Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Bihar Assembly Election: महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी, आज होगा बिहार के सीएम फेस का ऐलान!
    • सस्पेंस खत्म! तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री उम्मीदवार…? महागठबंधन का आज होगा बड़ा दांव
    • बिहार की लाल रंग की खुनिया नदी और तुतला भवानी जलप्रपात-रोहतास का रहस्यमयी पर्यटन स्थल
    • Upendra Kushwaha Profile: अग्नि परीक्षा के दौर में उपेंद्र कुशवाहा
    • गुजरात की राजनीति में बड़ा ‘छक्का’! जडेजा की पत्नी रिवाबा मंत्रिमंडल में शामिल
    • हरिओम मॉब लिंचिंग: क्या दलित होना अब भी जानलेवा गुनाह है? राहुल गांधी से मिलते मां के छलके आंसू
    • Diwali 2025:15000 किलो सोने से बना है माता लक्ष्मी का यह मंदिर – जानिए विशेषताएं
    • ऐसे चरित्र वाले नेता…! मायावती का चंद्रशेखर आजाद पर तीखा हमला, बोलीं: शादीशुदा होकर भी शोषण किया..
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Japan Sapporo Snow Festival History: जापान का सप्पोरो स्नो फेस्टिवल एक अद्भुत बर्फीला उत्सव, जिसे पूरी दुनिया देखती है
    Tourism

    Japan Sapporo Snow Festival History: जापान का सप्पोरो स्नो फेस्टिवल एक अद्भुत बर्फीला उत्सव, जिसे पूरी दुनिया देखती है

    By February 7, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Japan Sapporo Snow Festival History in Hindi

    Japan�Sapporo Snow Festival History: सप्पोरो स्नो फेस्टिवल (Sapporo Snow Festival) जापान का सबसे प्रसिद्ध शीतकालीन उत्सव है, जो होक्काइडो द्वीप के सप्पोरो शहर में हर साल फरवरी में आयोजित किया जाता है। यह त्योहार बर्फ की शानदार मूर्तियों, आइस स्कल्पचर, रोशनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह जापान ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है।

    यह उत्सव फरवरी की शुरुआत में एक सप्ताह तक चलता है, लेकिन मूर्तियाँ बनाने का काम एक महीने पहले से ही शुरू हो जाता है, और यह प्रक्रिया लगभग उतनी ही जादुई होती है जितना कि इसका परिणाम। अपने साथ कुछ नॉनस्लिप विंटर शूज़ या बूट्स लाना न भूलें, या किसी सुविधा स्टोर से कुछ स्ट्रैप-ऑन स्पाइक्स खरीद लें।

    इतिहास और उत्पत्ति

    इस उत्सव की शुरुआत 1950 में हुई थी जब स्थानीय हाई स्कूल के छात्रों ने अपने रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन करते हुए ओदोरी पार्क में छह बर्फ की मूर्तियाँ बनाई थीं। यह एक छोटी-सी शुरुआत थी, लेकिन लोगों को यह इतनी पसंद आई कि यह परंपरा बन गई। धीरे-धीरे इस आयोजन का दायरा बढ़ता गया और 1955 में, जापानी आत्मरक्षा बलों ने पहली बार इस उत्सव में भाग लिया और बर्फ की विशाल मूर्तियाँ बनाई।

    1972 में, जब जापान ने विंटर ओलंपिक्स की मेजबानी की, तब इस उत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। इसके बाद, हर साल लाखों पर्यटक इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने के लिए यहाँ आने लगे। अब यह केवल जापान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विभिन्न देशों के कलाकार इसमें भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

    सप्पोरो स्नो फेस्टिवल के प्रमुख आकर्षण

    इस उत्सव के तीन मुख्य स्थल होते हैं:

    1. ओदोरी पार्क (Odori Park)

    यह सप्पोरो स्नो फेस्टिवल का मुख्य स्थल है, जहाँ सबसे बड़ी और भव्य बर्फ की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। 1.5 किलोमीटर लंबे इस पार्क में हजारों कलाकार बर्फ से अद्भुत आकृतियाँ और संरचनाएँ बनाते हैं।

    हर साल इस पार्क में विश्व प्रसिद्ध स्मारकों, ऐतिहासिक इमारतों, पॉप संस्कृति के किरदारों और जापानी परंपराओं को दर्शाने वाली मूर्तियाँ बनाई जाती हैं।

    2. सुजुकिनो (Susukino Site)

    यह क्षेत्र विशेष रूप से आइस स्कल्पचर प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ क्रिस्टल जैसी चमकती हुई आइस मूर्तियाँ बनाई जाती हैं, जो रात में रंगीन रोशनी में और भी आकर्षक लगती हैं।

    पर्यटक इन मूर्तियों के साथ तस्वीरें खिंचवा सकते हैं और बर्फ की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।

    3. त्सुदोम (Tsudome Site)

    यह स्थल परिवारों और बच्चों के लिए खास होता है। यहाँ बर्फ से जुड़ी कई मजेदार गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे स्नो स्लाइडिंग, स्नो राफ्टिंग, और स्नो मोटोक्रॉस।

    यह स्थान बच्चों और एडवेंचर प्रेमियों के लिए सबसे पसंदीदा स्थल होता है।

    उत्सव में होने वाली विशेष गतिविधियाँ

    1. बर्फ और आइस स्कल्पचर प्रतियोगिता – दुनियाभर के कलाकार इसमें भाग लेकर अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन करते हैं।
    2. रात में रोशनी और लाइट शो – रात के समय बर्फ की मूर्तियों पर रंग-बिरंगी रोशनी डाली जाती है, जिससे वे और भी अद्भुत लगती हैं।
    3. सांस्कृतिक कार्यक्रम – पारंपरिक जापानी नृत्य, संगीत, और थिएटर प्रस्तुतियाँ होती हैं।
    4. जापानी व्यंजन और स्ट्रीट फूड फेस्टिवल – होक्काइडो की प्रसिद्ध रेमन, सीफूड, हॉट ड्रिंक्स और स्थानीय व्यंजन यहाँ उपलब्ध होते हैं।

