रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया है कि भारत पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईएमएफ़ के कर्ज का इस्तेमाल पाकिस्तान निश्चित तौर पर आतंकवाद की फंडिंग के लिए करेगा। उन्होंने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है और यह सिर्फ एक ‘ट्रेलर’ था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो भारत ‘पूरी पिक्चर’ दुनिया को दिखाएगा। उनका यह बयान हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है।
राजनाथ सिंह शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन पर भारतीय वायु सेना के जवानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारतीय वायु सेना की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन में केवल 23 मिनट में पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को कुचल दिया गया। उन्होंने जवानों की प्रशंसा में कहा, ‘जितने समय में लोग नाश्ता करते हैं, उतने समय में आपने दुश्मनों का सफाया कर दिया।’
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘हमने पाकिस्तान को परखने के लिए रखा है। अगर उसका व्यवहार सुधरा तो ठीक, वरना उसे सबसे सख्त सजा दी जाएगी।’ उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बताया। यह ऑपरेशन 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। 15 मई को श्रीनगर के बदामी बाग छावनी में सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे कभी नहीं झुकेंगे। पाकिस्तान ने कई बार गैर-जिम्मेदाराना तरीके से भारत को परमाणु धमकी दी है। क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? इन हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी में लाया जाना चाहिए।’
राजनाथ सिंह ने वैश्विक समुदाय से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदार हरकतें वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ‘पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल’ को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आईएमएफ़ ऋण पर कड़ी आपत्ति
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ द्वारा पाकिस्तान को हाल ही में दी गई 1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की कड़ी आलोचना की। भुज में उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि पाकिस्तान आईएमएफ़ से प्राप्त धन का बड़ा हिस्सा आतंकी ढांचे को मजबूत करने में खर्च करेगा। भारत चाहता है कि आईएमएफ़ पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग पर पुनर्विचार करे।’
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के लिए मुरिदके और बहावलपुर में आतंकी ढांचे को पुनर्जनन के लिए फंड देने की घोषणा की है।
उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान वह देश है, जहाँ से भिखारियों की कतार शुरू होती है। दूसरी ओर, भारत उन देशों में शामिल है, जो आईएमएफ़ को धन देते हैं ताकि वह गरीब देशों की मदद कर सके।’
बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसकी वित्तीय सहायता का उपयोग आर्थिक सुधारों और जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, भारत ने पाक के इस दावे को खारिज कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर को 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइलों और स्वदेशी ड्रोनों का उपयोग किया गया, जिसे भारत की सैन्य और तकनीकी ताकत का प्रदर्शन माना जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने भुज में कहा कि यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षा का विषय है, बल्कि यह अब भारत की राष्ट्रीय रक्षा नीति का हिस्सा है।
राजनाथ सिंह के बयान ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और सैन्य ताकत के प्रतीक के रूप में स्थापित किया है। उनकी चेतावनी कि यह ‘सिर्फ ट्रेलर’ है, ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया है कि भारत किसी भी उकसावे का कड़ा जवाब देगा। परमाणु हथियारों की IAEA निगरानी और आईएमएफ़ ऋण पर पुनर्विचार की मांग ने इस मुद्दे को वैश्विक मंच पर ले जाकर भारत के रुख को और मजबूत किया है।