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    Home » Ooty Famous Tourist Places: सर्दियों में कम बजट में करें ऊटी की यात्रा, प्रकृति से भरपूर नजारे कर देंगे मोहित
    Tourism

    Ooty Famous Tourist Places: सर्दियों में कम बजट में करें ऊटी की यात्रा, प्रकृति से भरपूर नजारे कर देंगे मोहित

    By December 10, 2024No Comments13 Mins Read
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    Ooty Famous Tourist Places (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Ooty Best Tourist Places: आजकल आपाधापी भरी जिंदगी में लोग कुछ अच्छे पल बिताने के लिए किसी न किसी डेस्टिनेशन ट्रिप का प्लान बनाना सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं। इस तरह से रोजमर्रा की जिंदगी से हटकर कुछ दिनों के लिए लिया गया ब्रेक आपको मानसिक शांति (Mental Peace) प्रदान करने के साथ वापस एनर्जी से पूरी तरह चार्ज कर देता है। अगर आप कम बजट में और कम समय के लिए कोई ट्रिप प्लान कर रहें हैं तो इस लिस्ट में ऊटी (Ooty) को एक बेहतरीन विकल्प कहा जा सकता है।

    नीलगिरि पहाड़ियों में बसा एक सुरम्य हिल स्टेशन (Hill Station Ooty), अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध है। इस जगह को हरियाली और इसके सुहावने मौसम के चलते ’हिल स्टेशनों की रानी’ (Hill Stations Ki Rani) भी कहा जाता है। यहां चारों ओर कोई स्वर्ग जैसे नज़ारों, विशाल चाय के बागानों और शांत झीलों से लेकर झरने बहुत कुछ ऐसा है जो आपकी इस ट्रिप को यादगार बनाने में मददगार साबित होगा। ऊटी में घूमने की जगहो में ब्रिटिश युग के चर्च , बॉटनिकल गार्डन, रेसकोर्स और प्यारी ऊटी झील हैं, जिन्हें आप सिर्फ एक दिन में देख सकते हैं। औपनिवेशिक युग से संबंधित, इस शहर में कई ऐतिहासिक चर्च हैं जो ऊटी में पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं।

    नीलगिरी की पहाड़ियों में घने जंगलों के बीच स्थित ऊटी को ब्रिटिश शासनकाल में समर रिट्रीट के रूप में विकसित किया था। यहां आने के लिए हवाई और रेल सुविधा के अलावा आप खुद भी अपनी गाड़ी से ऊटी पहुँच सकते हैं। यदि आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो ऊटी बाइक से भी आ सकते हैं। ऊटी को अगर अच्छे-से घूमना है, समझना है तो आपके पास कम से 2-3 दिन तो होने ही चाहिए। वैसे तो ऊटी में मौसम साल भर सुहावना रहता है, ठंडी रातों के साथ तापमान 5 से 15 डिग्री के बीच रहता है। घूमने का सबसे अच्छा समय (Ooty Ghumne Ka Sabse Achcha Samay) अक्टूबर से जून तक है। यहां गर्मियों के महीनों में अच्छी खासी पर्यटकों की भीड़ रहती है। आप के पास अगर 2 से 3 दिन का घूमने का प्लान है तो ऊटी आपके लिए बेहतर हिल स्टेशन साबित होगा। आइए जानते हैं ऊटी में खास पर्यटन स्थलों (Ooty Ke Paryatan Sthal) के बारे में-

    टॉय ट्रेन की सवारी (Ooty Toy Train)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी आकर अगर आपको यहां के प्राकृतिक नजारों का आनंद एक साथ उठाना है तो आपके लिए नीलगिरि माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) की सवारी टॉय ट्रेन (Toy Train) का सफर एक अद्भुत और कुछ नया अनुभव देने वाला साबित होगा। ये ट्रेन 1899 से शुरू होकर आज तक पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। ऊटी टॉय ट्रेन या नीलगिरी माउंटेन रेलवे को 2005 में यूनेस्को विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था।

