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    Home » Garh Kundar Kila Ka Rahasya: गढ़कुंडार का रहस्यमय किला, जिसके अंदर जाते ही गायब हो गई बारात
    Tourism

    Garh Kundar Kila Ka Rahasya: गढ़कुंडार का रहस्यमय किला, जिसके अंदर जाते ही गायब हो गई बारात

    By January 16, 2025No Comments6 Mins Read
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    Garh Kundar Fort History and Mystery in Hindi 

    Garh Kundar Kila Ki Kahani: भारत का हर कोना अपने इतिहास और विरासत की अनमोल धरोहरों से भरा हुआ है। इनमें से एक है मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित गढ़कुंडार का किला। यह किला न केवल अपने अद्वितीय वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी रहस्यमय कहानियां और लोककथाएं इसे और भी खास बनाती हैं। यह लेख गढ़कुंडार के किले की पूरी जानकारी, इतिहास, संरचना, महत्व और इसके साथ जुड़े रहस्यों पर प्रकाश डालेगा।

    गढ़कुंडार किले का इतिहास

    गढ़कुंडार किले का निर्माण 12वीं सदी में हुआ माना जाता है। इसे बुंदेला राजाओं ने बनवाया था, लेकिन इसके बाद यह कई राजवंशों के अधीन रहा। किला कभी शक्तिशाली चंदेल राजाओं के शासन का केंद्र था, जिन्होंने इसे एक सामरिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित किया। 14वीं सदी में किला खंगार राजाओं के नियंत्रण में आ गया। खंगार राजा कुंडार ने इस किले को अपनी राजधानी बनाया और इसे गढ़कुंडार के नाम से जाना जाने लगा।

    यह किला समय-समय पर युद्धों और आक्रमणों का गवाह बना। मुगलों के समय में यह किला धीरे-धीरे अपनी प्रभावशीलता खो बैठा और उपेक्षित हो गया। आज, यह किला अपनी प्राचीनता और रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

    वास्तुकला और संरचना

    1. गढ़कुंडार किला एक पहाड़ी पर स्थित है, जिससे इसकी ऊंचाई इसे दुश्मनों से बचाने में सहायक होती थी। किले की वास्तुकला में भारतीय और मुगल शैली का सम्मिश्रण देखा जा सकता है। किले की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
    2. मुख्य द्वार: किले का प्रवेश द्वार विशाल और मजबूत है, जिसे दुश्मनों के आक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया था। यह द्वार स्थापत्य कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
    3. महल: किले के अंदर कई महल और भवन हैं, जो राजघराने के सदस्यों के रहने के लिए बनाए गए थे। इनमें नक्काशीदार खंभे और जटिल डिजाइन देखने को मिलते हैं।
    4. गुप्त सुरंगें: किले में कई गुप्त सुरंगें हैं, जिनका उपयोग युद्ध के समय बचाव के लिए किया जाता था। ये सुरंगें किले के रहस्यमयी चरित्र को और गहराई देती हैं।
    5. जल संग्रहण प्रणाली: किले में पानी की व्यवस्था के लिए कुंड और तालाब बनाए गए थे, जो उस समय की उन्नत जल संग्रहण तकनीकों का प्रमाण हैं।
    6. मंदिर: किले में कई मंदिर हैं, जिनमें से अधिकांश खंडित अवस्था में हैं। ये मंदिर चंदेल और खंगार राजाओं की धार्मिक आस्थाओं को दर्शाते हैं।

    गढ़कुंडार किले की रहस्यमय कहानियां

    1. गढ़कुंडार किला न केवल अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके साथ जुड़ी रहस्यमय कहानियों के लिए भी जाना जाता है। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच ये कहानियां बड़ी दिलचस्प हैं।
    2. खजाने की कहानी: कहा जाता है कि किले में एक विशाल खजाना छिपा हुआ है, जिसे आज तक कोई खोज नहीं पाया। यह भी माना जाता है कि खजाने की रक्षा के लिए इसमें कई जादुई मंत्र और तंत्र लगाए गए हैं।
    3. भूत-प्रेत की कहानियां: स्थानीय लोगों का मानना है कि किले में रात के समय अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं। कहा जाता है कि किले में उन सैनिकों की आत्माएं भटकती हैं, जो युद्ध में मारे गए थे।
    4. गुप्त सुरंगों का रहस्य: किले की गुप्त सुरंगें आज भी खोजकर्ताओं के लिए रहस्य बनी हुई हैं। यह कहा जाता है कि इन सुरंगों का अंत कहां होता है, यह कोई नहीं जानता।

    गढ़कुंडार का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

    गढ़कुंडार किला न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह क्षेत्रीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी है। यह किला अपने समय में कला, साहित्य और वास्तुकला का केंद्र रहा है। खंगार राजाओं के समय में यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन होते थे।

    ये किला सुरक्षा के लिहाज से बनवाया गया था, एक ऐसी इमारत है, जो लोगों को गुमराह कर देती है। इसे इस तरह से बनाया गया है कि आप इसे दूर से तो देख सकते हैं, लेकिन पास जाकर आपको ये दिखना बंद हो जाएगा। जिस रास्ते से ये किला दिखता है, अगर आप पास आएंगे, तो आपको वो रास्ता किले की बजाए कहीं और मुड़ जाएगा। किले के लिए रास्ता दूसरा है।

    गढ़कुंडार के इस किले की गिनती भारत के कई रहस्यमय किले में होती है। आसपास के लोगों का कहना है कि कुछ समय पहले यहां पास में गांव में एक बारात आई थी। बारात किले में घूमने के लिए आई। घूमते-घूमते लोग तलघर में चले गए, इसके बाद वो अचानक से गायब हो गए। उन 50 से 60 लोगों का आजतक पता नहीं चल पाया। इसके बाद कई ऐसी घटनाएं देखने को मिली, जिसके बाद नीचे के सभी दरवाजों को बंद कर दिया।

    बता दें ये किला किसी भूल-भुलैया से कम नहीं है, जानकारी न हो तो इसमें ज्यादा जाने पर कोई भी रास्ता भूल जाता है। किले के अंदर अंधेरा होने पर यहां काफी डरावना लगता है।

    पर्यटकों के लिए आकर्षण

    1. आज गढ़कुंडार किला इतिहास और रोमांच के शौकीनों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह किला पर्यटकों को अपने अद्भुत दृश्य, स्थापत्य कला और रहस्यमय कहानियों के माध्यम से आकर्षित करता है।
    2. आसपास के पर्यटन स्थल: गढ़कुंडार किले के आसपास कई अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें टीकमगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर और अन्य स्मारक शामिल हैं।
    3. ट्रेकिंग और रोमांच: किले तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग का अनुभव बहुत रोमांचक होता है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए आदर्श है।

    कैसे पहुंचे गढ़कुंडार किला

    गढ़कुंडार किला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित है। यह स्थान सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

    निकटतम रेलवे स्टेशन झांसी है, जो किले से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है। ग्वालियर और खजुराहो निकटतम हवाई अड्डे हैं।

    गढ़कुंडार किले की वर्तमान स्थिति

    आज यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है। हालांकि, किले की कई संरचनाएं समय के साथ खंडित हो चुकी हैं, लेकिन इसके अवशेष आज भी इसकी भव्यता और गौरवशाली अतीत की गवाही देते हैं।

    गढ़कुंडार किला भारतीय इतिहास और वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह किला न केवल हमारे गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है, बल्कि इसके साथ जुड़े रहस्य और कहानियां इसे और भी रोमांचक बनाते हैं। यह किला हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों को हमारे इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है

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