
Politician Anto Antony Punnathaniyal Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Anto Antony Punnathaniyal Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Anto Antony Punnathaniyal: Politician Anto Antony Punnathaniyal (Image Credit-Social Media) अपनी छाप छोड़ी है, पर कुछ नाम ऐसे होते हैं जो जनता से निरंतर जुड़ाव और सेवा भाव के कारण बार-बार लोकसभा तक पहुंचते हैं। एंटो एंटनी पुन्नथानियाल एक ऐसे ही नेता हैं, जिन्होंने न सिर्फ केरल के पथनमथिट्टा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान सिपाही के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। उनका राजनीतिक जीवन कार्यकर्ताओं की पंक्ति से संसद के गलियारे तक की एक प्रेरणादायक यात्रा है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
एंटो एंटनी पुन्नथानियाल का जन्म 1 मई 1961 को केरल के कंजिरापल्ली, जिला कोट्टायम में हुआ। उनका जन्म एक परंपरागत ईसाई परिवार में हुआ, जहाँ मूल्यों, नैतिकता और सामाजिक चेतना को प्राथमिकता दी जाती थी। शिक्षा के प्रति उनके परिवार का विशेष रुझान था, जिसका प्रभाव एंटो की शैक्षणिक यात्रा पर भी पड़ा। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की डिग्री प्राप्त की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कानून (एलएल.बी.) और पत्रकारिता (पी.जी. डिप्लोमा) की पढ़ाई भी की। यह बहुआयामी शैक्षणिक पृष्ठभूमि उनकी भविष्य की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों की नींव बनी।

Politician Anto Antony Punnathaniyal (Image Credit-Social Media)
राजनीति में प्रवेश और प्रारंभिक सक्रियता
राजनीति में एंटो एंटनी का प्रवेश छात्र जीवन से ही हो गया था। वे केरल स्टूडेंट्स यूनियन (KSU) से जुड़े और इसके माध्यम से उन्होंने युवा नेतृत्व, संगठन क्षमता और जनसमस्याओं की समझ विकसित की। वह KSU कोट्टायम जिला के अध्यक्ष, राज्य सचिव और KSU यूनिट में सक्रिय पदों पर रहे।
उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें युवा कांग्रेस के विभिन्न स्तरों पर पद सौंपे गए जैसे कि युवा कांग्रेस, केरल राज्य के महासचिव और युवा कांग्रेस राष्ट्रीय अभियान समिति के सदस्य। ये सभी जिम्मेदारियाँ उन्हें जमीनी हकीकतों से जोड़ती रहीं और कांग्रेस पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत करती गई।
संसदीय जीवन की शुरुआत
2009 के आम चुनावों में, पठनमथिट्टा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, जो उस समय एक नया संसदीय क्षेत्र था, से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए एंटो एंटनी ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की। उन्होंने सीपीआई (एम) के के. अनंतगोपन को हराया और 56,294 वोटों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बी. राधाकृष्णन को पछाड़ते हुए पहले सांसद बने। 2014 में, उन्होंने पुनः पठनमथिट्टा से चुनाव लड़ा और निर्दलीय प्रत्याशी पीलिपोस थॉमस को हराकर लगातार दूसरी बार लोकसभा में पहुंचे। उनकी लोकप्रियता इस तथ्य से भी झलकती है कि वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

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संसदीय समितियों में भूमिका
एंटो एंटनी को संसद में कई महत्वपूर्ण समितियों में नियुक्त किया गया। इनमें शामिल हैं :-
– 31 अगस्त 2009 में ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सभा पटल पर रखे गए पत्रों की समिति और विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य नियुक्त हुए।
– 1 सितंबर 2014 में सरकारी आश्वासनों पर समिति, खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण संबंधी स्थायी समिति और अन्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य नियुक्त हुए।
इन समितियों के माध्यम से उन्होंने पर्यावरणीय संरक्षण, उपभोक्ता हित और ऊर्जा संसाधनों के कुशल उपयोग जैसे मुद्दों पर प्रभावशाली योगदान दिया।
सामाजिक प्रतिबद्धता और जनकल्याण
एंटो एंटनी केवल एक सांसद नहीं, बल्कि एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे दूरदर्शन और आकाशवाणी कर्मचारी संघ, KSEF ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। उनका सामाजिक सरोकार विशेषकर शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा रहा है।
पठनमथिट्टा जैसे इलाके में, जहाँ जलवायु परिवर्तन, बाढ़ और भूस्खलन जैसी समस्याएँ आम हैं, एंटो एंटनी ने आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। COVID-19 महामारी के दौरान उन्होंने जरूरतमंदों तक चिकित्सा सामग्री, भोजन और सहायता पहुंचाने में उल्लेखनीय प्रयास किए।

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सांसद के रूप में काम और योगदान
एंटो एंटनी ने सांसद के रूप में अपने कार्यकाल में पठनमथिट्टा के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क परियोजनाओं पर ज़ोर दिया। सबरीमाला तीर्थयात्रा क्षेत्र में सुविधाओं के विकास, नदियों के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन और किसानों की समस्याओं को संसद में मुखरता से उठाया।
उन्होंने बार-बार पर्यावरण संरक्षण, पश्चिमी घाटों की जैव विविधता, और सबरीमाला से संबंधित पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक मुद्दों पर आवाज़ उठाई। उनका लोकसभा में उपस्थिति रिकॉर्ड भी अच्छा रहा, और उन्होंने क्षेत्रीय समस्याओं को दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास किया।
राजनीतिक छवि और कार्यशैली
कांग्रेस पार्टी में एंटो एंटनी एक गंभीर, विचारशील और जमीनी नेता के रूप में जाने जाते हैं। वे विवादों से दूर रहकर मुद्दा आधारित राजनीति को प्राथमिकता देते हैं। उनके भाषणों में जनहित, विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्पष्ट झलक मिलती है। पार्टी के आंतरिक मंचों से लेकर संसद के उच्च मंच तक, वे हमेशा केरल के हितों की बात मजबूती से रखते रहे हैं। उनका राजनीतिक रुझान समावेशी विकास की अवधारणा पर आधारित है, जिसमें सभी वर्गों के कल्याण की सोच निहित है।

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चुनौतियां और आलोचनाएं
हालांकि एंटो एंटनी की छवि साफ-सुथरी और विकासपरक रही है, लेकिन विपक्षी दलों ने कभी-कभार उन पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में पर्याप्त उपस्थिति न रखने और युवाओं के लिए रोजगार सृजन में प्रभावशाली योजना न लाने की आलोचना की है। इसके बावजूद, उनके समर्थक उन्हें एक संवेदनशील और उपलब्ध रहने वाले जनप्रतिनिधि के रूप में देखते हैं, जो जनता के मुद्दों पर सक्रियता से ध्यान देते हैं। एंटो एंटनी पुन्नथानियाल एक ऐसे नेता हैं जो परंपरा और आधुनिकता के संतुलन को बनाए रखते हुए भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में सतत लगे हुए हैं। केरल की राजनीति में उनका स्थान केवल एक सांसद के रूप में नहीं, बल्कि एक जनसेवक के रूप में भी महत्वपूर्ण है। उनकी प्रतिबद्धता, कार्यशैली और जनहित के मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टिकोण उन्हें एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि बनाते हैं, जो आने वाले वर्षों में भी राजनीति और समाज दोनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे।