Maharashtra Election 2024 :�महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल जोर-शीर से तैयारी में जुटे हुए हैं। चुनावी जंग में उतरने से पहले सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा काफी अहम होता है और सत्तारूढ़ महायुति ने इस मामले में बाजी मार ली है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीट बंटवारे का मामला उलझा हुआ है मगर सत्तारूढ़ गठबंधन ने सीट बंटवारे को आखिरी रूप दे दिया है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक महायुति में फाइनल किए गए सीट शेयरिंग फॉर्मूले के अनुसार भाजपा सबसे अधिक 156 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन में शामिल शिवसेना के शिंदे गुट को 78 से 80 और एनसीपी के अजित पवार गुट को 53 से 54 सीटे मिली हैं। भाजपा ने महाराष्ट्र की 99 विधानसभा सीटों पर पहले ही अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। बाकी दोनों दल भी जल्द ही अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने वाले हैं।
सीट बंटवारे में शाह की अहम भूमिका
सत्तारूढ़ महायुति में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए कई दिनों से कवायद की जा रही थी। हाल में गृहमंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर भाजपा और सहयोगी दलों की लंबी बैठक हुई थी। इस बैठक में महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने सहयोगी दलों के साथ चर्चा के बाद सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया है।
हालांकि अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है मगर सभी दलों ने तय की गई सीटों के हिसाब से चुनावी तैयारी जरूर शुरू कर दी हैं। इसी के बाद भाजपा की ओर से 99 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है।
पिछले चुनाव के बाद खूब सियासी उठापटक
महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सीटों के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। इससे पहले 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सबसे अधिक 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। शिवसेना को 56 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई थीं।
पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में लड़ा था मगर बाद में मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में मतभेद पैदा हो गए थे।
कुछ समय बाद कांग्रेस और एनसीपी की समर्थन से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे। हालांकि बाद में शिवसेना में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बगावत होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर भाजपा ने समर्थन देकर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री भी बनवा दिया था। बाद में एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी बगावत कर दी थी और वे एनडीए में शामिल हो गए थे।
लोकसभा चुनाव में लगा था महायुति को झटका
पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास अघाड़ी गठबंधन के मुकाबले पिछड़ गया था और कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा और शिवसेना के उद्धव गुट को 9-9 सीटों पर जीत मिली थी। अब सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटा हुआ है। सीट बंटवारे के मामले में भी सत्तारूढ़ गठबंधन ने बाजी मार ली है।
एमवीए में उलझा सीट बंटवारे का मामला
दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीट बंटवारे का मामला अभी भी उलझा हुआ है। मुंबई और विदर्भ की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव गुट में खींचतान चल रही है। दोनों दल अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और इसी कारण मामला उलझ गया है। कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी स्वीकार किया है कि अभी 30-40 सीटों पर चर्चा होना बाकी है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही सीट बंटवारे के विवाद को सुलझा लिया जाएगा।