Haryana Election Results :�हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रचते हुए जीत की हैट्रिक लगा दी है। भाजपा के लिए इस बार हरियाणा का चुनावी मैदान मुश्किल माना जा रहा था मगर पार्टी ने सारे अनुमानों को ध्वस्त करते हुए बड़ी जीत हासिल की है। हरियाणा के चुनावी नतीजे एग्जिट पोल के ठीक उलट हैं और इन नतीजों ने राजनीतिक पंडितों को भी हैरान कर दिया है।
भाजपा की इस जीत के पीछे राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की रणनीति को बड़ा कारण माना जा रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रति लोगों की नाराजगी दबाने और एंटी इनकंबेंसी का असर कम करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने नायब सिंह सैनी को राज्य की बागडोर सौंपी थी और विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी नायक बनकर उभरे हैं। सैनी को सीएम चेहरा घोषित करने के साथ भाजपा चुनावी अखाड़े में उतरी थी। इसलिए इस जीत में उनकी बड़ी भूमिका मानी जा रही ह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी की जीत पर नायब सिंह सैनी को बधाई दी है।
लोकसभा चुनाव से पहले बदला सीएम
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री बदलने का बड़ा सियासी दांव खेला था। नायब सिंह सैनी से पहले हरियाणा की कमान मनोहर लाल खट्टर के हाथों में थी। उन्होंने 26 अक्टूबर 2014 को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और वे इस पद पर 12 मार्च 2024 तक बने रहे। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को हरियाणा में सत्ता विरोधी रुहान का खतरा महसूस होने लगा। खट्टर के प्रति लोगों की नाराजगी की खबरें भी शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची थीं।
विधानसभा चुनाव में मिला फायदा
इसीलिए गत मार्च महीने के दौरान राज्य में बड़ा सियासी बदलाव करते हुए भाजपा ने खट्टर के करीबी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंप दी थी। इसके बाद भाजपा ने खट्टर को करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया और जीत हासिल करने के बाद उन्हें केंद्र में मंत्री बनने का मौका भी मिला। भाजपा के इस कदम का लोकसभा चुनाव से ज्यादा फायदा विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है। लोकसभा चुनाव में तो पार्टी पांच सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी मगर विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए हैट्रिक लगा दी है।
लोगों की नाराजगी कम करने में मदद
सियासी जानकारों का मानना है कि खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा असर देखने को मिला है। खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने से लोगों की नाराजगी और एंटी इनकंबेंसी कम हो गई। चुनाव से पहले नायब सिंह का सैनी का कार्यकाल काफी छोटा रहा मगर इस दौरान भी उन्होंने कई जनकल्याणकारी फैसले लेते हुए लोगों का समर्थन हासिल करने में कामयाबी पाई।
इस तरह बीजेपी हरियाणा के मतदाताओं को यह संदेश देने में कामयाब रही की सैनी को मुख्यमंत्री के तौर पर एक मौका और दिया जाना चाहिए ताकि वे पूर्ण कार्यकाल के दौरान हरियाणा की तरक्की के संबंध में और बड़े फैसले ले सकें।
ओबीसी वोट बैंक का समर्थन
खट्टर को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला इसलिए भी कारगर साबित हुआ क्योंकि सैनी का ताल्लुक ओबीसी समुदाय से है। मनोहर लाल खट्टर पंजाबी हैं जबकि सैनी के जरिए भाजपा को ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाबी मिली है। भाजपा का यह फॉर्मूला हिट साबित हुआ है क्योंकि अधिकांश एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का पूर्वानुमान लगाया गया था जो कि पूरी तरह गलत साबित हुआ है।
जाटों की नाराजगी को किया बैलेंस
हरियाणा की सियासत में जाट फैक्टर को काफी अहम माना जाता रहा है। किसानों और पहलवानों के आंदोलन के कारण जाट मतदाता पहले ही भाजपा से काफी नाराज थे। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई के कारण जाट मतदाता पूरी तरह कांग्रेस के साथ गोलबंद थे।
ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ओबीसी मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। सैनी के जरिए भाजपा को इस मुहिम में काफी कामयाबी मिली है। हरियाणा के इतिहास में किसी भी पार्टी ने लगातार तीन बार चुनाव जीतकर सरकार नहीं बनाई है मगर भाजपा ने लगातार तीन चुनाव जीतते हुए इतिहास रच दिया है।
नायक बनकर उभरे नायब सिंह
हरियाणा में भाजपा को मिली इस जीत में नायब सिंह सैनी नायक बनकर उभरे हैं। पार्टी की ओर से उन्हें पहले ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया था। एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद नायब सिंह ने कहा था कि सारे पूर्वानुमान गलत साबित होंगे और भाजपा लगातार तीसरी बार राज्य में अपनी सरकार बनाने में कामयाब होगी।
नायब सिंह का यह बयान सच साबित हुआ है और पार्टी ने कांग्रेस को करारा झटका देते हुए एक बार फिर हरियाणा की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। हरियाणा में ओबीसी मतदाताओं की संख्या करीब 40 फ़ीसदी है और भाजपा की इस जीत में इस वोट बैंक का बड़ा योगदान माना जा रहा है। भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायब सिंह सैनी से टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें इस बड़ी जीत के लिए बधाई दी है।