
Kalpa Himachal Tourism (Image Credit-Social Media)
Kalpa Himachal Tourism
Kalpa Himachal Tourism: भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य में किन्नौर जिले में हिमालय की खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा कल्पा एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। सतलुज नदी की घाटी में स्थित यह स्थल हिन्दू और बौद्ध धर्म का धार्मिक स्थल भी है। यहां की शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और मनमोहक दृश्य सैलानियों को खूब आकर्षित करती है। कल्पा समुद्र तल से लगभग तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर किन्नर कैलाश के निकट स्थित है। यह जगह प्राकृतिक खजानों के साथ सैलानियों को सांस्कृतिक आध्यात्मिक एहसास से भी रूबरू कराता है। इस जगह ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी 19वीं शताब्दी में घूमने आए थे, उसके बाद इस स्थान ने एक पर्यटक स्थल का रूप ले लिया।
पौराणिक कथाओं में इस जगह को शिव का सर्दियों का निवास स्थल बताया गया है। यहां के हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं पर जमी बर्फ पर जब सूरज की किरने पड़ती हैं तो वह मनमोहक दृश्य देखते ही बनता है। इसके अलावा पहाड़ों पर उतरते बादल और बर्फ की चादरें आपको इन्हें अपने कैमरे में कैद करने से नहीं रोक सकते। कल्पा के आसपास हरे-भरे जंगल, वनस्पति और जीवों की विविध प्रजातियां, सेब के बागान सैलानियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं।
कल्पा में पर्यटक कई प्रकार के रोमांचक गतिविधियों जैसे ट्रेकिंग, प्रकृति की सैर और बर्ड वाचिंग जैसे आरामदायक आनंद भी उठा सकते हैं।
कल्पा में घूमने लायक कई जगह हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
नारायण-नागानी मंदिर :

भगवान विष्णु और नागिनी (नाग देवी) को समर्पित यह नारायण- नागानी एक स्थानीय मंदिर है। किन्नौरी स्थापत्य शैली से बने इस मंदिर में लकड़ी के खंभों के साथ लकड़ी की बारीक नक्काशी, रंगीन चित्रों और मूर्तियों को देखने का अवसर मिलता है। इस मंदिर का शिल्प कौशल यहां के सांस्कृतिक विरासत का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। मंदिर परिसर के आसपास हरी-भरी घाटियां, जंगल, घास के मैदान और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियां सैलानियों को आकर्षित करती हैं।
हू-बू-लान-कर मठ :

कल्पा में कई बौद्ध मठ है , जिनमें हू -बू-लान-कर मठ जिसे गोम्पा भी कहा जाता है एक है। इसका निर्माण 10वीं शताब्दी में रिंचेसांग-पो ने कराया था। इसके भीति चित्र देखने लायक है।
किन्नर कैलाश :

कल्पा से सैलानी किन्नर कैलाश की चोटी के मनमोहक दृश्य का आनंद उठा सकते हैं। ज्यादातर पर्यटक इस जगह की धार्मिक मान्यता के कारण तीर्थ यात्रा के उद्देश्य से यहां आते हैं।
सुई मंदिर:
रानी सुई के बलिदान के याद में बनाया गया यह प्राचीन मंदिर रानी के वीरता का प्रतीक है जिन्होंने हिमाचल के चंबा में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अपना बलिदान दे दिया। यहां के परिसर में आपको शांत और ठंडी वातावरण का अनुभव होगा। हर साल यहां सुई माता महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें गांव वाले भाग लेते हैं।
चाका मीडोज:
कल्पा गांव के ऊपर स्थित पहाड़ी पर यह घास का मैदान है, जो ट्रेकिंग करने वालों के लिए एक आसान रास्ता है। यहां के हरे भरे घास के मैदान और हिमालय पर्वत की श्रृंखला पर्यटकों को एक बेहद खूबसूरत एहसास दिलाते हैं। ज्यादातर लोग यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। वसंत ऋतु में यह जगह जंगली हिमालयी फूलों से भरा मिलेगा जो देखने में मनमोहक लगते हैं।
रोघी गांव:
कल्पा से कुछ किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के आसपास हरे भरे खेत और पुराने मकान देखने लायक हैं। इस गांव के स्थानीय लोग ज्यादातर तिब्बती बौद्ध धर्म के मानने वाले हैं। ट्रेकिंग प्रेमी यहां के डरावने रोघी चट्टान की ट्रेक करना नहीं छोड़ते। इस जगह को लोग सुसाइड प्वाइंट के नाम से भी जानते हैं। पर्यटक यहां से भी प्राकृतिक दृश्यों और हिमालय पर्वत की श्रृंखलाएं देख कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
सेब बागान :

सेब की खेती के लिए मशहूर यह कल्पा गांव आपको ताजे सेब खाने का अनुभव भी दे सकता है। दरअसल यहां आसपास हर तरफ सेब के बागान दिखाई देंगे जिसमें आप घूमने के साथ बागान के मालिकों से अनुमति लेकर ताजे सेब खा भी सकते हैं।
कैसे पहुंचें :
हवाई मार्ग से कल्पा पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा शिमला हवाई अड्डा है जहां से कल्पा की दूरी करीब 267 किमी है। यह हवाई अड्डा देश के कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, चंडीगढ़ आदि से जुड़ा हुआ है। शिमला पहुंच कर कल्पा तक बस या टैक्सी लेकर जा सकते हैं।
रेलमार्ग से कल्पा पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला है जहां से कल्पा की दूरी 260 किमी है। शिमला रेलवे स्टेशन से कल्पा तक बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग द्वारा शिमला, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों से अपने निजी वाहन, टैक्सी या बस द्वारा कल्पा आसानी से पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय आप प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
कल्पा घूमने का सबसे अच्छा समय :
यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक रहता है इस दौरान वसंत और गर्मी का आनंद ले सकते हैं। इस दौरान यहां फूलों का मौसम होता है और मौसम सुहावना रहता है।
इसके अलावा एक और सबसे अच्छा मौसम मानसून के बाद सितंबर से अक्टूबर तक का रहता है। चारों तरफ हरे भरे घास के मैदान के साथ हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है।
अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों का मौसम रहता है और इस दौरान आप बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)