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    Home » Kashi Vishwanath Mandir Ka Itihas: शिव का बसाया शहर काशी, आज जानेगें काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास
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    Kashi Vishwanath Mandir Ka Itihas: शिव का बसाया शहर काशी, आज जानेगें काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास

    By January 10, 2025No Comments8 Mins Read
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    Kashi Vishwanath Mandir History and Mythology in Hindi 

    Kashi Vishwanath Mandir Ka Itihas:�काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है, जिसे काशी भी कहा जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर प्राचीन काल से अस्तित्व में है और इसका ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

    1 – काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास और निर्माण (Kashi Vishwanath Mandir Ka Nirman)

    काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास अत्यंत पुराना है। इसका उल्लेख कई प्राचीन शास्त्रों और ग्रंथों में मिलता है। हिन्दू धर्म में यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां भगवान शिव ने अपनी दिव्य शक्ति का प्रकट किया था।

    मंदिर का उल्लेख वेदों, महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी किया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। काशी में स्थित यह मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो विशेष रूप से विश्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध है।

    2 – मंदिर का निर्माण और पुनर्निर्माण (Kashi Vishwanath Mandir Ki Kahani)

    प्रारंभ में काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण बहुत प्राचीन समय में हुआ था। लेकिन इसके निर्माण के बाद से कई बार इसका पुनर्निर्माण हुआ। एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ के अनुसार, पहले मंदिर का निर्माण राजा मिहिरकुल ने कराया था।

    मंदिर को कई बार हमलावरों द्वारा नष्ट किया गया और पुनः निर्माण किया गया। सबसे प्रसिद्ध आक्रमण मुस्लिम आक्रमणकारी औरंगजेब द्वारा किया गया था। 1669 में औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसकी जगह एक मस्जिद का निर्माण कराया। इस मस्जिद को ‘गुलाब मस्जिद’ के नाम से जाना जाता है।

    मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया 18वीं शताब्दी में शुरू हुई। मराठा शासक महाराज रंजीत सिंह और महाराज अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए धन दान किया। 1780 में महाराज अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और उसके बाद से यह मंदिर अपनी वर्तमान स्थिति में है।

    3 – काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख देवता (Kashi Vishwanath Mandir Mythology)

    काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य देवता भगवान शिव हैं। मंदिर का नाम ही’विश्वनाथ’ है, जिसका अर्थ है ‘सारे ब्रह्मांड के स्वामी’।यह मंदिर भगवान शिव की पूजा करने का एक अत्यधिक पवित्र स्थान माना जाता है।

    Shiv ka Basaya Shaher Kashi (Image Credit-Social Media)

    Shiv ka Basaya Shaher Kashi (Image Credit-Social Media)

    यहां भगवान शिव के ‘ज्योतिर्लिंग’ स्वरूप की पूजा की जाती है। यह ज्योतिर्लिंग शिव के दिव्य रूप को दर्शाता है, जहां वे अनंत और अविनाशी रूप में प्रकट होते हैं। साथ ही, यह मंदिर भगवान शिव के ‘आत्मलिंग’ रूप को भी दर्शाता है, जो शुद्ध आत्मा का प्रतीक है।

    4 – काशी विश्वनाथ मंदिर की धार्मिक मान्यताएँ (Kashi Vishwanath Mandir Ki Dharmik Manyatayen)

    काशी विश्वनाथ मंदिर की कई धार्मिक मान्यताएँ हैं। मान्यता है कि काशी में मृत्यु होने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है। इस कारण से वाराणसी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यहां आने वाले श्रद्धालु इस विश्वास के साथ आते हैं कि वे मोक्ष प्राप्त कर सकेंगे।

    माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से हर तरह के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है। श्रद्धालु यहां आकर भगवान शिव के दर्शन करने के बाद गंगा नदी में स्नान करते हैं, जिससे वे शुद्ध हो जाते हैं। इसके अलावा, यह मान्यता भी है कि जो व्यक्ति काशी में मरता है, उसे पुनर्जन्म नहीं होता और वह सीधे मोक्ष को प्राप्त करता है।

    6 – काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमलों का इतिहास (Kashi Vishwanath Per Hamle ka Itihas)

    काशी विश्वनाथ मंदिर पर सबसे प्रसिद्ध हमला औरंगजेब के शासनकाल में हुआ था। 1669 में औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया और उसकी जगह एक मस्जिद का निर्माण किया। इस हमले से मंदिर की भव्यता को भारी क्षति हुई थी।

    इसके बाद, मंदिर का पुनर्निर्माण करने की कई कोशिशें हुईं। मराठा शासकों, विशेष रूप से महाराज रंजीत सिंह और महाराज अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए धन प्रदान किया और मंदिर को फिर से एक भव्य रूप दिया।

    7 – काशी विश्वनाथ मंदिर का वर्तमान स्थिति और उसका महत्व (Kashi Vishwanath Mandir Ka Mahatva)

    आज के समय में काशी विश्वनाथ मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। लाखों श्रद्धालु हर वर्ष इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। सरकार ने मंदिर के परिसर के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं, जिसमें मंदिर परिसर को और भी भव्य बनाना और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का निर्माण करना शामिल है।

    2015/में उत्तर प्रदेश सरकार ने काशी विश्वनाथ मंदिर का कॉरिडोर परियोजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य मंदिर के आसपास के क्षेत्र को सुंदर और व्यवस्थित बनाना था। इस परियोजना के तहत मंदिर के आसपास की गलियों और मार्गों को चौड़ा किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में आसानी हो सके।

