Gopi Talab Dwarka History (Photos – Social Media)
Gopi Talab Dwarka�History�: गुजरात भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है और यहां पर पर्यटक स्थलों की जैसे भरमार है। जब आप यहां जाएंगे तो आपको एक से बढ़कर एक स्थान देखने को मिल जाएंगे। यहां के पवित्र शहर द्वारका के बाहरी इलाके में एक छोटा सा प्राचीन जलाशय मौजूद है जो श्री कृष्ण भक्तों के बीच गोपी तालाब के नाम से पहचाना जाता है। जानकारी के मुताबिक के तालाब स्वयं द्वारकाधीश भगवान कृष्ण और गोपियों की पौराणिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण ही तालाब देश और विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करने का काम करता है। चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
ऐसी है गोपी तालाब की संरचना (Structure of Gopi Talab)
गोपी तालाब एक छोटा लेकिन गहरा तालाब है जिसके चारों ओर पाक की सीढ़ियां बनी हुई है। तालाब का पानी बिल्कुल साफ है और इसके किनारे पर कहानी छोटे मंदिर और पूजा स्थल मौजूद है। तालाब के आसपास हरियाली और पेड़ों की छाया इसे शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण देती है। तालाब के प्रवेश द्वार पर विशाल तोरण दरवाजा बना हुआ है जो इसकी भव्यता को बढ़ाने का काम करता है।
ऐसा है गोपी तालाब का इतिहास (Gopi Talab History)
गोपी तालाब का इतिहास भगवान कृष्ण और गोपियों की कथाओं से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक द्वारका चले जाने के बाद भगवान कृष्ण से अलग होने का दुख सहन न कर पाने वाली गोपिया उन्हें देखने के लिए इस स्थान पर आई थी। अभिभूत होकर जब वह धरती में समा गई और कृष्णा विलन हो गई। उसी के बाद इस जगह को गोपी तालाब के नाम से पहचाने जाने लगा। इसके आसपास की मिट्टी गोपीचंद्रन कहीं जाती है और इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक गोपी तालाब का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इससे कई बार पुनर्निमित और संरक्षित किया गया है। अलग-अलग राजाओं और शासको ने इसका रख रखा और सुंदरता बनाए रखने के लिए योगदान दिया है। द्वारका खोज अभियान के दौरान गोपी तालाब के पास कहीं प्राचीन मूर्ति और शिलालेख भी मिले थे।
ऐसा है गोपी तालाब का महत्व (Importance Of Gopi Talab)
गोपी तालाब का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। ये तालाब भगवान कृष्ण और गोपियों की प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। यहां हर साल धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार आयोजित किए जाते हैं। इस राम भगवान कृष्ण से जुड़ी कथा और भजनों का गायन किया जाता है। तालाब का पानी काफी पवित्र माना जाता है और भक्तजन इसे अपने घरों में ले जाकर पूजा करते हैं।