Akhilesh Yadav (Pic: Social Media)
Lucknow News: ताज होटल के पास हुई छेड़छाड़ के जिस आरोपी से कल अखिलेश यादव ने मुलाकात कर उसे ‘बेचारा’ बताया था। उस आरोपी पवन यादव के ऊपर पहले से पांच मुकदमे दर्ज हैं। यह बात अखिलेश के बयान जारी करने के बाद लखनऊ पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कही गई है। ज्ञात हो कि लखनऊ के ताज होटल के पास हुई छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने सबसे पहले पवन यादव और मोहम्मद अरबाज को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दोनों का नाम सदन में लिया था। सपा के प्रदेश मुख्यालय पर गुरुवार को अखिलेश ने उसी आरोपी से मुलाकात की और योगी सरकार पर जाति देखकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। इसके बाद गुरुवार की देर रात लखनऊ पुलिस ने बताया कि उसके ऊपर पहले से तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। वहीं, शुक्रवार की सुबह न्यूज़ट्रैक से बातचीत में एडीसीपी ईस्ट पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गहन छानबीन करने पर 2 और मुकदमे सामने आए हैं। उक्त आरोपी के ऊपर कुल 5 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 307 के साथ ही मारपीट और बलवा की धाराएं शामिल हैं।
पुलिस ने कहा- न तो दी गई क्लीनचिट, न ही आरोपी दोषमुक्त
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने बयान में पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया था। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा ‘प्रकरण में पवन यादव पुत्र फूलचंद यादव के विरुद्ध साक्ष्य के आधार पर विधि पूर्ण कार्यवाही की गई थी। उल्लेखनीय है कि अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोप के विरुद्ध स्थानीय स्तर पर पूर्व से तीन अभियोग पंजीकृत हैं जिसमें आरोप पत्र प्रेषित हैं। वर्तमान प्रकरण की विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर विवेचना का निस्तारण किया जाएगा। इस प्रकरण में वर्तमान आरोपी को न ही पुलिस के द्वारा क्लीन चिट दी गई है और न ही माननीय न्यायालय द्वारा आरोप मुक्त किया गया है।’
अभी चल रही है मामले की जांच
एडीसीपी ईस्ट पंकज कुमार सिंह ने कहा कि अब भी मामले में तफ्तीश चल रही है। ऐसा नहीं है कि चार्जशीट लगा दी गई है। जो भी जांच में निर्दोष पाया जाएगा उसे छोड़ दिया जाएगा। पुलिस की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की गई है वह साक्ष्यों के आधार पर ही की गई है।
लापरवाही में नपे थे पुलिसवाले
घटना प्रकाश में आने के बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी ईस्ट अमित कुमावत, एसीपी गोमती नगर अंशु जैन को तत्काल हटा दिया गया था। इसके अलावा गोमती नगर SHO दीपक पांडेय, चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक, दरोगा कपिल, सिपाही वीरेंद्र व धर्मवीर को सस्पेंड कर दिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद राजधानी सहित पूरे देश में इस घटना के चलते उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की किरकिरी हुई थी। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच भी चल रही है। वहीं इस मामले में कई नाबालिगों समेत कुल 28 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।