Kerala Me Ghumane Ki Jagah in Hindi
Kerala Me Ghumane Ki Jagah in Hindi: केरल अपने प्रसिद्ध संस्कृति, मंदिरों, समुद्र तटों और झरनों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा केरल राज्य खूबसूरत झीलों का भी घर है। केरल में कुछ लेक तो ऐसी हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है। केरल के अनेक जगहों पर प्राकृतिक सुंदरता ज्यादा और लोग कम मिलेंगे। केरल की इन सुंदर वाटरफाल, झीलों वादियों को शांति और सुकून में देखने का एक अलग ही मजा है।नेशनल ज्योग्राफिक ट्रैवलर द्वारा दुनिया के दस स्वर्गों में से एक के रूप में नामित केरल भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां नारियल से सजे रेतीले समुद्र तट, बैकवाटर, हिल स्टेशन, आयुर्वेदिक पर्यटन और उष्णकटिबंधीय हरियाली इसके प्रमुख आकर्षण हैं।
केरल अपने मनमोहक बैकवाटर, हरे-भरे चाय के बागानों, प्राचीन समुद्र तटों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य अलेप्पी में हाउसबोट क्रूज़, आयुर्वेदिक उपचार और ओणम जैसे जीवंत त्यौहार जैसे अनूठे अनुभव प्रदान करता है, जो इसे एक ज़रूरी यात्रा स्थल बनाता है।केरल की आधिकारिक भाषा मलयालम है। यह द्रविड़ भाषा परिवार की भाषाओं में से एक है। केरल के अलावा, लक्षद्वीप और पुदुचेरी (माहे) में भी मलयालम बोली जाती है. लक्षद्वीप में यह प्राथमिक भाषा है। केरल में मलयालम के अलावा, अंग्रेज़ी और तमिल भी बोली जाती है।विदेशी प्रभाव के कारण, केरल की भाषाओं में लैटिन, संस्कृत, उर्दू जैसी भाषाएं भी शामिल हैं। केरल में शिक्षा को बहुत महत्व दिया जाता है और लगभग हर कोई अंग्रेज़ी में बात कर सकता है।
जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर ‘तिरुकोच्चि’ राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई।
केरल का इतिहास (Kerala Ka Itihas in Hindi)
केरल की स्थापना 1 नवंबर, 1956 को हुई थी। केरल राज्य का गठन राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत हुआ था।केरल राज्य का गठन त्रावणकोर-कोचीन राज्य और मालाबार तट को मिलाकर किया गया था। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम है। केरल की संस्कृति हज़ारों साल पुरानी है। केरल के इतिहास का पहला काल 1000 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी तक माना जाता है।
केरल में प्राचीन विदेशी यायावरों ने इसका ‘मलबार’ नाम से जिक्र किया है। केरल में आवास केन्द्रों के विकास का दूसरा चरण संगमकाल था। केरल को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
केरल में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Kerala Famous Tourist Places)
समृद्ध वनस्पतियों और जीवों तथा 25 से अधिक पशु अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों से भरपूर , यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि केरल में सबसे सुंदर वन्यजीवों की भरमार है। यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, जहाँ भारतीय कोयल, सीलोन फ्रॉगमाउथ, लोटेन सनबर्ड और कई अन्य प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।वहीं दर्शनीय स्थलों में अलाप्पुझा समुद्र तट, कृष्णापुरम पैलेस, कुमारकोम पक्षी अभयारण्य, मरारी समुद्र तट, रेवी करुणाकरण संग्रहालय, पुन्नमदा झील, पथिरमनल और अम्बालापुझा में श्री कृष्ण मंदिर शुमार हैं। अलेप्पी में स्नेक बोट रेस भी भीड़ खींचने वाली एक अन्य जगह है। वहीं कन्नूर – केरल का सबसे खूबसूरत शहर है।
इसके अतिरिक्त केरल का स्वर्ग ‘मुन्नार’ जहां प्राकृतिक सुंदरता और शानदार सांस्कृतिक का परिचायक हैं। केरल के मुन्नार की शानदार वादियों को दक्षिण का कश्मीर कहा जाता है । मुन्नार को भगवान का घर भी कहते हैं। यहां आपको एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होगी।
केरल राज्य की मुन्नार नगर की कुछ महत्वपूर्ण स्थान (Munnar Famous Tourist Places)
चाय का म्यूज़ियम (चाय संग्रहालय), आनामुड़ी चोटी, इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, माट्टूपेट्टी अपने स्टोरेज मेसनरी बांध और सुंदर झील के लिए जाना जाता है, मुन्नार से लगभग 32 कि.मी. दूर है, समुद्र तल से 1700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित टॉप स्टेशन, जहाँ आप बड़े इलाके में नीलाकुरिंजी फूलों को खिलते देख सकते हैं।जहाँ आप बड़े इलाके में नीलाकुरिंजी फूलों को खिलते देख सकते हैं।
पिकनिक मनाने के प्रचलित पल्लिवासल, चिन्नक्कनाल और उसके जलप्रपात हैं जिन्हें पावर हाउस वाटरफॉल के नाम से जाना जाता है।
यातायात साधन (Munnar Near Airport and Railway Stations)
मुन्नार के नज़दीकी रेलवे स्टेशन – आलुवा जो लगभग 108 कि.मी.और अंगमालि जो लगभग 109 कि.मी . दूर है। नज़दीकी एयरपोर्ट – कोचिन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट,आलुवा-मून्नार रोड से, लगभग 108 कि.मी दूर है।
केरल का प्रसिद्ध भोजन (Kerala Famous Food)
इडियप्पम जिसे स्ट्रिंग हॉपर के नाम से भी जाना जाता है, केरल की एक खास पाक कला है। इसे चावल के आटे या गेहूँ के आटे, नमक और पानी से बनाया जाता है। इसे आम तौर पर नाश्ते या रात के खाने में मुख्य व्यंजन के रूप में करी (आलू, अंडा, मछली या मांस की करी) और नारियल की चटनी के साथ परोसा जाता है। जबकि केरल में मलयाली साग-सब्जियाँ, मछली, मांस, अंडा इत्यादि से बनी सब्जियों से मिलाकर चावल लोग ज्यादा खाना पसन्द करते हैं। गेहूँ, मैदा आदि भी केरल वापसियों को प्रिय है। यहाँ ऐसे पकवान प्रिय हैं जो भाप में पकाये जाते हैं या फिर तेल में तले जाते हैं। मीठी खीर भी यहाँ पसन्द की जाती है।
नाश्ते की मेज पर ज़्यादातर पसंद किया जाने वाला अप्पम, सब्ज़ी के स्टू के साथ परोसा जाता है, यह बेहतरीन क्षेत्रीय व्यंजनों में से एक है। अप्पम एक चावल का पैनकेक है जिसे किण्वित चावल के घोल से बनाया जाता है और एक विशेष बर्तन में पकाया जाता है। अप्पम कटोरे के आकार के होते हैं, किनारों पर कुरकुरे और बीच में नरम और फूले हुए होते हैं।
केरल घूमने जाने का बेहतर समय (Kerala Visit Timing in Hindi)
केरल घूमने जाने का बेहतर समय दिसंबर से फरवरी के बीच होता है। इन सर्दियों के महीनों में, केरल के लंबे समुद्र तट पर घूमने के लिए मौसम एकदम सही होता है। तापमान औसतन 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है और दक्षिण में प्राचीन समुद्र तटों के लिए खासकर तिरुवनंतपुरम (त्रिवेंद्रम) के आसपास मौसम गर्म, धूप वाले दिनों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।
केरल की खास मिठाई (Kerala Famous Sweets)
