करहल उपचुनाव में सपा के तेज प्रताप यादव जीते (सोशल मीडिया)
Karhal By Election Result: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव की नौ सीटों में से करहल सबसे ज्यादा हाईप्रोफाइल सीट है। इसी सीट से सपा के तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल कर ली है। उन्होंने भाजपा के अनुजेश यादव को भारी मतों से हरा दिया है। साल 1993 के के बाद से ही करहल सीट हमेषा सपा के पाले में ही रही है। किसी और दल को जनता ने कभी भी यहां मौका नहीं दिया।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल से जीते थे। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से जीतने के बाद उन्होंने करहल सीट छोड़ दिया था। जिसके बाद करहल सीट रिक्त घोषित कर दी गयी थी। करहल उपचुनाव में लालू प्रयाद यादव और मुलायम सिंह यादव के दामाद मैदान में थे। लेकिन करहल की जनता ने सपा के तेज प्रताप यादव पर विश्वास जताया है। हालांकि भाजपा ने इस सीट को सपा को पाले से निकालने के लिए भरपूर कोशिश की।
उल्लेखनीय है कि यूपी की करहल विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन मुकाबला सपा के तेज प्रताप सिंह और भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह के बीच ही था। बसपा ने डॉ. अवनीश कुमार और आजाद समाज पार्टी के प्रदीप कुमार को मैदान में उतारा था।
करहल में अब तक के चुनावों में कैसा रहा था परिणाम?
2022 के विधानसभा चुनावों में करहल सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव और भाजपा के एसपी सिंह बघेल के बीच मुकाबला हुआ था। जिसमें 1,48,197 वोट हासिल कर अखिलेश यादव ने जीत हासिल की। वहीं भाजपा एसपी सिंह बघेल महज 80 हजार वोटों पर ही सिमट गये थे। करहल विधानसभा सीट के लिए पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था। उस समय प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के नाथू सिंह ने जीत दर्ज की थी।
1962 में स्वतंत्र पार्टी से राम सिंह और 1967 और 1969 में मुंशीलाल चमार इस सीट से विधायक बने थे। साल 1974 में भारतीय क्रांति दल और साल 1977 में जनता पार्टी से नाथू सिंह दोबारा इसी सीट से विधानसभा पहुंचे। साल 1980 में पहली बार कांग्रेस ने इस सीट को अपने पाले में किया था।
कांग्रेस के शिवमंगल सिंह 1980 में इस सीट से विधायक बने थे। लोकदल से 1985 में बाबूराम यादव करहल से जीते थे और वह लगातार 1996 तक जीत हासिल करते रहे। 1989 में वह जनता दल और 1991 में जनता पार्टी से वह विधानसभा पहुंचे। इसके बाद दो बार बाबूराम यादव सपा के टिकट पर जीते थे। साल 2002 में सपा के सोबरन सिंह यादव ने इसी सीट से जीत हासिल की और 2017 तक इस सीट को अपने कब्जे में रखा।