    नीले और क्रीम कोच और लकड़ी के बेंच वाली ट्रेन में नीलगिरी के हरे-भरे चाय के बागान, विशाल नीलगिरी और नीलगिरी के पेड़, सुंदर पुल और अनगिनत सुरंगों में घुमाती हुई लेकर जाती हैं। टॉय ट्रेन 5 घंटे में 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है। ये दोपहर 2.00 बजे शुरू होती है और लगभग 2.25 बजे केट्टी पहुंचती है। केटी में कुछ समय बिताने के बाद आप केटी वैली व्यू पॉइंट (Ketti Valley View Point) भी जा सकते हैं, सड़क मार्ग से सरकारी रोज गार्डन जा सकते हैं।

    सेंट स्टीफंस चर्च (St. Stephen’s Church, Ooty)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी में सैलानियों द्वारा सबसे अधिक देखे जाने वाले चर्चों (Ooty Church) में गिना जाने वाला, सेंट स्टीफंस गिरजा घर है। इस औपनिवेशिक युग के चर्च में विक्टोरियन युग की स्थापत्य शैली मौजूद है। यह चर्च ऊटी में देखने लायक एक नायाब वास्तुशिल्प है। नीलगिरी में सबसे पुराने चर्चों में से एक, चर्च विक्टोरियन-युग की वास्तुकला, क्लॉक टॉवर और जहां दाग दार खिड़कियों के शीशे के लिए जाना जाता है, जहां अन्य दृश्यों के साथ, ईसा मसीह और मैरी के सूली पर चढ़ने के लिए बेबी जीसस को गोद में लिए हुए एक बड़ी सी तस्वीर है। अंतिम भोज की एक विशाल पेंटिंग इस चर्च की दीवारों को सुशोभित करती है।

    यहां से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य भी है, जिसमें मैसूर युद्ध में अंग्रेजों द्वारा उसे हराने के बाद मुख्य बीम और लकड़ी टीपू सुल्तान के महल से लाई गई थी और जुड़े हाथियों द्वारा यहां तक लाया गया था। चर्च का शांतिपूर्ण माहौल इसे खूबसूरत बनाता है। यहां जाने का समय रविवार को छोड़कर सुबह 10 बजे से 1 बजे तक और 3 बजे से 5 बजे तक है।

    पाइकारा झरना (Pykara Waterfalls)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी में प्राकृतिक झरने (Ooty Waterfalls) यहां घूमने आए पर्यटकों और परिवारों के लिए रोमांचक ट्रेकिंग स्पॉट और पिकनिक स्थलों के रूप में जाने जाते हैं। कैथरीन फॉल्स अपनी आकर्षक सुंदरता, विस्मयकारी झरने के पानी के लिए प्रसिद्ध है जो 250 मीटर की ऊंचाई से उतरता है और आसपास के हरे और घने जंगल जो एक त्रुटिहीन प्राकृतिक पृष्ठभूमि बनाता है से गुजरता है। ऊटी के मुख्य शहर से बमुश्किल 14 किलोमीटर दूर, कलहट्टी जलप्रपात बेलिका में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जलप्रपात पक्षी के रूप में जाना जाता है । वाचर्स पैराडाइज और फॉल्स की चोटी आपको पूरी घाटी का सबसे अद्भुत हवाई दृश्य प्रदान करती है।

    झरने की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के अलावा झील के पास घुड़सवारी और बोटिंग का भी पर्यटक आनंद उठाते हैं। पाइकारा झरना देखने के लिए सुबह 8.30 बजे से शाम 5 बजे के बीच जा सकते हैं। यहां हरे भरे जंगलों के बीच बसा पायकारा जलप्रपात देखने लायक है। 55 मीटर और 61 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झरना दो अलग-अलग खंडों में उत्पन्न होता है पाइकारा झरना मुकुर्ती की चट्टानों से निकलता है और चट्टानों के ऊपर बहने से पहले इसी झील में विलीन हो जाते हैं।

