
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे पर लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को मीडिया तमाशा बताने के बाद कड़ी आलोचना की। प्रधानमंत्री ने कड़े लहजे में कहा, उन्हें ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहने पर मजबूर किया गया। यह आतंकवादियों द्वारा मारे गए 26 बहादुरों के ज़ख्मों पर तेज़ाब डालने जैसा है।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा, कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता है और बदलता भी है। कांग्रेस अपने नए सदस्य से कहलवाती है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तमाशा था। जिस भीषण आतंकी घटना में 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। उस पर ये तेजाब छिड़कने वाला पाप है।
नेहरू जी की चर्चा होते ही कांग्रेस का इकोसिस्टम बिलबिला जाता है: PM मोदी
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलेते हुये कहा, जब भी मैं नेहरू जी की चर्चा करता हूं, तो कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम बिलबिला जाता है। मैं एक शेर सुना करता था, “लम्हों ने ख़ता की और सदियों ने सज़ा पाई।”
उन्होंने आगे कहा, आजादी के बाद जो फैसले लिए गए, उनकी सजा देश आज तक भुगत रहा है। अक्साई चिन को बंजर ज़मीन करार दिया गया, देश की 38 हज़ार वर्ग किमी ज़मीन हमें खोनी पड़ी। 1962–63 के बीच कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उरी, नीलम वैली और किशनगंगा को छोड़ने का प्रस्ताव रख रहे थे और ये ‘लाइन ऑफ पीस’ के नाम पर किया जा रहा था। 1966 में रन ऑफ कच्छ पर इन्हीं लोगों ने मध्यस्थता स्वीकार की। एक बार फिर इन लोगों ने भारत का करीब 800 वर्ग किमी क्षेत्र पाकिस्तान को सौंप दिया, जिसमें क्षणबेट भी शामिल है।
हाजीपीर पास और PoK वापस लेने का मौका कांग्रेस ने गंवाया
1965 की जंग में हाजीपीर पास को हमारी सेना ने वापस जीत लिया था, लेकिन कांग्रेस ने उसे फिर लौटा दिया। 1971 में पाकिस्तान के 93 हज़ार फौजी हमारे पास बंदी थे, और पाकिस्तान का हज़ारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हमारी सेना के कब्ज़े में था। उस दौरान अगर थोड़ी सी दूरदृष्टि और समझ होती, तो PoK को वापस लेने का निर्णय लिया जा सकता था। इतना सब कुछ सामने होने के बावजूद, कम से कम करतारपुर साहिब को तो ले सकते थे वो भी नहीं कर पाए।
क्या कहा था प्रणीति शिंदे?
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान, महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर सरकार द्वारा चलाया गया एक मीडिया तमाशा के अलावा कुछ नहीं था। कोई हमें यह नहीं बता रहा कि असल में क्या हासिल हुआ। कितने आतंकवादी पकड़े गए? हमने कितने लड़ाकू विमान खो दिए? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? सरकार को जवाब देना चाहिए। उनकी टिप्पणियों पर सत्तारूढ़ दल ने जोरदार विरोध जताया और बाद में अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया।