
Odisha Maa Vaishno Devi Temple Navratri Celebration Information in Hindi (Image Credit-Social Media)
Odisha Maa Vaishno Devi Temple Navratri Celebration Information in Hindi
Maa Vaishno Devi Temple Odisha: नवरात्रि के अवसर पर देवी मंदिरों की शोभा देखते ही बन रही है। विशेष पूजा पाठ मंत्रोच्चार – हवन पूजन आदि परंपराओं के बीच भक्तों का विशाल हुजूम देवी का आशीर्वाद पाने के लिए उमड़ पड़ा है। यूं तो भारत की इस आध्यात्मिक धरती पर हर कोने में एक देवी मंदिर मौजूद है। इसी कड़ी में ओडिशा में मौजूद वैष्णो देवी मंदिर भी शामिल है। जहां नवरात्रि के अवसर पर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।ओडिशा का नयागढ़ जिला हमेशा से ही अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन इस क्षेत्र को और खास बना दिया है मां वैष्णो देवी मंदिर की मौजूदगी ने। यह मंदिर नयागढ़ शहर से लगभग 15 किलोमीटर और ओडागांव से 10 किलोमीटर दूर, जमुकना पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। जैसे ही आप यहां कदम रखते हैं, आपको एक अजीब सी शांति, भक्ति और प्रकृति के अद्भुत संगम का सुखद एहसास होगा।
इस मंदिर की मुख्य विशेषता है इसकी 180 फुट लंबी गुफा, जिसमें देवी की पवित्र प्रतिमा स्थापित है। लगभग 18 किलोग्राम वजन वाली यह मूर्ति अपने दिव्य सौंदर्य और आकर्षण से भक्तों के दिलों को छू जाती है। यहां आने वाले पर्यटकों का कहना है कि यहां कदम रखते ही मन में एक अनजानी श्रद्धा जाग उठती है।

जम्मू के प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर की तरह, ओडिशा का यह मंदिर भी लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह राज्य में मां वैष्णो देवी का दूसरा मंदिर है। जबकि पहला राउरकेला में स्थित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि जामुकोना पहाड़ी कभी मां बाणदुर्गा का निवास स्थान थी और इस मंदिर का निर्माण भी देवी के स्वप्न दर्शन से प्रेरित था। ग्रामीणों और पंचायतों की संयुक्त मेहनत से 16 एकड़ से अधिक क्षेत्र में यह मंदिर विकसित हुआ।
भक्ति और सौंदर्य का मिश्रण हैं मां वैष्णो देवी मंदिर परिसर
मां वैष्णो देवी मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं है। इसके आसपास छोटे मंदिर, बाबा भैरो मंदिर, महावीर मंदिर, अर्धकुमारी, जग्या मंडप और भोग एवं आरती मंडप बने हैं। बच्चों और परिवारों के लिए एक पार्क और स्विमिंग पूल भी हैं, जो पहाड़ियों की हरियाली के बीच समय बिताने का आनंद बढ़ाते हैं।
यहां तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को अपनी कार पार्किंग में छोड़कर लगभग एक किलोमीटर ऊपर पैदल चढ़ना पड़ता है। यह यात्रा सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव का भी हिस्सा बन जाती है। इस मंदिर मार्ग के हर कदम पर वातावरण में फैली शांति और मनोरम हरियाली, भक्तों को अपने भीतर की शांति का एहसास कराती है। खासतौर से नवरात्र के मौके पर यह मंदिर अध्यात्म और आस्था से जुड़ाव की एक मजबूत कड़ी बन जाता है। आप जब भी ओडिसा की यात्रा पर आए तो इस मंदिर के दर्शन करना न भूलें। पर्यटन की दृष्टि से भी ओडिसा में कई रमणीय स्थान मौजूद हैं, जहां विदेशी ओर स्थानीय पर्यटकों की बड़ी संख्या में मौजूदगी बनी रहती है।
मां वैष्णो देवी मंदिर के आसपास के पर्यटन स्थल
मां वैष्णो देवी मंदिर के अलावा नयागढ़ में देखने लायक और भी कई जगहें हैं। सुलिया बांध, रघुनाथ यहूदी मंदिर और लाडुकेश्वर मंदिर जैसी जगहें पर्यटकों को सांस्कृतिक और प्राकृतिक आनंद देती हैं। हरी-भरी पहाड़ियां और शांत वातावरण इस इलाके को और भी आकर्षक बनाते हैं।
ओडिशा सिर्फ मंदिरों और पहाड़ियों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने ऐतिहासिक स्थल, रंग-बिरंगे त्योहार और स्वादिष्ट व्यंजन के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां मौजूद प्रमुख पर्यटन स्थलों में –
कोणार्क सूर्य मंदिर

सूर्य भगवान को समर्पित यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और रथ जैसी डिजाइन के लिए दुनिया में जाना जाता है।
पुरी जगन्नाथ मंदिर
रथ यात्रा के समय यहां लाखों भक्तों का जमावड़ा लगता है।
चिल्का झील
भारत की सबसे बड़ी खारा पानी की झील, जहां बोटिंग, बर्ड वॉचिंग और डॉल्फिन देखने का आनंद मिलता है।
धौली शांति शिवालय
शांति और बौद्ध संस्कृति का अनुभव लेने के लिए आदर्श स्थल।
सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान

वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग। यहां बाघ, हाथी और दुर्लभ पक्षियों को देखा जा सकता है।
ओडिशा का स्वादिष्ट लोकल फूड
ओडिशा यात्रा की खासियत यहां के स्वादिष्ट व्यंजन हैं।
रसगुल्ला
भुवनेश्वर और पुरी के आसपास की यह मिठाई नरम, रसदार और मीठी होती है। अपने अनोखे स्वाद के लिए दूर-दूर तक मशहूर है।
दलमा और पखला
दलमा दाल और सब्जियों का पौष्टिक मिश्रण है, जबकि पखला भात गर्मियों में खाया जाता है और आम के अचार या मछली के साथ परोसा जाता है।
छेना पोड़ा

बेक्ड चीज़ मिठाई, हल्की और मीठी, डेजर्ट के लिए परफेक्ट मानी जाती है।
ये व्यंजन न केवल स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान भी हैं। ओडिशा की यात्रा सिर्फ देखने तक सीमित नहीं है। यह राज्य अपने रंगीन त्योहारों, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां की शांत गुफाएं, झीलों की ठंडी हवा, हरियाली और स्वादिष्ट व्यंजन सब मिलकर इस यात्रा को यादगार बनाते हैं।