    डोड्डाबेट्टा पीक (Doddabetta Peak)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    डोड्डाबेट्टा पीक अपनी प्राकृतिक संपदाओं के चलते ऊटी और उसके आसपास के खूबसूरत पिकनिक स्थलों में आती है। डोड्डाबेट्टा नीलगिरी जिले में ऊटी-कोटागिरी रोड पर एक पर्वत शिखर है। जिसे ’बिग माउंटेन’ (Big Mountain) भी कहा जाता है। डोड्डाबेट्टा नीलगिरी रेंज का उच्चतम बिंदु है और ऊटी में देखने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक है। 2,623 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, डोड्डाबेट्टा दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है, जो बड़े पैमाने पर जंगल से घिरी हुई है।

    आप वाहन की मदद से शिखर (डोड्डाबेट्टा व्यूपॉइंट) तक पहुंच सकते हैं या ट्रैकिंग करते हुए चोटी तक पहुंच सकते हैं। यहां जानें का सबसे अच्छा समय सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे के बीच होता है। आप इस चोटी पर ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं या ड्राइव भी कर सकते हैं। चारों ओर आकर्षक घाटी को देखने के लिए पर्यटक यहां दूरबीनों के साथ आते हैं।

    एमराल्ड लेक (Emerald Lake)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मूक घाटी में एमराल्ड झील ऊटी में घूमने के लिए एक शानदार और यादगार स्थल के तौर पर जाना जाता है। चाय के बागानों और घास के मैदानों से घिरा, यह क्षेत्र गहरी शांति से पूर्ण है। अगर आप प्रकृति की गोद में अपने मित्रों और परिवार के साथ कुछ खास समय बिताना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक बेहतरीन स्थान है। यहां आसपास के जंगल और नीली झील का पानी विविध वनस्पतियों और जीवों का घर है। यहां पर आप बतख और अन्य जलीय जानवरों सहित विभिन्न प्रकार के पक्षियों का कलरव और उनके विचरण को देख सकते हैं। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त भी देखना अपने आप में एक शानदार अनुभव है।

    माइल शूटिंग पॉइंट (Mile Shooting Point)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    माइल शूटिंग पॉइंट को वेनलॉक डाउन्स (Wenlock Downs) भी कहा जाता है। यहां जाने का समय सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे के बीच है और यहां की एंट्री फीस 10 रुपए है।यहां कई फेमस फिल्मों की भी शूटिंग की जाती है जिनमें, कुछ कुछ होता है, ‘दीवाना’ और ‘राजा हिंदुस्तानी’ शामिल है। इस जगह में घने जंगलों से घिरे हरे-भरे घास के मैदान हैं और नीलगिरि पहाड़ियां यहां के नजारों को और मनोरम बना देती हैं।

    ऊटी झील (Ooty Lake)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी झील नीलगिरी जिले का एक दर्शनीय पर्यटन स्थल के तौर पर प्रसिद्ध है। 1824 में जॉन सुलिवन द्वारा निर्मित यह मानव निर्मित झील 65 एकड़ में फैली हुई है। आसपास के बोट हाउस के लिए लोकप्रिय, यह नीलगिरी के पेड़ों और नीलगिरी रेंज से घिरा हुआ है। इस शांत झील में नौका विहार की सुविधा है और पर्यटक पैडल बोट, मोटरबोट या रोइंग बोट किराए पर ले सकते हैं। बच्चे मिनी ट्रेन की सवारी का आनंद ले सकते हैं और मनोरंजन पार्क में खेल सकते हैं, जिसमें हॉन्टेड हाउस और मिरर हाउस की सुविधा है।

