
Kailash Mansarovar Yatra Hawai Darshan Nepal
Kailash Mansarovar Yatra Hawai Darshan Nepal
Kailash Mansarovar Yatra: हिमालय पर्वत की घाटियों में बसा नेपाल अपनी प्राकृतिक और अलौकिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के बीच दुनिया भर में मशहूर है।इस खूबसूरती के कारण नेपाल को लोग ‘दुनिया की छत’ के नाम से भी जानते हैं। दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट यहीं है। यहां सैलानियों को पहाड़ों के मनोरम दृश्य के साथ वन्यजीवों को भी देखने का अवसर मिलता है। भारत से यात्री नेपाल धार्मिक पर्यटन पर भारी तादाद में जाते हैं। भारत से सटा हुआ यह नेपाल देश चारों ओर से हरे भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो सैलानियों को एक सुखद अनुभव देता है। गर्मी के दिनों में सैलानियों की यह सबसे पसंदीदा जगह होती है। हिमालय की गोद में बसे नेपाल में विदेशी सैलानियों के लिए काठमांडू, पोखरा, नगरकोट और जनकपुर जैसी जगह सबसे पसंदीदा होती हैं।
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म भी नेपाल के लुम्बिनी शहर में हुआ था। इस कारण इस जगह से बौद्ध धर्म के अनुयायियों का खासा जुड़ाव है। वैसे इस देश में हर धर्म और जाति के लोग रहते हैं। यहां की राष्ट्रीय भाषा नेपाली है। यहां के स्थानीय लोगों को गोरखा कहा जाता है। यहां भारतीयों की संख्या अधिक है इस कारण खानपान भी ज्यादातर अपने देश के जैसा मिलता है।
वीजा अनिवार्य नहीं
भारत से नेपाल जाने के लिए भारतीयों को किसी प्रकार के वीजा लेने की जरूरत नहीं। भारतीय बिना पासपोर्ट के भी जा सकते हैं। अगर हवाई मार्ग से नेपाल जाना है तब वोटर आईडी या पासपोर्ट अनिवार्य होता है। सड़क मार्ग से नेपाल जाने में आधार कार्ड दिखाने से प्रवेश मिल जाता है।

नेपाल में घूमने लायक बहुत-सी जगह हैं जिनमें कुछ प्रमुख हैं :
काठमांडू :
1400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर नेपाल की राजधानी कहा जाता है। हिमालय पर्वत की गोद में बसा यह शहर पूरे साल ठंडा रहता है।

इसे नेपाल की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर का एक केंद्र माना जाता है। यहां स्थित मठ, मंदिर और कई पुरातात्विक स्थल और प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। काठमांडू में पर्यटक इन जगहों का लुत्फ़ उठा सकते हैं :
पशुपतिनाथ मंदिर :
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर काठमांडू की सबसे मशहूर जगह है। इस मंदिर को देखे बिना पर्यटकों की काठमांडू यात्रा पूरी नहीं होती। नेपाल के बागमती नदी के किनारे स्थित यह मंदिर नेपाल का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह मंदिर यूनेस्को के धरोहर स्थल में गिना जाता है।

सन् 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में जहां हजारों इमारत नष्ट हो गईं थीं, जबकि पशुपतिनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। मुख्य मंदिर का गर्भग्रह सुरक्षित रहा था। स्थानीय लोगों के लिए यह रहस्य बना हुआ है। वे इसे शिवजी की कृपा बताते हैं।
दरबार स्क्वायर :
काठमांडू का यह एक ऐतिहासिक जगह है जहां से पर्यटक राजा का महल और कई मंदिर देख सकते हैं। यहां मंदिर की नक्काशी देखने लायक है।

स्वयंभूनाथ स्तूप :
काठमांडू शहर से दूर यह स्तूप एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहां पर्यटक ट्रैकिंग करके या सीढ़ियां चढ़ कर पहुंच सकते हैं। इस जगह से सैलानी काठमांडू का एक खूबसूरत नज़ारा देख सकते हैं।

