Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को हुई वोटिंग में मतदाताओं ने काफी उत्साह दिखाया है। वोटिंग समाप्त होने के बाद अब सभी को चुनाव नतीजे का बेसब्री से इंतजार है। इस बार के विधानसभा चुनाव में वोटिंग से पहले ही सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के बीच कड़ा मुकाबला माना जाता रहा है। वोटिंग के बाद बुधवार को आए एग्जिट पोल के पूर्वानुमान भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि अधिकांश पूर्वानुमानों में महायुति को बढ़त मिलने की बात कही गई है।
वैसे इस बार के चुनाव में सबसे बड़ी बात मतदाताओं का वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है। महाराष्ट्र में इस बार 65 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है। 1995 के बाद यह पहला मौका है जब इतना ज्यादा मतदान हुआ है। करीब 30 साल बाद मतदाताओं ने चुनाव के प्रति इतना ज्यादा उत्साह दिखाया है। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि महाराष्ट्र में अधिक मतदान का क्या इशारा है और इसका फायदा महायुति और एमवीए में से किसे होने वाला है। भाजपा और कांग्रेस की ओर से अधिक मतदान का फायदा अपने-अपने गठबंधन को होने का दावा किया गया है।
30 साल बाद सबसे अधिक मतदान
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मतदान आंकड़े ने लोकसभा चुनाव की वोटिंग को पीछे छोड़ दिया है। पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में 61.39 फ़ीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग की ओर से और बुधवार रात बारह बजे तक जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदान का आंकड़ा 65.1 फ़ीसदी को पार कर गया था। यदि 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो उस समय 61.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।
इस तरह इस बार के विधानसभा चुनाव में 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 में हुए लोकसभा चुनाव से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया है। 1995 के बाद यह पहला मौका है जब मतदाताओं ने वोटिंग के प्रति इतना ज्यादा उत्साह दिखाया है। वैसे 1995 में महाराष्ट्र के मतदाताओं ने गजब का उत्साह दिखाते हुए 71.69 प्रतिशत मतदान किया था। इस तरह करीब 30 साल बाद महाराष्ट्र के मतदाताओं में सबसे ज्यादा मतदान का रिकॉर्ड बनाया है।
अधिक मतदान के पीछे क्या है कारण
महाराष्ट्र में इस बार अधिक मतदान के पीछे सत्तारूढ़ महायुति और एमवीए के बीच कड़े मुकाबले को बड़ा कारण माना जा रहा है। दोनों खेमों की ओर से इस बार जोरदार तरीके से सघन प्रचार अभियान चलाया गया था। कड़े मुकाबले को देखते हुए दोनों खेमों की ओर से चुनावी जंग में उतरे प्रत्याशियों ने भी अधिक से अधिक मतदान कराने में गहरी दिलचस्पी ली ताकि उनके जीत की संभावनाएं बनी रहें।
पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी महायुति और एमवीए के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। हालांकि सीटों के मामले में एमवीए अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहा था। वैसे यदि दोनों गठबंधनों को मिले वोट शेयर की बात की जाए तो लोकसभा चुनाव के दौरान महायुति को 42.1 फ़ीसदी और महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 43.91 फ़ीसदी वोट मिले थे।
महायुति में बीजेपी, शिवसेना का शिंदे गुट और एनसीपी का अजित पवार गुट शामिल है जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी का शरद पवार गुट और शिवसेना का उद्धव गुट शामिल है। इन छह प्रमुख दलों के अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी, सपा, एआईएमआईएम और कुछ अन्य छोटे दलों ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
फडणवीस का भाजपा को फायदा मिलने का दावा
महाराष्ट्र में इस बार अधिक मतदान होने के बाद भाजपा और कांग्रेस नेताओं की ओर से अलग-अलग दावे किए गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब भी चुनाव में अधिक मतदान होता है तो उसका फायदा भाजपा को ही मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार अधिक मतदान हुआ है और निश्चित रूप से इसका फायदा भाजपा और महायुति में शामिल दो अन्य दलों को ही मिलने वाला है।
पटोले का MVA की सरकार बनने का दावा
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि मतदाताओं ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के पक्ष में पूरे उत्साह के साथ मतदान किया है। उन्होंने एमवीए की जीत का दावा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमानी मतदाताओं ने इस बार महाराष्ट्र के विकास को प्राथमिकता देने वाले एमवीए की सरकार चुनने की पहल की है।
उन्होंने एमवीए की जीत का दावा करते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। उन्होंने दावा किया के राज्य के विभिन्न इलाकों से मिली खबरों के मुताबिक इस बार एमवीए की सरकार बनना तय है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के दो सहयोगी दलों को भी मतदाताओं का अच्छा समर्थन मिला है।