
Haunted Place in Lucknow (Image Credit-Social Media)
Haunted Place in Lucknow
Haunted Place in Lucknow: लखनऊ में एक ऐसी जगह है जहां से होकर अक्सर आप गुजरे होंगे,कई बार आप इसके बाहर खड़े भी हुए होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह जगह बेहद डरावनी है? आइये आज हम आपको बताते हैं इस जगह का इतिहास और आखिर लखनऊ में कहां स्थित है यह।
अगर आप लखनऊवासी है तो शायद ही आप इस सड़क से न गुजरे हो या फिर आपने इस जगह को ना देखा हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता लेकिन आपको बता दे कि यह जगह बेहद डरावनी है हम बात कर रहे हैं लखनऊ के सिकंदर बाग महल की जो कि लखनऊ के हजरतगंज रोड पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि सिकंदर बाग को 1857 विद्रोह के दौरान एक महत्वपूर्ण लड़ाई का प्रमुख स्थल माना गया था।
सिकंदर बाग महल का इतिहास
दरअसल सिकंदराबाद महल का इतिहास बेहद पुराना है इस महल के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने करवाया था। उन्होंने ये महल अपनी बेगम के नाम बनवाया था। वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय भारतीय सिपाहियों के लिए यह एक मजबूत जगह बन गई थी। लेकिन बाद में यही महल सिपाहियों का शमशान भी बन गया जिसकी वजह से इसे आज भी भूतिया माना जाता है।
सिकंदर बाग में घटी डरावनी घटनाएं
साल 1857 वो समय था जब आजादी की पहली लड़ाई के लिए बिगुल फूंका गया था। ऐसे में लखनऊ का सिकंदरबाग महल भारतीय सिपाहियों का विद्रोह स्थल हुआ करता था। इतना ही नहीं यहां ब्रिटिश सेना और भारतीय सैनिकों के बीच भीषण लड़ाई भी हुई थी। ब्रिटिश सैनिक और भारतीय सिपाहियों के बीच हुई लड़ाई में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी। जिसके बाद उनके शवों को यहीं पर दफना दिया गया। इस घटना के बाद इस महल को डरावनी जगह माना जाने लगा और धीरे-धीरे लोग भी जहां आने से कतरने लगे।
सिकंदर बाग को लेकर के कई सारी डरावनी कहानियां भी मशहूर है। आसपास के लोगों से बात करते हैं तो पता चलता है कि उस लड़ाई में मारे गए सैनिकों की आत्मा आज भी इधर-उधर भटकती रहती है। कई लोगों का तो यह भी कहना है कि रात के समय इस बाग़ से अजीबोगरीब आवाज आती है। सिकंदर बाग महल की एक और डरावनी कहानी है कि यहां आधी रात में कुछ लोग लाल सफेद कपड़े पहने हुए नाचते रहते हैं। कई बार इस महल में रोने की आवाज भी आती है। लड़ाई के कई सालों बाद भी इस बाग में सैनिकों का कंकाल देखा गया था।
पीछे कुछ समय से सिकंदराबाद को फिर से हरा भरा बनाने और इसके मरम्मत का काम चल रहा है लेकिन इस महल के कुछ हिस्से ऐसे हैं जो अभी भी खंडहर में तब्दील है। इस बाग़ में दिन के समय तो फिर भी कुछ लोग घूमने जाते हैं लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है यहां आस-पास कोई नजर नहीं आता। कई लोगों का कहना है कि सूरज ढलते ही इस बाग़ की हवा में कुछ अजीब सा उन्हें महसूस होता है।
तो अगली बार आप भी जब सिकंदर बाग की तरफ से गुजरे तो एक बार नजर उठाकर इस जगह को देखने की हिम्मत जरूर करिएगा। हो सकता है आपको भी कुछ ऐसा महसूस हो जो आप सभी से शेयर करना चाहें।