इसके अलावा पर्यटक काठमांडू में बोधनाथ स्तूप, क्लॉक टावर, थामेल, पाटन दरबार स्क्वायर, कापन मोनेस्ट्री भी घूम सकते हैं।
पोखरा :
हिमालय की तलहटी में बसा पोखरा शहर नेपाल में पर्यटकों का एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। नेपाल के नैरंगी ताल के किनारे स्थित इस जगह को लोग नेपाल की पर्यटकीय राजधानी के नाम से भी जानते हैं। नेपाल में पोखरा को झीलों का शहर भी कहा जाता है। इस जगह से पर्यटकों को प्राकृतिक नज़ारों और पहाड़ों को करीब से देखने का मौका मिलता है।

इस शहर की तुलना लोग स्वर्ग से करते हैं। यहां की सांस्कृतिक विरासत देखने दूर दूर से लोग आते हैं। काठमांडू से पोखरा की दूरी लगभग 200 किमी है और यहां से नेपाल के कई हिस्सों की ट्रेक की शुरुआत होती है। नेपाल में पोखरा ‘अन्नपूर्णा सरकिट द्वार’ नाम से भी मशहूर है और यहां सैलानी पैराग्लाइडिंग करने का आनंद ले सकते हैं।
पोखरा में घूमने लायक कई जगह है। जिसमें प्रमुख हैं :
फेवा झील :
नेपाल की यह दूसरी सबसे बड़ी झील है जो बहुत खूबसूरत है। पहाड़ों के बीच स्थित इस झील में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।

यहां हर सैलानी अपना खूबसूरत पल बिताना चाहता है।
शांति स्तूप :
पोखरा शहर से कुछ दूर स्थित अनाडू के पहाड़ी पर यह शांति स्तूप विराजमान है।

इसके निकट एक मंदिर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति स्थापित है। इस पहाड़ी से पोखरा का सुंदर नज़ारा देख सकते हैं।
सारंगकोट :
पोखरा से करीब 11 किमी की दूरी पर सारंगकोट स्थित है जहां से पर्यटक हिमालय पर्वत का अद्भुत नज़ारा देख सकते हैं। पोखरा से इस जगह केबल कार या ट्रेक के जरिए पहुंच सकते हैं।
तातोपानी :
पोखरा से यह जगह लगभग 150 किमी की दूरी पर है। यह जगह पोखरा के भीतरी इलाके में स्थित है और रास्ता सही नहीं होने के कारण यहां पहुंचने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है। यहां गरम पानी का झरना है। किसी भी मौसम में इस झरने के कुंड में गरम पानी आता है। ऐसा मानना है कि इस पानी में नहाने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
मुक्तिनाथ मंदिर :
108 वैष्णव मंदिरों में से एक यह मंदिर नेपाल के पोखरा से करीब 200 किमी की दूरी पर जोमसोम के पास स्थित है। यहां पहुंचने के रास्ते में काली गंडक नदी और कागबेनी के दृश्य के साथ इस छोटे से गांव की सुंदरता देखते ही बनती है। हिंदू और बौद्ध धर्म के मानने वालों की इस मंदिर से खास आस्था जुड़ी हुई है। ऐसी मान्यता है कि इसी जगह वृंदा से श्रापित भगवान विष्णु को मुक्ति मिली थी। इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त 108 जलकुंड और पवित्र तालाब के जल से स्नान करते हैं।

इस मंदिर में एक बौद्ध मठ के अलावा कई गोम्पा भी हैं। मंदिर परिसर में स्थित भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहता है।
लुम्बिनी :
नेपाल का यह सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल माना जाता है। इसी जगह भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस कारण बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इस पवित्र स्थल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। पर्यटक यहां स्तूप, मंदिर और मठ सभी कुछ देख सकते हैं।
चितवन नेशनल पार्क नेपाल :
हिमालय की तराई में स्थित भरतपुर का चितवन नेशनल पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इस खूबसूरत पार्क में पर्यटक अनेक प्रकार के वनस्पति, पक्षी और जीव को देख सकते हैं।

