बयान देते अखिलेश यादव। Social Media
Lucknow News: गोमती नगर में हुई छेड़छाड़ के मामले में बेल पर जेल से बाहर आए आरोपी पवन यादव से बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार और पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लड़का वहाँ चाय पीने गया था लेकिन पुलिस वालों ने इसे पकड़ लिया। वहीं, अखिलेश से मुलाकात के बाद पवन यादव ने भी खुद को निर्दोष बताया है। आपको बताते चलें कि घटना प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गिरफ्तार हुए पवन यादव और मोहम्मद अरबाज का नाम विधान सभा में लिया था और इनके साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही थी।
आरोपी को बताया ‘बेचारा’, कहा- अधिकारियों को मत भूलना
बुधवार को आरोपी पवन यादव से मुलाकात करने के दौरान अखिलेश यादव ने शब्दशः यह कहा ” जब वो लड़के पकड़े गए और विधान सभा में नाम लिया गया, वो लड़का आया है एक यादव, ये बेचारा चाय पी रहा था, पुलिस वालों ने इसे पकड़ा और पकड़ने की बात नहीं है, पकड़ने में तो जाँच होगी और छूट जाएगा, कोई बात नहीं है। लेकिन जिन अधिकारियों ने अपना रूतबा बनाने के लिए और सरकार की इमेज ठीक करने के लिए इन्हें थाने में पकड़कर के और हाथ जोड़कर के तस्वीर छापी है मैं इनसे भी कहूंगा उनको मत भूलना और हम लोग भी नहीं भूलेंगे। क्यों कि नाम तो और भी पढ़े जाने चाहिए थे, और क्यों नहीं पढ़े गए।’
यह था मामला
बीती 31 जुलाई को लखनऊ में भारी बारिश हुई थी। इसके बाद गोमती नगर थानाक्षेत्र के ताज होटल के निकट बने अंडरपास के आसपास काफी जलभराव हो गया था। इसी बीच वहां बड़ी संख्या में उत्पाती युवक इकट्ठे हो गए थे और राहगीरों से अभद्रता करनी शुरू कर दी थी। युवक आने जाने वाले लोगों की गाड़ियों को चारों तरफ से घेरकर उनमें जबरन पानी डाल रहे थे साथ ही गाली गलौच भी कर रहे थे। इसी बीच बाइक से वहां से गुजर रहे एक युवक और युवती को युवकों ने जबरन पानी में गिरा दिया था और उनसे जबरन छेड़छाड़ कर अभद्रता की थी। इस घटना के सीसीटीवी फ़ोटो और वीडियो भी जमकर वायरल हो गए थे।�इसी के बाद पुलिस ने पवन यादव समेत करीब 27 अन्य लोगों को सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस और गाड़ी नंबरों के आधार पर चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें कुछ नाबालिग भी शामिल थे।
पुलिस वालों पर भी हुई थी कार्रवाई
घटना प्रकाश में आने के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर के आदेश पर डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी ईस्ट अमित कुमावत, एसीपी गोमती नगर अंशु जैन को तत्काल हटा दिया गया था। इसके अलावा गोमती नगर SHO दीपक पांडेय, चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक, दरोगा कपिल, सिपाही वीरेंद्र व धर्मवीर को सस्पेंड कर दिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद राजधानी सहित पूरे देश में इस घटना के चलते उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की किरकिरी हुई थी। सस्पेंड किए गए पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच भी चल रही है।