    इस उत्सव का महत्व और लाभ

    1. पर्यटन को बढ़ावा – यह उत्सव जापान के शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देता है। हर साल लगभग 2 मिलियन से अधिक पर्यटक इस उत्सव को देखने आते हैं।
    2. स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ – होटल, रेस्टोरेंट, और व्यापारियों को इस उत्सव के दौरान भारी मुनाफा होता है।
    3. कलाकारों को मंच – यह उत्सव दुनिया भर के कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर देता है।
    4. संस्कृति और परंपराओं को प्रोत्साहन – जापान की पारंपरिक कलाएँ, खान-पान और संगीत इस उत्सव के माध्यम से विश्वभर में प्रसिद्ध होते हैं।
    5. कैसे और कब जाएं?हर साल फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में जाना चाहिए । यह सप्पोरो, होक्काइडो, जापान में होता है। यहाँ पहुँचने के लिए टोक्यो या ओसाका से सप्पोरो के लिए फ्लाइट उपलब्ध हैं।और जापान रेलवे (JR) से भी पहुँचा जा सकता है।
    6. 1950 में एक बर्फ डंपिंग ग्राउंड से निर्मित, सप्पोरो स्नो फेस्टिवल अब जापान के प्रमुख शीतकालीन उत्सवों में से एक बन चुका है। जो उत्सव एक समय में जूनियर हाई और हाई स्कूल के छात्रों द्वारा बर्फ की मूर्तियों के एक सहज प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ था, वह अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और मनाया जाने वाला वार्षिक आयोजन बन गया है।
    7. पिछले तीन वर्षों तक स्थगित रहने के बावजूद, फरवरी 2023 में आयोजित इस उत्सव में 1.75 मिलियन लोग शामिल हुए, जो इसकी अद्भुत लोकप्रियता को दर्शाता है।
    8. शुरुआती वर्षों में, जब यह एक सामुदायिक-आयोजित कार्यक्रम था, तब सप्पोरो स्नो फेस्टिवल केवल दो दिनों तक चलता था और स्थानीय स्कूल के छात्रों के लिए ही आयोजित किया जाता था। इन छात्रों में से कई लोग सर्दियों के उदास मौसम में समय बिताने का तरीका खोज रहे थे, लेकिन वे देश के अन्य हिस्सों में हो रहे बर्फीले आयोजनों से भी प्रेरित थे।
    9. ये मूर्तियाँ रात में रोशन की जाती हैं, जिससे एक मनमोहक नज़ारा बनता है। आगंतुक इन कलाकृतियों की प्रशंसा करने के लिए पार्क में टहल सकते हैं, जिन्हें सूर्यास्त के बाद सबसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है जब वे खूबसूरती से रोशन होती हैं।
    10. इस उत्सव में पारंपरिक नृत्य, संगीत समारोह और ऐनू स्वदेशी शो सहित सांस्कृतिक प्रदर्शन भी दिखाए जाते हैं। ये जापान की सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखाते हैं।
    11. इनमें से ज़्यादातर प्रदर्शन निःशुल्क होते हैं और उत्सव क्षेत्र के भीतर विभिन्न मंचों पर होते हैं। इससे अनुभव में एक समृद्ध सांस्कृतिक परत जुड़ जाती है, जिससे आगंतुकों को अपनी यात्रा के दौरान जापानी परंपराओं और आतिथ्य में गहराई से उतरने का मौका मिलता है।
    12. यह महोत्सव विभिन्न प्रकार के स्थानीय पसंदीदा व्यंजन, मिसो रेमन और ताजे समुद्री भोजन से लेकर तरबूज के स्वाद वाली सॉफ्ट-सर्व आइसक्रीम तक, पेश करने वाले खाद्य स्टालों से भरा हुआ है।
    13. ये खाद्य स्टॉल होक्काइडो के प्रसिद्ध पाककला परिदृश्य का आनंद लेने का एक आदर्श तरीका हैं, जो आगंतुकों को क्षेत्र के समृद्ध जायकों का स्वाद चखाते हैं।
    14. सप्पोरो स्नो फेस्टिवल एक अद्वितीय और जादुई अनुभव प्रदान करता है। यह केवल बर्फ की मूर्तियों का आयोजन नहीं है, बल्कि यह जापानी कला, संस्कृति और पर्यटन का संगम है। अगर आपको सर्दी और बर्फ पसंद है, तो यह उत्सव आपके लिए एक अविस्मरणीय यात्रा अनुभव साबित हो सकता है।
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअब 487 ‘भारतीयों’ का डिपोर्टेशन आदेश; क्या बेड़ियाँ, हथकड़ियाँ हट पाएँगी?
    Next Article शेख हसीना की यूनुस सरकार पर की गई सख्त टिप्पणी बांग्लादेश को रास नहीं आई, भारत से की ये शिकायत

    Related Posts

    बिहार की लाल रंग की खुनिया नदी और तुतला भवानी जलप्रपात-रोहतास का रहस्यमयी पर्यटन स्थल

    October 21, 2025

    Diwali 2025:15000 किलो सोने से बना है माता लक्ष्मी का यह मंदिर – जानिए विशेषताएं

    October 17, 2025

    भारत ही नहीं इन देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली

    October 16, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.