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    Home » Haridwar-Rishikesh Corridor: हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर, एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत
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    Haridwar-Rishikesh Corridor: हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर, एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत

    By February 27, 2025No Comments5 Mins Read
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    Haridwar-Rishikesh Corridor (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया))

    Haridwar-Rishikesh Corridor (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया))

    Haridwar-Rishikesh Corridor Project: उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य के पर्यटन और तीर्थस्थलों के विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इनमें सबसे अहम है हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर परियोजना (Haridwar-Rishikesh Corridor Project), जिसका उद्देश्य इन दोनों प्रमुख धार्मिक स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ना है। यह कॉरिडोर देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाएगा। इसके अलावा, बजट में राज्य में चार नए शहरों के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते जनसंख्या दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।

    इसी के साथ, योगनगरी ऋषिकेश को विश्वस्तरीय पर्यटन और योग केंद्र के रूप में विकसित करने पर भी जोर दिया गया है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह कॉरिडोर क्या है, इसके निर्माण की योजना क्या है, और उत्तराखंड सरकार के बजट में और क्या प्रमुख घोषणाएं की गई हैं।

    हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर: श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी सौगात

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों ही भारत के प्रमुख तीर्थस्थल हैं। हरिद्वार जहां गंगा स्नान, हर की पैड़ी और कुम्भ मेले के लिए प्रसिद्ध है, वहीं ऋषिकेश को योग और अध्यात्म की नगरी के रूप में जाना जाता है।
    वर्तमान में, इन दोनों स्थानों के बीच की यात्रा में कई बार भारी यातायात, अव्यवस्थित सड़कों और परिवहन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के निर्माण की योजना बनाई है। यह परियोजना पूरी होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच की यात्रा बेहद आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।

    कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएं (Haridwar-Rishikesh Corridor Major Features)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    बेहतर सड़क कनेक्टिविटी:
    इस परियोजना के तहत आधुनिक एक्सप्रेसवे या हाईवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को जाम और अन्य यातायात समस्याओं से राहत मिलेगी।

    पर्यावरण अनुकूल निर्माण:

    उत्तराखंड सरकार इस परियोजना को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है।

    स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर:

    सड़क किनारे रेस्ट एरिया, पार्किंग सुविधाएं, कैफे, और आधुनिक शौचालय बनाए जाएंगे।

    सुरक्षा और सुविधा:

    यात्रियों की सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे, हेल्पलाइन नंबर, और पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी।

    उत्तराखंड सरकार का 2025-26 बजट और नई योजनाएं

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    उत्तराखंड सरकार ने इस बार बजट में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें पर्यटन और आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया गया है।

    1. चार नए शहरों का विकास (1500 करोड़ रुपये का प्रावधान)

    उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अधोसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को मजबूत करने और शहरीकरण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चार नए शहर बसाने की योजना बनाई है। यह पहल मुख्य रूप से देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, और ऊधमसिंह नगर जिलों के आसपास की जाएगी, ताकि बढ़ती आबादी का दबाव कम किया जा सके।

    2. योगनगरी ऋषिकेश का वैश्विक स्तर पर विकास

    ऋषिकेश को “योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी” बनाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं बनाई हैं। इसमें योग केंद्रों का विस्तार, अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन, और पर्यटन सुविधाओं को आधुनिक बनाना शामिल है।

    3. अधोसंरचना और पर्यटन के लिए प्रमुख घोषणाएं:

    चारधाम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट है। जिसमें हरिद्वार और ऋषिकेश में आधुनिक पार्किंग सिस्टम विकसित करने की योजना।
    पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन क्षेत्रों में सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति।
    गंगा किनारे के शहरों में गंगा आरती और अन्य धार्मिक आयोजन को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने का प्रयास आदि शामिल हैं।

    हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर से होने वाले लाभ

    1. तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को मिलेगी राहत

    कॉरिडोर बनने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच की यात्रा में लगने वाला समय घटकर आधा रह जाएगा। इससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी और वे कम समय में अधिक धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकेंगे।

    2. पर्यटन उद्योग को बढ़ावा

    हरिद्वार और ऋषिकेश में पहले से ही विदेशी पर्यटकों की संख्या अधिक है। इस परियोजना के बाद अंतरराष्ट्रीय योग साधकों, साहसिक खेल प्रेमियों और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए यह क्षेत्र और अधिक आकर्षक बनेगा।

    3. आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर

    पर्यटन क्षेत्र के बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं से जुड़ी कई नौकरियां उपलब्ध होंगी।

    4. हरिद्वार और ऋषिकेश को वैश्विक स्तर पर नई पहचान

    हरिद्वार और ऋषिकेश को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीर्थयात्रा और योग केंद्र के रूप में पहचाना जाता है। यह कॉरिडोर इन्हें और अधिक विकसित और व्यवस्थित बनाकर विश्व मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

    भविष्य की योजनाएं और सरकार की रणनीति

    उत्तराखंड सरकार हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर को लेकर बेहद गंभीर है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की योजना बना रही है। इसके तहत:
    विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है।
    2025 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।
    परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को कम से कम असुविधा हो। हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर परियोजना उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कॉरिडोर के बनने से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उत्तराखंड सरकार ने इस बजट में पर्यटन, अधोसंरचना और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए कई दूरदर्शी योजनाओं की घोषणा की है। यदि ये योजनाएं सफलतापूर्वक लागू होती हैं, तो उत्तराखंड अगले कुछ वर्षों में भारत के सबसे विकसित पर्यटन और तीर्थयात्रा केंद्रों में शामिल हो जाएगा।
    हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर केवल एक सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत भी है। इससे उत्तराखंड न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना सकेगा।
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