केरल की खास मिठाइयों की सूची में सबसे ऊपर है अदा प्रधानम। केरल में मिठाइयों के राजा के रूप में जाना जाने वाला अदा प्रधानम केरल के सभी महत्वपूर्ण स्वादों से भरा हुआ है।
इसे नारियल, केला, चावल और गुड़ से तैयार किया जाता है।
केरल के पारंपरिक वस्त्र (Kerala Ka Pahnava in Hindi)
केरल के पारंपरिक वस्त्र में श्वेताभ रंग का कसावू, केरल का पारंपरिक वस्त्र होता है, जिसे सुनहरी ज़री की किनारियों से सजाया जाता है।
पुरुषों द्वारा कमर के चारों ओर लपेटे जाने वाले एक अधोवस्त्र, मुंडू, और कंधे पर रखे जाने वाले कपड़े, वेष्टि, के रूप में कसावू का दो प्रकार से उपयोग किया जाता है।
सस्ता सोना खरीदने के लिए मशहूर है केरल (Kerala Me Sasta Sona Kaha Milta Hai)
अगर आप केरल घूमने निकले हैं तो वहां सोने के आभूषण खरीदना कोई न भूलें। क्योंकि केरल में सोने की दरें सबसे सस्ती हैं, यह उपभोग और निवेश दोनों के लिए सोना खरीदने के लिए सबसे अच्छा राज्य माना जाता है।
केरल घूमने के लिए कितना हो आपका बजट (Kerala Ghumane Ka Budget in Hindi)
केरल में घूमने पर आने वाले खर्च की बात करें तो यहां सस्ते कन्वेंस विकल्प के तौर पर टैक्सी के अतिरिक्त रेंट पर टू व्हीलर स्कूटी भी हायर कर सकते हैं। इस तरह केरल में घूमने का कुल खर्च 21000 से 25 हजार तक आएगा। जिसमें एक दिन के स्कूटी का रेंट 700 से 800 रुपये तक होगा। इसके बाद आप 5 दिनों तक स्कूटी से घूमने में 2 हजार के करीब का पेट्रोल यूज कर सकते हैं। इस तरह केरल में 5 दिनों तक घूमने का खर्च 5500 रुपये तक आएगा।
केरल राज्य का प्रसिद्ध व्यवसाय (Kerala Ka Vyapar Kya Hai)
केरल में प्रसिद्ध व्यवसाय के तहत हस्तशिल्प उद्योग है। हस्तशिल्प उद्योग केरल के पारंपरिक उद्योगों में से एक है। केरल में हाथीदांत, बांस, ताड़ के पत्ते, समुद्री सीप, लकड़ी, नारियल के खोल, मिट्टी, कपड़ा, नारियल की जटा, धातु, पत्थर, लाख के बर्तन आदि से सुंदर हस्तशिल्प बनाने की परंपरा है।
केरल में सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली वस्तुएं�
केरल से सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली सामग्री हैं काजू, सामुद्रिक उत्पादन, कयर उत्पादन, कॉफी, चाय और सुगंधित मसाले आदि। औद्योगिक विकास को तेज करने की बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सरकार ने औद्योगिक प्रोत्साहन एजन्सियों का गठन किया है।
केरल में सबसे ज्यादा उत्पादन की जाने वाली वस्तुएं
केरल में सबसे ज्यादा उत्पादन की जाने वाली वस्तुओं में नारियल, रबड, काली मिर्च, अदरक, चाय, इलायची, काजू तथा कॉफी शामिल है।
केरल की मुख्य आय स्रोत
केरल राज्य का सेवा क्षेत्र, जो इसके राजस्व का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा है, मुख्य रूप से इसके आतिथ्य उद्योग, पर्यटन, आयुर्वेद और चिकित्सा सेवाएं, तीर्थयात्रा, सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन, वित्तीय क्षेत्र और शिक्षा पर आधारित है।
केरल उन्नत विकास मॉडल (Kerala�Development Model in Hindi)
केरल राज्य ने लगभग दो दशक पहले ही पूर्ण साक्षरता हासिल कर ली थी । यहां शिशु मृत्यु दर सबसे कम है। पुरुष और महिला दोनों के लिए जीवन प्रत्याशा 71 वर्ष है, जो देश में सबसे अधिक है। मातृ मृत्यु दर भी सबसे कम है। राज्य में जन्म दर भी सबसे कम है।