MUDA Scam Case : मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े भूमि आवंटन के कथिल घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में उन्हें पहला आरोपी बनाया है। सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ ये कार्रवाई विशेष अदालत द्वारा मैसूर लोकायुक्त पुलिस को जांच के निर्देश देने के बाद 48 घंटे बाद हुई है।
लोकयुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ बेनामी लेनदेन और भूमि हड़पने के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही एफआईआर में उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और कथित ज़मीन मालिक देवराज का नाम दर्ज है। हालांकि इससे पहले बीते मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें MUDA भूमि घोटाले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी की वैधता को चुनौती दी गई थी। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने तीन कार्यकर्ताओं की याचिकाओं के बाद उनके खिलाफ जांच को मंजूरी दी थी। याचिकाकर्ताओं ने MUDA द्वारा एक प्रमुख इलाके में सिद्धारमैया की पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
गौरतलब है कि MUDA घोटाला मामले की याचिकाकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया को मुख्य आरोपी, उनकी पत्नी पार्वती को दूसरा आरोपी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी को तीसरा और भूमि मालिक देवराजू को चौथा आरोपी बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
क्या है MUDA घोटाला?
बता दें कि इस विवाद का केंद्र बिंदु 3.2 एकड़ भूमि है, जिसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में उपहार में दिया था। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के बाद सीएम की पत्नी ने मुआवजे का अनुरोध किया था, इसके परिणामस्वरूप उन्हें 14 भूखंड आवंटित कर दिए गए। उन पर आरोप है कि इन भूखंडों का मूल्य मूल भूमि की तुलना में काफी ज्यादा है। विपक्षी दलों ने 3 से 4 हजार करोड़ रुपए घोटाले का आरोप लगाया है।