    यूकेलिप्टस के घने पेड़ों से घिरी ऊटी झील दर्शनीय स्थलों की यात्रा के बाद आराम करने के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में जानी जाती है। यहां जाने का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे के बीच है और भारतियों के लिए फीस यहां 13 रुपए है, तो वही विदेशी पर्यटकों के लिए 560 रुपए है। यहां ऊटी की लोकल मार्किट में खरीदारी करने के लिए भी लोग खास तौर से आते हैं।

    टी एस्टेट व्यू पॉइंट (Tea Estate View Point)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    यहां चाय संग्रहालय में आप कारखाने में पूरी चाय उत्पादन प्रक्रिया देख सकते हैं। एक एकड़ के क्षेत्र में फैली हरी-भरी नीलगिरी की गोद में बसे, आप कारखाने में चाय की पत्तियों के सूखने से लेकर अंतिम पैकेजिंग तक का पूरा ’लीफ टू टी’ चक्र देख सकते हैं। चाय संग्रहालय में चाय की पत्तियों की विभिन्न किस्मों को बनाने की प्रक्रिया और चाय का विकास के बारे में जानकारी दी जाती है। आप इलायची या चॉकलेट चाय का एक नमूना भी ले सकते हैं। डोड्डाबेट्टा पीक से दस मिनट की ड्राइव करके आप ऊटी की प्रसिद्ध टी एस्टेट व्यूपॉइंट जा सकते हैं।

    जैसा कि नाम से मालूम पड़ता है, टी एस्टेट व्यूपॉइंट एक विशाल चाय के बागांकी संपत्ति के भीतर स्थित है, जिसमें एक संग्रहालय और एक चाय का कारखाना है जहाँ आप एक कप ताज़ी बनी चाय का स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा, आप फैक्ट्री आउटलेट पर विभिन्न प्रकार की चाय, चॉकलेट, आवश्यक तेल और अन्य स्मृति चिन्ह की खरीदारी भी कर सकते हैं।

    सरकारी बॉटनिकल गार्डन (Botanical Garden)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    सरकार द्वारा बनाए गये तमिलनाडु के, ऊटी के इस उद्यान में संभवतः भारत में सबसे अधिक प्रकार के गुलाब हैं। बगीचे को पाँच सीढ़ीदार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जो 10 एकड़ से अधिक भूमि को कवर करता है और इसमें 20,000 से अधिक प्रकार के गुलाब हैं। एक पर्यटक हाइब्रिड चाय गुलाब, रैंबलर, लघु गुलाब, हरे गुलाब, काले गुलाब, पैपजेनो और फ्लोरिबुंडा का आनंद ले सकता है। मार्च से जून तक फूल पूरी तरह खिलते हैं। 55 हेक्टेयर में फैले, ऊटी बॉटनिकल गार्डन में स्वदेशी और विदेशी पौधों और पेड़ों की लगभग एक हजार प्रजातियां हैं।

    साथ ही यह उद्यान रंगीन नीलगिरि पक्षियों का भी घर है, जो पेड़ों और बाड़ों में अपना घोंसला बनाते रहते हैं। यहां टहलते हुए लोगों को बेहद शांति का अनुभव होता है। यहां सजावटी पौधों, बोन्साई पौधे, फर्न, जड़ी-बूटियों और दुर्लभ पेड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला है।

    मरिअम्मन मंदिर (Mariamman Temple)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    आस्था का केंद्र माना जाने वाला ऊटी का मरिअम्मन मंदिर देश भर से आए भक्तों और पर्यटकों से भरा रहता है। इस मंदिर का सुंदर, पांच-स्तरीय गोपुरम बस आकर्षक है। मंदिर में मरिअम्मन की बहन कालियाम्मन की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि देवी-देवता मिलकर बीमारियों को ठीक करते हैं। हर साल अप्रैल में, मंदिर में देवताओं के सम्मान में एक उत्सव आयोजित किया जाता है जहां भक्त जलते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। नवग्रहों के रूप में अद्वितीय उस मंदिर में यहां उनके चित्र उनकी पत्नियों के साथ मौजूद हैं। देवी मरिअम्मन, जिन्हें देवी काली का एक रूप माना जाता है, उन्हें महामाई या शीतला गौरी के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें वर्षा की देवी माना जाता है।

