Neelkanth Temple Haridwar (Photos – Social Media)
Neelkanth Temple Haridwar : हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा सनातन का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में कई ऐसे स्थान हैं, जिनका वर्णन धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी प्राचीनता आदि अनादि काल की बताई जाती है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को तीर्थ स्थान कहा जाता है, तो वही हरिद्वार को भोलेनाथ की नगरी भी कहा जाता है। जहां महादेव ने समुद्र मंथन से निकला विष पीया था, वह स्थान भी हरिद्वार में है। जहां श्रद्धालु देश-विदेश से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. हरिद्वार में स्थित नीलेश्वर महादेव मंदिर का सनातन धर्म में विशेष स्थान है. इसका वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी किया गया है।
�स्वयंभू है शिवलिंग (Self-Proclaimed Shivalinga)
हरिद्वार-नजीबाबाद रोड पर स्थित नीलेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में श्रद्धालु भक्ति भाव से नीलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करने आते हैं। मंदिर में रोजाना सुबह और शाम आरती होती है। नीलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। भगवान शंकर मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मंदिर में स्थित स्वयंभू शिवलिंग की विधि अनुसार पूजा की जाती है। स्वयंभू शिवलिंग पर गंगा जल और दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है।
स्कंद पुराण में है वर्णन (There is A Description in Skanda Purana)
पुजारी बताते हैं कि इस स्थान का वर्णन स्कंद पुराण और शिव पुराण में विस्तार से किया गया है। इस मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होने का भी महत्व है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को इस मंदिर में पूजा करने से सभी तन के रोग दूर हो जाते हैं। पुजारी बताते है कि मंदिर में एक लोटा गंगा जल चढ़ाने से तीर्थ फल की प्राप्ति होती है और पूर्णिमा को दूध से अभिषेक करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जो भी श्रद्धालु मंदिर में भक्ति-भाव से सोमवार के दिन पूजा पाठ करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ पूरी कर देते हैं।