इस पार्क में हाथी की सफारी पर्यटकों के बीच में बहुत लोकप्रिय है। इस जंगल सफारी का आनंद लिए बिना सैलानी नहीं जाते। जंगल के अंदर रहने के लिए कई गेस्ट हाउस और रिसोर्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं जिसे ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। काठमांडू से भरतपुर करीब 149 किमी की दूरी पर है। यहां बस या टैक्सी के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं।
जनकपुर :
नेपाल के तराई में स्थित जनकपुर अपनी खूबसूरती के साथ सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। यह ऐतिहासिक शहर हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामायण के मुख्य किरदार भगवान श्रीराम की पत्नी सीता का जन्मस्थान है। जनकपुर की सड़कें और पुराने मंदिर दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से जुड़े इस शहर में हिंदू देवी-देवताओं के कई मंदिर हैं, जिनमें सबसे मशहूर जानकी मंदिर है। इस मंदिर में पर्यटक पारंपरिक मुगल और राजपूत शैली के वास्तुशिल्प का अनोखा मिश्रण देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग से नेपाल जाने के लिए मुख्य हवाईअड्डा कठमांडू का त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहां आने के लिए भारत से कई प्रमुख एयरलाइंस की उड़ानें हैं।
रेल मार्ग द्वारा भारत से यहां आने के लिए कुछ पैसेंजर ट्रेन है जो नेपाल के सिरसिया शहर को भारत के रक्सॉल प्रांत से जोड़ती है। भारतीय यात्री बिना वीजा के रेल द्वारा यहां आ सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा बस से नेपाल सीमा तक भारत के कई शहरों से पहुंचा जा सकता है। बस सेवा भारत से नेपाल आने के लिए उचित साधन माना जाता है। भारत के उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से सीधे नेपाल के लिए बस सेवा है। आप अपने निजी वाहन से भी नेपाल घूमने जा सकते हैं।
कैलाश मानसरोवर का हवाई दर्शन :
कैलाश मानसरोवर जाना कई यात्रियों का सपना होता है। कुछ शारीरिक कारणों तो कुछ आर्थिक कारणों से नहीं जा पाते। यहां आने के लिए चीन के वीजा की जरूरत पड़ती है लेकिन भारतीय यात्री नेपाल में कैलाश मानसरोवर का हवाई दर्शन कर सकते हैं वो भी बिना वीजा लिए। दरअसल यात्रियों को विशेष चार्टर्ड उड़ान के जरिए यह यात्रा कराई जाती है। इस तरह के कैलाश मानसरोवर यात्रा में सभी उम्र के लोग जा सकते हैं। यह यात्रा सस्ती होने के साथ जल्दी और सुलभ तरीके से हो जाती है। इस यात्रा में विशेष चार्टर्ड उड़ानों के जरिए पवित्र कैलाश पर्वत, मानसरोवर झील और माउंट एपी, माउंट साइपाल और माउंट नम्फा सहित कई ऊंचे पहाड़ों के शानदार दृश्य के दर्शन कराए जाते हैं।
यात्रियों के लिए यह एक अनोखा अनुभव होता है। करीब एक घंटे में चार्टर्ड विमान 27,000 फीट की ऊंचाई पर ले जाकर नेपाल स्थित हिमालय के पश्चिमी भागों से श्रद्धालुओं को पवित्र मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत के दर्शन कराता है। कैलाश पर्वत की ऊंचाई 21,000 फीट है। इस दर्शन के लिए ये विमान नेपालगंज से उड़ान भरते हैं।
कब घूमने जाएं
नेपाल जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का है। इस दौरान नेपाल में हरियाली और फूलों की बहार रहती है साथ ही मौसम सुहाना रहता है। ज्यादातर लोग नेपाल सर्दियों के बाद घूमना पसंद करते हैं।
सर्दियों के मौसम में नेपाल में भारी बर्फबारी होती है। उस समय बर्फ का आनंद ले सकते हैं। बारिश के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में घूमना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अभी भारत के ज्यादातर इलाकों में प्रचंड गर्मी शुरू हो चुकी है, ऐसे में आप अपने परिवार, दोस्तों या अकेले भी नेपाल घूमने का प्लान कर सकते हैं।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)