालामुखी स्थल है, जहाँ माउंट आस्पिरेसेंट स्थित है। द्वीप का अधिकांश हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है और यहाँ का तापमान -5°C के आसपास रहता है। यह द्वीप दुनिया के सबसे कठिन और दूरदराज स्थानों में से एक है, जहाँ मानव बस्तियाँ नहीं हैं। हर्ड आइलैंड पर विभिन्न प्राकृतिक प्रजातियाँ और विलुप्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं, विशेष रूप से समुद्री पक्षी और जलजीव। यह स्थान अपनी कठोर वातावरणीय परिस्थितियों के कारण अद्वितीय और आकर्षक बनता है।
नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड (North Sentinel Island): एक रहस्यमयी और असंप्रेषित द्वीप

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड, भारतीय महासागर में स्थित एक छोटा द्वीप है, जो अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का हिस्सा है। यह द्वीप अपनी सेंटिनली जनजाति के लिए प्रसिद्ध है, जो लगभग 60,000 वर्षों से बाहरी दुनिया से अलग-थलग जीवन जी रहे हैं। यह जनजाति अत्यधिक आक्रामक मानी जाती है और बाहरी व्यक्तियों को द्वीप में प्रवेश करने से रोकने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करती है। द्वीप की प्राकृतिक संरचना जंगलों और पहाड़ियों से घिरी हुई है, और यह एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है। भारतीय सरकार ने इस द्वीप पर प्रवेश निषेध कर रखा है, ताकि जनजाति की सुरक्षा और उनकी स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड आज भी एक रहस्यमयी प्राकृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित है।
स्नेक आइलैंड (Snake Island), ब्राजील: दुनिया का सबसे खतरनाक द्वीप

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्नेक आइलैंड (Snake Island), जिसे इन्कोआदीटो डो मार (Isla de Queimada Grande) के नाम से भी जाना जाता है, ब्राजील के तट से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। यह द्वीप अपनी खतरनाक सांपों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है, और इसे दुनिया के सबसे खतरनाक द्वीप के रूप में जाना जाता है। इस द्वीप पर उपस्थित सांपों की प्रजातियाँ अत्यंत जहरीली हैं, और इनमें सबसे खतरनाक है गोलिएट्स रैटलस्नेक (Bothrops asper), जिसे गोलियाथ वाइपर भी कहा जाता है। गोलियाथ वाइपर अपने अत्यधिक जहरीले विष के कारण किसी भी जीवित प्राणी को कुछ ही मिनटों में मार सकता है। यह द्वीप करीब आठ हजार से अधिक सांपों का घर है, और इन्हें केवल वही लोग देख सकते हैं जो विशेष अनुमति के साथ यहाँ यात्रा करते हैं।
रामरी आइलैंड (Ramree Island): भूतिया और खतरनाक द्वीप

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रामरी आइलैंड, म्यांमार के पश्चिमी तट पर स्थित एक खतरनाक द्वीप है, जो कुम्भकर्ण मगरमच्छों और खतरनाक वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चर्चा में आया, जब जापानी सैनिकों को भागते समय मगरमच्छों ने हमला कर दिया और उनकी जान ले ली। रामरी आइलैंड पर विशाल और खतरनाक कुम्भकर्ण मगरमच्छ रहते हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े और खतरनाक मगरमच्छों में से एक माने जाते हैं। इसके अलावा, यहाँ जंगली सूअर, सांप और पक्षी भी पाए जाते हैं। आजकल, यह द्वीप निर्जन और अज्ञात स्थान बना हुआ है, जहाँ बस्तियाँ नहीं हैं और यह साहसिक यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन यहाँ की खतरनाक परिस्थितियाँ और वन्यजीव इसे मनुष्यों के लिए सुरक्षित नहीं बनाते।
सुरटेसी आइलैंड (Surtsey Island): एक नया प्राकृतिक अजूबा

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
सुरटेसी आइलैंड, आइसलैंड के दक्षिणी तट पर स्थित एक ज्वालामुखी द्वीप है, जो 1963 में समुद्र के नीचे हुए ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उभरा। इस द्वीप का नाम नॉर्स पौराणिक कथाओं के आग और नष्ट करने के देवता सुरटुर के नाम पर रखा गया है। यह द्वीप जैविक विविधता और पारिस्थितिकी के नए रूपों का अद्वितीय उदाहरण है, क्योंकि यहां जीवन धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। वैज्ञानिक इसे एक खुले प्रयोगशाला के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जहां नए पौधों और जानवरों की प्रजातियाँ पाई जा रही हैं। द्वीप पर पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित है और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है। सुरटेसी आइलैंड पृथ्वी पर जीवन के उत्पत्ति और विकास का एक महत्वपूर्ण अध्ययन स्थल है।
मियाके आइलैंड (Miyake Island): जापान का सक्रिय ज्वालामुखीय द्वीप

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मियाके आइलैंड, जापान के इज़ू द्वीपसमूह में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखीय द्वीप है, जो अपनी ज्वालामुखी गतिविधियों और गैस उत्सर्जन के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप सल्फर गैस और सारस गैस के उच्च स्तर के कारण खतरनाक है और यहां के निवासियों को कई बार स्थानांतरित किया गया है। 2000 में हुए एक बड़े विस्फोट ने द्वीप के अधिकांश हिस्से को प्रभावित किया था। इस द्वीप पर अद्वितीय जैविक विविधता पाई जाती है, और यह प्राकृतिक प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए दिलचस्प स्थान है, हालांकि यहाँ सुरक्षा के कारण कुछ प्रतिबंध हैं। मियाके आइलैंड एक साहसिक और रोमांचक स्थल है, लेकिन इसके सक्रिय ज्वालामुखी और गैसों के खतरे को देखते हुए यहाँ यात्रा करने में सावधानी बरतनी पड़ती है।
ज़ोन रोज़ (Zone Rouge): युद्ध की तबाही और खतरों का प्रतीक

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
ज़ोन रोज़, फ्रांस के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित एक विषाक्त और खतरनाक क्षेत्र है, जिसे विश्व युद्ध प्रथम के दौरान हुए विनाशकारी संघर्षों के कारण अत्यधिक खतरनाक घोषित किया गया। 1914 से 1918 तक, इस क्षेत्र में तोपखाने और गैस हमलों से भारी तबाही हुई, और युद्ध के बाद, यहाँ बम, बारूदी सुरंगों, और रासायनिक हथियारों का अवशेष पड़ा था, जिससे यह क्षेत्र विषैले तत्वों से भर गया था। आज भी, ज़ोन रोज़ का अधिकांश हिस्सा निषेधित और संरक्षित है, जहां प्रदूषण और विकिरण का खतरा बना हुआ है। यह क्षेत्र युद्ध की विनाशकारी ताकतों और खतरों का प्रतीक बन चुका है, और यह हमें शांति और संवेदनशीलता के महत्व को याद दिलाता है।