    यहां का खास व्यंजन (Ooty Famous Foods List)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी में हर कोने पर आप दक्षिण भारतीय भोजन पा सकते हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश व्यंजन नारियल, नारियल तेल, हींग और इमली से तैयार किए जाते हैं। लोकप्रिय नाश्ते में इडली, डोसा, उत्तपम, वड़ा और उपमा शामिल हैं, जिन्हें नारियल की चटनी और सांबर के साथ परोसा जाता है। लंच और डिनर में चावल, पॉपपैडम और चटनी के साथ करी होती है। अवियल एक लोकप्रिय सब्जी स्टू और ऊटी की विशेषता है। ऊटी में कई तरह के डोसा होते हैं। लेकिन नीर डोसा खास काफी खास है।

    चिकन चेट्टीनाड एक क्लासिक दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जिसे नारियल के दूध से तैयार काली मिर्च की ग्रेवी में डाला जाता है। यहां की कोझुक्कट्टा एक लोकप्रिय मिठाई है। ये चावल के आटे की रैपिंग और कसा हुआ नारियल और गुड़ की फिलिंग से बने पकौड़े हैं। ऊटी में कुछ बेहतरीन होममेड चॉकलेट भी काफी ज्यादा पसंद की जाती हैं। वर्की एक लोकप्रिय क्रस्टी, क्रिस्पी कुकी है। यहां की खास किस्म की चाय और कॉफी भी पर्यटकों द्वारा खूब पसंद की जाती है।

    इतना आएगा खर्च (Ooty Ghumne Me Kitna Kharcha Aata Hai)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    अगर आप परिवार के साथ ऊटी की यात्रा के लिए जा रहें हैं तो यहां घूमने में आने वाला खर्च परिवार के सदस्यों की संख्या, ठहरने की अवधि, आवास की प्राथमिकताएँ और नियोजित गतिविधियों पर निर्भर करता है। यदि आप मध्यम पारिवारिक यात्रा करते हैं तो ये खर्च 20,000 से 50,000 रुपये या उससे अधिक का बजट पर्याप्त हो सकता है।अगर आप अकेले घूमने जा रहे हैं, तो आपका खर्च 20750 रुपए आएगा, वहीं दो लोगों के लिए कीमत 10860 रुपए के करीब आ सकता है, जबकि तीन लोगों के लिए 8300 रुपए खर्च का अनुमान है। अगर ट्रिप में आपके साथ बच्चा है, तो बेड के साथ बुकिंग 4550 रुपए तक खर्च आ सकता है।

    ऊटी कैसे पहुंचें (How To Reach Ooty)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    ऊटी चेन्नई और बैंगलोर जैसे महत्वपूर्ण शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। ऊटी पहुँचने के लिए हवाईजहाज से निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर में है, जो हिल स्टेशन से लगभग 100 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। कोयंबटूर चेन्नई, बैंगलोर, मदुरै और हैदराबाद सहित कई दक्षिण भारतीय शहरों से हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

    ट्रेन से (How To Reach Ooty by Train)

    मेट्टुपालयम और कोनूर भी टॉय ट्रेन द्वारा ऊटी से जुड़े हुए हैं।मेट्टुपालयम ऊटी से करीब 47 किमी दूर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। कोयंबटूर और चेन्नई से मेट्टुपालयम के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं।

    सड़क द्वारा (How To Reach Ooty by Road)

    ऊटी सड़क मार्ग से दक्षिण भारत के कई शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जिसमें मैसूर, बेंगलुरु, मदुरै और कन्याकुमारी तथा केरल के कई शहरों से ऊटी के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

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