    8 – काशी विश्वनाथ मंदिर का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व

    काशी विश्वनाथ मंदिर का न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। यहां हर वर्ष महाशिवरात्रि और काशी त्रिकोण जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व मनाए जाते हैं, जो पूरे भारत और विदेशों से भक्तों को आकर्षित करते हैं।

    यह मंदिर एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहां भारतीय संगीत, कला और साहित्य की परंपराएँ जीवित हैं। मंदिर के आंगन में संगीत वादन, भजन कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं, जो भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाते हैं।

    काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कई रहस्यमयी और अद्भुत पहलू भी हैं, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाते हैं। इस मंदिर के बारे में कई ऐसी मान्यताएँ और घटनाएँ हैं, जो इसे एक रहस्यमय और अद्वितीय स्थल बनाती हैं। आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर की कुछ रहस्यमयी और अद्भुत बातों के बारे में:

    9 – गंगा के दर्शन और स्वयंभू शिवलिंग�

    काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग को ‘स्वयंभू’ माना जाता है, अर्थात यह शिवलिंग खुद से प्रकट हुआ था, न कि किसी ने इसे स्थापित किया। यह एक अद्भुत घटना है, क्योंकि सामान्यत: हर शिवलिंग को किसी न किसी ने स्थापित किया होता है। स्वयंभू शिवलिंग की मान्यता से यह मंदिर और भी अधिक पवित्र और रहस्यमय बन जाता है।

    Shiv ka Basaya Shaher Kashi (Image Credit-Social Media)

    Shiv ka Basaya Shaher Kashi (Image Credit-Social Media)

    10 – मंदिर का स्वर्ण-मंडित गुंबद�

    काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वर्ण-मंडित गुंबद भी एक रहस्यमय तत्व है। यह गुंबद सदैव सूर्य की किरणों से चमकता है और मंदिर की आभा बढ़ाता है। यह सोने से ढका हुआ है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस गुंबद के नीचे स्थित भगवान शिव का प्रतिरूप उस रहस्यमय ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जो मंदिर में निवास करती है।

    महा शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं पवित्र काशी शहर का निर्माण किया है और यह उनके त्रिशूल पर स्थित है।

    मंदिर के गर्भगृह में संकुचन

    काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करना एक बहुत ही कठिन कार्य है, क्योंकि यह बहुत संकुचित और छोटा है। इस संकुचने से जुड़ी एक रहस्यमयी मान्यता है, जो कहती है कि यह गर्भगृह विशेष रूप से भगवान शिव के दर्शन के लिए बनाया गया था, ताकि केवल उन भक्तों को प्रवेश मिले, जो अपने पापों से मुक्त हों। इस संकुचित रास्ते को पार करने में भक्तों को कठिनाई होती है, लेकिन यह उनके विश्वास और श्रद्धा का परीक्षण करता है।

    विश्वनाथ मंदिर के चारों ओर की पुरानी गलियाँ

    काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की गलियाँ भीरहस्यमय रहस्य रखती हैं। ये गलियाँ बहुत पुरानी हैं, इनमें से कई गलियाँ बहुत संकरी हैं, जहां से गुजरते हुए भक्तों को अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति का अनुभव होता है। कहा जाता है कि ये गलियाँ प्राचीन काल में इस मंदिर से जुड़ी हुई थीं और यहां स्थित हर एक पत्थर या दीवार में एक अलग कथा समाई हुई है। इन गलियों में विचरण करते हुए भक्तों को भूत-प्रेत या अदृश्य शक्तियों का अनुभव होता है, जो इस क्षेत्र को और भी रहस्यमय बना देता है।

    मंदिर में शिखर पर स्थित चांदी का कलश

    काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर एक चांदी का कलश स्थित है, जो बहुत ही रहस्यमय माना जाता है। इस कलश के बारे में कहा जाता है कि यह कलश काशी के ज्योतिर्लिंग की शक्ति को अपनी छांव में संजोए हुए है। यह कलश मंदिर के ऊपर स्थित है और इसे हमेशा सूर्य की किरणों से नहलाया जाता है। इसे देखकर भक्तों को यह विश्वास होता है कि भगवान शिव स्वयं उनके ऊपर कृपा कर रहे हैं।

    हज़ारों वर्षों से लगातार होने वाली पूजा

    काशी विश्वनाथ मंदिर की पूजा कई हजार वर्षों से लगातार चल रही है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में एक दिन भी पूजा बिना नहीं हुई है। यह पूजा अनवरत रूप से होती रही है, चाहे मौसम कोई भी हो, या चाहे कितनी भी विपत्तियाँ आ जाएं। यह मंदिर इस ध्रुव सत्य का प्रतीक है कि भगवान शिव का आशीर्वाद कभी खत्म नहीं होता। मंदिर में हर दिन लाखों लोग पूजा और दर्शन करते हैं,इसका ऐतिहासिक महत्व अब भी जीवित है।

    काशी विश्वनाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक रहस्यमय स्थल भी है। यहां की प्रत्येक दीवार, हर गलियारा, हर मूर्ति और हर शिवलिंग में एक अदृश्य शक्ति और दिव्यता का अहसास होता है। मंदिर के इतिहास, मान्यताओं और रहस्यों के कारण यह स्थान सदियों से श्रद्धालुओं का केंद्र बना हुआ है।

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