Mysterious Krishna Temples (Photos – Social Media)
Mysterious Krishna Temples : भारत असंख्य मंदिरों का घर है। यहां पर कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद हैं। आप इन मंदिरों में जाकर यहां के चमत्कार और इतिहास के बारे में आसानी से जान सकते हैं। पूर्व भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कई तरह के मंदिर हैं जो लोगों के आस्था का केंद्र हैं। भारत में कई सारे श्री कृष्ण मंदिर है जो विश्व भर में पहचाने जाते हैं। बांके बिहारी मंदिर द्वारकाधीश मंदिर प्रेम मंदिर जैसी जगहों पर अक्सर पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। आज हम आपको देश में मौजूद रहस्य में कृष्णा मित्रों के बारे में जानकारी देते हैं।
तिरुवरप्पु मंदिर केरल (Thiruvarappu Temple Kerala)
भारत में स्थित किसी राह में कृष्ण मंदिर की बात करते हैं तो सबसे पहले इस मंदिर का नाम सामने आता है। यह मंदिर दक्षिण भारत के केरल में मौजूद है और इसका इतिहास 1500 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में कहां जाता है कि यह देश का एक ऐसा मंदिर है जहां श्री कृष्ण की मूर्ति दुबली होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि भगवान ने खुद इस मूर्ति का निर्माण किया था। जन्माष्टमी की मां के ऊपर यहां देश के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं।
जुगल किशोर मंदिर मथुरा (Jugal Kishore Temple Mathura)
मथुरा एक ऐसा शहर है जिससे कृष्ण मंदिरों का घर कहां जाए तो गलत नहीं होगा। मथुरा में एक से प्राचीन और विश्व प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर मौजूद है। यहां जुगल किशोर मंदिर है जो 300 साल पुराना है। मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर के गर्भ ग्रह में रखी गई मूर्ति को ओरछा के रास्ते वृंदावन लाया गया था। ऐसा कहां जाता है की जन्माष्टमी के मौके पर स्वयं श्री कृष्णा यहां पर विराजमान होते हैं।
वेणुगोपाल स्वामी मंदिर कर्नाटक (Venugopala Swamy Temple Karnataka)
दक्षिण भारत का कर्नाटक अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है। यहां का वेणुगोपाल कृष्ण मंदिर एक रहस्यमय मंदिर है। 12वीं शताब्दी में होयसल राजवंश ने इसे बनाया था। ऐसा कहा जाता है कि आधी रात को यहां से बांसुरी की आवाज आती है। लोगों का कहना है कि यहां स्वयं श्री कृष्ण बांसुरी बजाते हैं। यह भी बताया जाता है कि 70 सालों तक यह पानी में रहा और जो भी यहां दर्शन करने आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।
श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा (Shrinathji Mandir, Nathdwara)
नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर के लिए सबसे प्रसिद्ध है, जो भगवान कृष्ण के अवतार श्रीनाथजी को समर्पित है। हर साल, हज़ारों श्रद्धालु जन्माष्टमी, होली और दिवाली के लिए यहाँ आते हैं। नाथद्वारा, जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ है “भगवान का प्रवेश द्वार “, अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। मंदिर के बारे में बोला जाता है कि जन्माष्टमी के मौके यहां खुद भगवान विराजमान होते हैं। कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।