Shaktipeeth in Uttar Pradesh (Image Credit-Social Media)
Shaktipeeth in Uttar Pradesh: हिन्दू पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर,2024 गुरूवाल से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। जिसका समापन 12 अक्टूबर 2024 शनिवार को होगा। ऐसे में मां दुर्गा के मंदिरों में काफी भीड़ रहती है। वहीँ आज हम आपको उत्तर प्रदेश में मां दुर्गा के कई सारे चमत्कारी और सिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो शक्तिपीठ हैं। इन मंदिरों का पुराणों में भी जिक्र मिलता है। आइये एक नज़र डालते हैं उत्तर प्रदेश के इन शक्तिपीठों पर।
उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं ये शक्ति पीठ
श्रीउमा शक्तिपीठ, वृंदावन
माता सती के कुल 51 शक्तिपीठ हैं जिनमे से एक वृंदावन में भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर देवी के केशों का गुच्छ और चूड़ामणि गिरी थी। ये मंदिर उमा देवी मंदिर के नाम से विख्यात है यहाँ हर साल नवरात्रि पर विशेषकर भक्तों की भारी भीड़ रहती है। साथ ही पूरे साल भी श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
विशालाक्षी शक्तिपीठ, वाराणसी
वाराणसी का विशालाक्षी शक्तिपीठ भी उन 51 शक्तिपीठों में से एक है। ये बेहद प्रसिद्ध है ये मंदिर वाराणसी में मणिकर्णिका घाट के पास स्थित है। इस जगह पर माता सती की मणिकर्णिका गिरी थी।
पंचसागर शक्तिपीठ, वाराणसी
वाराणसी में ही एक और शक्तिपीठ है लेकिन इसका कोई वास्तविक नाम ज्ञात नहीं हो पाया है। यहां पर माता की निचली दाढ़ गिरी थी, जिसपर यहाँ का नाम पड़ा वाराही।
प्रयाग शक्तिपीठ, प्रयागराज
संगमनगरी प्रयागराज में माता सती का हस्तांगुल गिरा था। जिसकी वजह से ये भी शक्तिपीठ में शामिल है। कहते हैं कि संगम में स्नान करने के बाद इस महाशक्तिपीठ में दर्शन-पूजन से भक्तों की मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है। वहीँ यहाँ पर तीन ऐसे मंदिर हैं जिन्हे शक्तिपीठ माना जाता है। जिसमे ललितादेवी मंदिर, कल्याणीदेवी और अलोपीदेवी धाम प्रमुख हैं।